
Is It Safe To Drink Ayurvedic Kadha Daily: आजकल सेहत को लेकर जागरूकता बढ़ी है और इसी के साथ आयुर्वेदिक काढ़े का चलन भी तेजी से बढ़ा है। सुबह उठते ही काढ़ा पीना अब कई लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। कोई इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय-तुलसी का काढ़ा पी रहा है, तो कोई वजन कंट्रोल और शुगर के डर से करेला या नीम का काढ़ा अपनाए हुए है। सोशल मीडिया से लेकर व्हाट्सएप फॉरवर्ड तक, हर जगह काढ़े को हर समस्या का आसान और सुरक्षित समाधान बताया जा रहा है लेकिन सवाल यह है कि क्या हर आयुर्वेदिक काढ़ा रोजाना पीना वाकई सुरक्षित है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की-
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क्या आयुर्वेदिक काढ़ा रोज पीना सुरक्षित है? - Is it safe to drink ayurvedic kadha daily
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि सही सामग्री से बना काढ़ा रोज पीना आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन गलत जड़ी-बूटियों या अत्यधिक कड़वी चीजों से बना काढ़ा लंबे समय तक लेने पर नुकसान भी कर सकता है। डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार लोग अक्सर यह मान लेते हैं कि अगर कोई चीज आयुर्वेदिक है, तो उसे रोज और लंबे समय तक लिया जा सकता है। जबकि आयुर्वेद में साफ बताया गया है कि कुछ काढ़े कम समय के लिए ही लेने चाहिए। खासकर बहुत कड़वे स्वाद वाले काढ़े शरीर में धातुक्षय यानी शरीर के पोषक तत्वों की कमी कर सकते हैं।
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कड़वे काढ़े कर सकते हैं धातुक्षय
अगर कोई व्यक्ति रोजाना करेला, नीम, गुड़मार जैसे कड़वे तत्वों से बना काढ़ा पी रहा है, तो यह शरीर की धातुओं को कमजोर कर सकता है। इसी तरह रोज काली मिर्च की अधिक मात्रा से बना काढ़ा पीना भी उचित नहीं माना जाता। आयुर्वेद में ऐसे काढ़ों को रोग विशेष में और सीमित अवधि के लिए ही लेने की सलाह दी गई है। लंबे समय तक सेवन करने से कमजोरी, थकान और पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
रसायन काढ़े रोज पीने में सुरक्षित
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि तुलसी, मुलेठी, अश्वगंधा, त्रिफला और गिलोय जैसी जड़ी-बूटियों को रसायन माना जाता है। इनसे बना काढ़ा रोजाना पीना आमतौर पर सुरक्षित होता है। ये जड़ी-बूटियां शरीर को पोषण देती हैं, इम्यूनिटी बढ़ाती हैं और धातुओं को मजबूत बनाती हैं। सही मात्रा में लिया गया रसायन काढ़ा लंबे समय तक भी नुकसान नहीं करता।
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सावधानियां
जिन लोगों को बहुत ज्यादा कमजोरी, लो बीपी, एनीमिया या किसी तरह की क्रॉनिक बीमारी है, उन्हें रोज काढ़ा पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी बिना परामर्श के काढ़ा न लें। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति पहले से दवाइयां ले रहा है, तो काढ़ा उनके असर को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष
आयुर्वेदिक काढ़ा रोज पीना तभी सुरक्षित है, जब उसमें सही जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया हो। रसायन गुण वाले काढ़े जैसे तुलसी, गिलोय, त्रिफला और अश्वगंधा को रोजाना लिया जा सकता है, जबकि कड़वे और धातुक्षय करने वाले काढ़े सीमित समय और डॉक्टर की सलाह से ही लेने चाहिए। सही जानकारी और परामर्श के साथ लिया गया काढ़ा ही सेहत के लिए वास्तव में लाभकारी साबित होता है।
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FAQ
काढ़ा पीने का सही समय क्या है?
आमतौर पर काढ़ा सुबह खाली पेट या डॉक्टर की सलाह अनुसार गुनगुना पीना बेहतर माना जाता है।सर्दी में कौन सा काढ़ा पीना चाहिए?
सर्दी में तुलसी, गिलोय, त्रिफला, मुलेठी और अश्वगंधा का काढ़ा रोजाना पिया जा सकता है।गिलोय काढ़ा कितने दिन पीना चाहिए?
गिलोय का काढ़ा सेहत के लिए लाभकारी होता है और इसका सेवन व्यक्ति को अपनी जरूरत के अनुसार करना चाहिए।
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Dec 23, 2025 11:21 IST
Modified By : Akanksha TiwariDec 23, 2025 11:21 IST
Published By : Akanksha Tiwari