बच्चों के पोषण को लेकर हर माता-पिता सतर्क रहते हैं। खाने में क्या दिया जाए, कब दिया जाए और क्या रोज देना ठीक है- ये सवाल मन में रोज उठते हैं। खासकर भारतीय घरों में दाल-चावल एक आम और पारंपरिक भोजन है, जो बच्चों को अक्सर दोपहर के खाने में दिया जाता है। दाल-चावल हल्का, जल्दी पचने वाला और स्वादिष्ट होता है, इसलिए बच्चों को आसानी से पसंद आ जाता है। लेकिन क्या रोजाना बच्चों को दाल-चावल देना उनके विकास के लिए सही है? क्या इसमें वह सारे जरूरी पोषक तत्व होते हैं जिनकी बच्चों के शरीर और दिमाग को जरूरत होती है? कई पेरेंट्स सोचते हैं कि दाल-चावल तो हेल्दी होता है, इसलिए इसे रोज देने में कोई नुकसान नहीं। वहीं कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि बार-बार एक ही चीज देना पोषण की विविधता को कम करता है। इस लेख में हम जानेंगे कि बच्चों को रोज दाल-चावल देना चाहिए या नहीं, इसके क्या फायदे और नुकसान हैं और इसमें कैसे बैलेंस लाया जा सकता है ताकि बच्चा हेल्दी भी रहे और खाना भी एंजॉय करे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए बेहतर जानकारी हमने लखनऊ के विकास नगर में स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा से बात की।
बच्चों के लिए दाल-चावल खाने के फायदे- Benefits of Eating Dal-Rice For Kid's Health
- बच्चों की नाजुक पाचन शक्ति के लिए दाल-चावल हल्का और सुपाच्य भोजन है।
- दाल में प्रोटीन और चावल में कार्बोहाइड्रेट होने से यह एनर्जी व मसल ग्रोथ दोनों में मदद करता है।
- मम्मियों के लिए यह एक हेल्दी और झटपट बनने वाला लंच ऑप्शन है।
- इसकी नरम बनावट और हल्का स्वाद छोटे बच्चों को भी आसानी से पसंद आता है।
- मूंग या मसूर दाल में फाइबर और आयरन होता है, जो बच्चों की ग्रोथ और डाइजेशन के लिए जरूरी है।
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बच्चों को रोज दाल-चावल देना चाहिए या नहीं?- Should Kids Eat Dal-Chawal Daily
न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा बताती हैं कि बच्चों को दाल-चावल देना नुकसानदायक नहीं है, लेकिन अगर इसे हर दिन एक ही रूप में परोसा जाए, तो यह पोषण में विविधता की कमी कर सकता है। दाल प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और चावल एनर्जी देता है, लेकिन बच्चे के शरीर को आयरन, विटामिन-ए, फाइबर और फैटी एसिड्स भी चाहिए, जो अन्य खाद्य पदार्थों से मिलते हैं। इसलिए हफ्ते में 3-4 बार दाल-चावल देना सही है, पर साथ में हरी सब्ज़ियां, दही, फल और रोटी जैसी चीजें भी शामिल करना जरूरी है।
बच्चों को रोज दाल-चावल देने के नुकसान- Drawbacks of Including Dal-Chawal in Kid's Daily Diet
- रोज एक ही फूड देने से अन्य जरूरी न्यूट्रिएंट्स जैसे विटामिन-बी12, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स वगैरह की कमी हो सकती है।
- बच्चे एक जैसा खाना खाकर बोर हो सकते हैं और खाना छोड़ सकते हैं।
- बच्चों के दिमागी विकास के लिए हेल्दी फैट्स जरूरी हैं, जो दाल-चावल में कम होते हैं।
- अगर बच्चा नॉन-वेज नहीं खाता, तो दाल-चावल से मिलने वाला प्रोटीन अधूरा रह सकता है।
- कुछ दालों में पाए जाने वाले गोइट्रोजेन्स ज्यादा मात्रा में दिए जाने पर थायरॉइड फंक्शन पर असर डाल सकते हैं।
बच्चों को दाल-चावल देना हेल्दी हो सकता है, लेकिन इसे बैलेंस करना जरूरी है इसलिए रोज दाल-चावल देने के बजाय हफ्ते में 3-4 बार दें। अलग-अलग दालों, सब्जियों, सलाद, दही और फल के साथ परोसें ताकि पोषण भी पूरा मिले और बच्चा बोर भी न हो।
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FAQ
क्या रोज दाल चावल खाने से वजन बढ़ता है?
अगर दाल-चावल संतुलित मात्रा में खाया जाए, तो वजन नहीं बढ़ता, लेकिन जरूरत से ज्यादा खाने या कम शारीरिक गतिविधि से वजन बढ़ सकता है।बच्चों के लिए कौन सी दाल सबसे अच्छी होती है?
मूंग दाल बच्चों के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है क्योंकि यह आसानी से पच जाती है और प्रोटीन से भरपूर होती है।बच्चों के लिए कौन सा चावल अच्छा होता है?
बच्चों के लिए सादा सफेद चावल या ब्राउन राइस बेहतर होता है क्योंकि यह जल्दी पचता है और शरीर को जरूरी एनर्जी देता है।
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