जब प्रेग्नेंसी हाई रिस्क श्रेणी में आती है, तो मां और बच्चे दोनों की सेहत पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत जरूरी है ताकि मां को इंफेक्शन या अन्य समस्याएं न हों और शिशु का विकास भी सही तरीके से हो सके। इस दौरान सिर्फ खानपान ही नहीं, बल्कि आपका रोजमर्रा का रूटीन, मानसिक स्वास्थ्य और डॉक्टर की गाइडलाइन को फॉलो करना भी आपकी इम्यूनिटी को प्रभावित करता है। लखनऊ के विकास नगर में स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा ने बताया कि कई बार महिलाएं सोचती हैं कि सिर्फ फल-सब्जी खाकर वे इम्यूनिटी मजबूत कर लेंगी, लेकिन हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में यह काफी नहीं होता। इस स्थिति में पोषण एक्सपर्ट और डॉक्टर की सलाह के मुताबिक लाइफस्टाइल बदलना होता है। आपको छोटे-छोटे कदम उठाने होते हैं, जैसे शरीर को डिहाइड्रेट होने से बचाना, किसी भी तरह के इंफेक्शन से दूरी बनाना और नियमित रूप से अपने हेल्थ पैरामिटर्स को मॉनिटर करना। इस लेख में हम जानेंगे कुछ खास और एक्सपर्ट-रिकमेंडेड उपाय, जिनकी मदद से हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में इम्यूनिटी को बेहतर बनाया जा सकता है।
1. हर्बल ड्रिंक्स से बढ़ाएं इम्यूनिटी- Boost Immunity with Herbal Drinks
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में कैफीन वाली चाय-कॉफी की जगह हल्दी-दूध, तुलसी-पानी या अदरक-सौंफ का पानी पिएं। ये शरीर को एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल सुरक्षा देते हैं और पाचन को भी दुरुस्त रखते हैं। इन हर्बल ड्रिंक्स से शरीर में सूजन कम करने में भी मदद मिलती है।
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2. हर 3 घंटे में मिनी मील्स लें- Take Mini Meals in Every 3 Hours
इस स्थिति में लंबे समय तक भूखे न रहें। हर 3 घंटे में थोड़ा-थोड़ा खाना (जैसे ड्राई फ्रूट्स, स्प्राउट्स या फ्रूट स्लाइस) आपके शरीर को एनर्जी देने के साथ-साथ इम्यूनिटी को बनाए रखता है। इससे आपको थकान महसूस नहीं होती और ब्लड शुगर लेवल भी संतुलित रहता है।
3. रोजाना 15 मिनट प्रेग्नेंसी मेडिटेशन करें- Do 15 Minutes Pregnancy Meditation
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस आपकी इम्यूनिटी को कमजोर कर सकता है। प्रेग्नेंसी के लिए डिजाइन किए गए मेडिटेशन ऐप या गाइडेड ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। यह मानसिक शांति देगा और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती मिलेगी। साथ ही आपके हॉर्मोन्स के संतुलन में भी अच्छा असर दिखेगा।
4. प्रेग्नेंसी सप्लीमेंट्स लें- Take Pregnancy Supplements: Iron, Folic Acid, Vitamin D
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पोषक तत्वों की कमी से इम्यूनिटी पर असर पड़ता है। इसलिए डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन-डी सप्लीमेंट्स नियमित रूप से लें ताकि मां और बच्चे दोनों को पूरा पोषण मिले। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर विटामिन-सी या जिंक सप्लीमेंट भी दे सकते हैं।
5. रात में जल्दी सोने की आदत डालें- Sleeping Early at Night
नींद की कमी इम्यूनिटी को कमजोर कर देती है। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में रोज रात कम से कम 8 घंटे की नींद लें और सोने का समय फिक्स रखें। अच्छी नींद आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है।
6. घर का ताजा पका खाना ही खाएं- Eat Only Freshly Cooked Home Food
बाहर का पैक्ड या प्रोसेस्ड फूड पूरी तरह से बंद कर दें। ताजे पके खाने में न्यूट्रिएंट्स सही मात्रा में रहते हैं और यह इम्यून सिस्टम को एक्टिव रखते हैं। भोजन में हल्दी, काली मिर्च और जीरे जैसे इम्यून-बूस्टिंग मसाले जरूर शामिल करें।
7. मास्क-सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें- Use Mask & Sanitizer
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में किसी भी वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाव जरूरी है। घर के बाहर मास्क पहनें और समय-समय पर हाथ सैनिटाइज करते रहें। भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूरी बनाना आपकी सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में इम्यूनिटी मजबूत बनाए रखना मां और शिशु दोनों की सेहत के लिए जरूरी है। इस स्थिति में छोटे-छोटे बदलाव जैसे सही खानपान, पर्याप्त नींद, सुरक्षित हर्बल ड्रिंक्स का सेवन और नियमित मेडिटेशन आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बना सकते हैं।
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FAQ
प्रेग्नेंसी में हाई रिस्क क्यों होता है?
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी तब होती है जब मां की उम्र 35 वर्ष से ज्यादा या 18 वर्ष से कम हो, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, थायरॉइड, हार्ट प्रॉब्लम, जुड़वां भ्रूण का होना और पहले की प्रेग्नेंसी में समस्याएं शामिल हो सकती हैं।हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
ऐसी स्थिति में भारी सामान उठाना, अचानक झुकना या तेज चलने से बचें। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें। बाहर का अनहेल्दी और जंक फूड खाने से बचें। तनाव और चिंता से दूरी बनाएं क्योंकि ये मां और शिशु दोनों की सेहत पर असर डाल सकते हैं।हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के दौरान आराम कैसे करें?
आराम के लिए रोजाना 8-9 घंटे की नींद लेना जरूरी है। दिन में थोड़ी देर लेटकर या पांव ऊपर रखकर आराम करें ताकि सूजन न हो। गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज, हल्का म्यूजिक और मेडिटेशन मानसिक शांति देंगे और शरीर को रिलैक्स करेंगे।