
वायरल इंफेक्शन से ठीक होने के बाद कई लोगों को लंबे समय तक थकान, कमजोरी और सुस्ती महसूस होती है। इसे पोस्ट वायरल फटीग या पोस्ट वायरल थकान कहा जाता है, शरीर वायरस से लड़ते-लड़ते इतना थक जाता है कि इम्यून सिस्टम, लिवर और पाचन तंत्र सभी कमजोर पड़ जाते हैं। ऐसे में शरीर को सिर्फ आराम ही नहीं, बल्कि भीतर से डिटॉक्स और एनर्जी करने की जरूरत होती है और यहीं पर काम आती है गिलोय (Giloy), जिसे आयुर्वेद में अमृता यानी अमरत्व देने वाली जड़ी-बूटी कहा गया है। इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, वायरल के बाद थकान और कमजोरी में गिलोय कैसे फायदा करती है।
वायरल के बाद कमजोरी में गिलोय - Giloy for post viral fatigue recovery
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि गिलोय (Tinospora cordifolia) को आयुर्वेद में बहुत पावरफुल औषधि बताया गया है। यह न केवल वायरल इंफेक्शन के दौरान फायदेमंद होती है, बल्कि पोस्ट वायरल रिकवरी में भी यह बेहद असरदार साबित होती है। डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, ''गिलोय आम पाचक है, यानी यह शरीर में जमा टॉक्सिन को खत्म करती है और लिवर को मजबूत बनाती है। लिवर जब ठीक तरह से काम करता है, तो पाचन सुधरता है और शरीर में नई ऊर्जा उत्पन्न होती है। यही कारण है कि वायरल ठीक होने के बाद भी अगर कमजोरी बनी रहती है तो गिलोय का सेवन रिकवरी को तेज कर देता है।''
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- वायरल इंफेक्शन के बाद शरीर में बचे हुए विषाक्त तत्व (आम) को गिलोय नष्ट करती है। यह पाचन अग्नि को संतुलित कर शरीर को अंदर से शुद्ध करती है।
- गिलोय इम्यून सिस्टम को न तो बहुत ज्यादा एक्टिव बनाती है, न बहुत कमजोर, बल्कि यह उसे संतुलित रखती है ताकि दोबारा इंफेक्शन न हो।
- डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि गिलोय ''यकृत बल्य'' है, यानी लिवर को शक्ति देने वाली जड़ी-बूटी। लिवर के सही काम करने से शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है और एनर्जी लेवल बढ़ता है।
- गिलोय के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मांसपेशियों की जकड़न और थकावट को कम करते हैं, जिससे शरीर हल्का और एक्टिव महसूस करता है।
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स्किन के लिए गिलोय - Giloy for skin
वायरल के बाद कई लोगों को स्किन डल और बेजान लगने लगती है, क्योंकि शरीर के अंदर का संतुलन बिगड़ जाता है। गिलोय इस स्थिति में भी लाभकारी मानी गई है। यह खून को शुद्ध करती है और लिवर को मजबूत बनाकर स्किन पर नेचुरल ग्लो लाती है। डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, ''जब लिवर और पाचन सही होते हैं, तो स्किन अपने आप स्वस्थ दिखती है। गिलोय इसी कारण स्किन के लिए भी बहुत अच्छा असर दिखाती है।''
निष्कर्ष
वायरल के बाद जो कमजोरी या थकावट लंबे समय तक बनी रहती है, उसमें गिलोय एक प्राकृतिक और सुरक्षित समाधान है। आयुर्वेद के अनुसार यह न केवल शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालती है बल्कि लिवर को मजबूत बनाकर ऊर्जा, पाचन और स्किन स्वास्थ्य में भी सुधार करती है।
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FAQ
क्या गिलोय रोजाना ली जा सकती है?
सामान्य मात्रा में गिलोय का नियमित सेवन सुरक्षित है, लेकिन आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर लें। शरीर की प्रकृति और स्थिति के अनुसार इसकी मात्रा तय की जाती है।गिलोय कौन नहीं ले सकता है?
जिन लोगों को ऑटोइम्यून डिजीज या ब्लड शुगर बहुत कम रहता है, उन्हें गिलोय केवल डॉक्टर की सलाह से लेनी चाहिए।क्या वायरल के लिए एंटीबायोटिक दवा लेनी चाहिए?
एंटीबायोटिक दवाएं कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेनी चाहिए। अगर आपको वायरल इंफेक्शन हुआ है तो डॉक्टर से सलाह लें।
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Nov 01, 2025 13:02 IST
Published By : Akanksha Tiwari