
कल्पना कीजिए सर्दियों की हल्की धूप में बैठा कोई बुजुर्ग, धीरे-धीरे सांस लेता हुआ, जिंदगी के शांत पलों का आनंद ले रहा हो लेकिन अचानक हल्की सी खांसी, तेजी से बढ़ती सांसें या थकावट उसके दिन को खतरनाक मोड़ दे सकती है। यही है निमोनिया, एक ऐसी बीमारी जो देखने में आम लगती है, लेकिन बुजुर्गों के लिए किसी छिपे हुए खतरे से कम नहीं। उम्र बढ़ने के साथ शरीर की इम्यूनिटी, जो सालों तक बीमारियों से बचाती रही, धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती है और यही कमजोरी किसी सामान्य इंफेक्शन को भी गंभीर निमोनिया में बदल सकती है। इस लेख में यशोदा हॉस्पिटल्स, हैदराबाद के क्लिनिकल और इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट सलाहकार डॉ. वाई. सोमा साई किरण (Dr. Y. Soma Sai Kiran is a Consultant Clinical and Interventional Pulmonologist) से जानिए, बुजुर्ग लोग निमोनिया से बचाव के लिए क्या करें?
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बुजुर्ग निमोनिया से बचाव के लिए क्या करें? - How seniors can prevent pneumonia
डॉ. वाई. सोमा साई किरण बताते हैं कि बुजुर्गों में निमोनिया इसलिए ज्यादा घातक होता है क्योंकि उनका शरीर संक्रमण से लड़ने में पहले जितना सक्षम नहीं रहता। फेफड़ों की ताकत भी उम्र के साथ घटती जाती है, जिससे छोटी सी खांसी या सर्दी-बुखार भी फेफड़ों को तेजी से संक्रमित कर सकती है। कई बार तो परिवार को लगता है कि यह सिर्फ मौसमी खांसी है, पर अंदर ही अंदर संक्रमण बढ़कर निमोनिया में बदल जाता है। खास बात यह है कि निमोनिया सिर्फ ठंड से नहीं होता, यह बैक्टीरिया, वायरस और यहां तक कि मुंह में मौजूद बैक्टीरिया से भी हो सकता है, जो सांस के साथ फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं।
चिंताजनक बात यह है कि डायबिटीज, दिल की बीमारी, हाई बीपी, किडनी की समस्या या COPD वाले बुजुर्गों में इसका खतरा दोगुना नहीं, कई गुना बढ़ जाता है लेकिन अच्छी खबर यह है कि निमोनिया से बचाव मुश्किल नहीं है, वैक्सीनेशन, स्वच्छता और थोड़ी सी देखभाल से बुजुर्ग खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
1. वैक्सीनेशन
बुजुर्गों के लिए वैक्सीन निमोनिया से बचाव का सबसे जरूरी और प्रभावी तरीका है। डॉ. साई किरण के मुताबिक, ''प्न्यूमोकोकल वैक्सीन बुजुर्गों को जरूर लगवानी चाहिए, क्योंकि यह बैक्टीरियल निमोनिया से सुरक्षा देती है। इसके अलावा फ्लू वैक्सीन हर साल लगवानी चाहिए, क्योंकि वायरल फ्लू फेफड़ों को कमजोर कर निमोनिया का कारण बन सकता है।'' वैक्सीनेशन होने पर इंफेक्शन का खतरा काफी कम हो जाता है और अगर इंफेक्शन हो भी जाए तो वह गंभीर रूप नहीं लेता।
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2. स्वच्छता
बुजुर्गों को अपनी रोजमर्रा की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। नियमित रूप से हाथ धोना, खांसने-छींकने वाले लोगों से दूरी रखना, गंदी, भीड़भाड़ वाली और कम हवादार जगहों से बचना, ये सरल आदतें निमोनिया पैदा करने वाले कीटाणुओं से दूरी बनाने में मदद करती हैं।
3. धूम्रपान और सेकेंडहैंड स्मोक से दूरी
स्मोकिंग फेफड़ों को कमजोर करती है और उनकी सफाई को बाधित करती है। बुजुर्गों के लिए यह जोखिम दोगुना हो जाता है। सेकेंडहैंड स्मोक यानी दूसरों का धुआं भी फेफड़ों में सूजन बढ़ाता है और संक्रमण की संभावना बढ़ाता है। इसलिए घर के अंदर किसी को धूम्रपान करने बिलकुल न दें और धुआं वाली जगहों से दूरी बनाएं।

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4. मुंह की सफाई
कम लोग जानते हैं कि खराब ओरल हाइजीन निमोनिया का कारण बन सकती है। मुंह में मौजूद बैक्टीरिया लार के साथ फेफड़ों तक पहुंचकर इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं, खासकर बुजुर्गों में। इसलिएरोज दो बार ब्रश करना, गुनगुने पानी से कुल्ला करना, दांत और मसूड़ों की नियमित जांच बेहद जरूरी है।
5. हेल्दी डाइट
हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट निमोनिया के खिलाफ मजबूत ढाल बनाती है। विटामिन, प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर भोजन करें, पर्याप्त पानी पिएं, हल्की एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, योगा या डीप ब्रीदिंग करें, ये सभी चीजें शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाती हैं।
निष्कर्ष
निमोनिया बुजुर्गों के लिए जोखिमभरा जरूर है, लेकिन सही देखभाल, वैक्सीन, स्वच्छता और हेल्दी लाइफस्टाइल से इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। डॉ. वाई. सोमा साई किरण बताते हैं कि समय पर बचाव ही जीवन की सुरक्षा है इसलिए जागरूक रहें, नियमित जांच कराते रहें और अपने फेफड़ों को मजबूत बनाए रखें।
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Nov 14, 2025 17:09 IST
Published By : Akanksha Tiwari