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क्या COPD जैसी फेफड़ों की बीमारी लाइफस्टाइल बदलने से ठीक हो सकती है? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

बीते कुछ सालों में बढ़ते प्रदूषण और गलत खानपान का असर हमारे फेफड़ों पर भी पड़ा है और इसके कारण COPD जैसी फेफड़ों की बीमारी से कई लोग ग्रसित हैं। यहां जानिए, क्या COPD की समस्या लाइफस्टाइल बदलने से सही हो सकती है?
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क्या COPD जैसी फेफड़ों की बीमारी लाइफस्टाइल बदलने से ठीक हो सकती है? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

सांस लेना हमारे शरीर की सबसे सहज प्रक्रिया है लेकिन जब यही सांसें लेने में तकलीफ देने लगें, तो जीवन का हर पल चुनौती बन जाता है। यही स्थिति होती है COPD (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) यानी फेफड़ों की ऐसी बीमारी जिसमें हवा का आवागमन धीरे-धीरे बाधित होने लगता है। मरीज को खांसी, बलगम और सांस फूलने जैसी दिक्कतें रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन जाती हैं। दुनिया भर में करोड़ों लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा भारत का है। ज्यादातर मामलों में इसका सबसे बड़ा कारण होता है धूम्रपान लेकिन यह एकमात्र वजह नहीं है। बढ़ता वायु प्रदूषण, धूल भरे माहौल में काम करना और लंबे समय तक रसोई के धुएं में रहना भी COPD की जड़ में छिपे कारण हैं। कई बार मरीज यह सोचकर डर जाता है कि अब क्या किया जा सकता है? क्या फेफड़े पहले जैसे हो सकते हैं? कई लोगों का सवाल होता है कि क्या COPD को लाइफस्टाइल बदलकर ठीक या उलटा जा सकता है? क्या हेल्दी खानपान, एक्सरसाइज, योग और प्रदूषण से बचाव जैसे उपाय फेफड़ों को पहले जैसी ताकत दे सकते हैं? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, पारस हेल्थ, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी, डॉ आरआर दत्ता (Dr. RR Dutta, HOD, Internal Medicine, Paras Health, Gurugram) से बात की-


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क्या COPD लाइफस्टाइल बदलने से ठीक हो सकती है? - Can COPD Be Reversed Naturally

डॉ आरआर दत्ता का कहना है कि यह बीमारी पूरी तरह रिवर्स यानी उलट नहीं की जा सकती, लेकिन लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव इसकी रफ्तार को धीमा कर सकते हैं। सही आदतें अपनाने से न केवल सांस लेना आसान होता है, बल्कि मरीज की एनर्जी, आत्मविश्वास और जीवन की क्वालिटी में भी सुधार देखने को मिलता है। यानि COPD भले ही पूरी तरह मिटाया न जा सके, लेकिन सही दिशा में उठाए कदम इसे काबू में लाने की ताकत रखते हैं। डॉक्टर के मुताबिक, भारत में सीओपीडी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण धूम्रपान, प्रदूषण और अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। खासतौर पर शहरों में जहां हवा की क्वालिटी खराब है, वहां इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

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COPD क्या है? - What Is COPD

सीओपीडी यानी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) एक ऐसी सांस से जुड़ी बीमारी है जिसमें फेफड़ों की नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। इसकी वजह से व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत, लगातार खांसी, बलगम और थकान जैसी परेशानियां होती हैं।

can COPD be reversed

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COPD को कंट्रोल करने के तरीके

  • वजन और फिजिकल एक्टिविटी का ध्यान रखें।
  • कई COPD मरीज या तो बहुत दुबले हो जाते हैं या वजन तेजी से बढ़ जाता है। दोनों ही स्थितियां फेफड़ों पर दबाव डालती हैं।
  • हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, स्ट्रेचिंग या योगासन शरीर को एक्टिव रखती हैं और सांस लेने की प्रक्रिया को आसान बनाती हैं।
  • मरीजों को ठंडी या बहुत गर्म जगहों से बचना चाहिए और प्रदूषण से खुद को सुरक्षित रखना चाहिए।

डॉक्टर की सलाह

सीओपीडी को केवल घरेलू उपायों से मैनेज नहीं किया जा सकता है। मरीज को डॉक्टर के बताए अनुसार इनहेलर, नेबुलाइजर या दवाइयों का नियमित इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही, साल में एक बार फेफड़ों की जांच कराना जरूरी है ताकि बीमारी की प्रगति पर नजर रखी जा सके।

निष्कर्ष

सीओपीडी एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर पहचान, सही इलाज और लाइफस्टाइल में सुधार से इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। धूम्रपान छोड़ना, बैलेंस डाइट, प्राणायाम और प्रदूषण से दूरी, ये चार बातें सीओपीडी मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकती हैं।

All Images Credit- Freepik

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FAQ

  • सीओपीडी का मुख्य कारण क्या है?

    सीओपीडी का मुख्य कारण धूम्रपान है। सिगरेट, बीड़ी या अन्य तंबाकू उत्पादों से निकलने वाला धुआं फेफड़ों की नलियों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। इसके अलावा, लंबे समय तक वायु प्रदूषण भी जोखिम बढ़ाता है, कुछ लोगों में आनुवंशिक कारणों से भी यह रोग विकसित हो सकता है। 
  • सीओपीडी में क्या नहीं खाना चाहिए?

    सीओपीडी में रोगियों को ऐसे फूड्स से बचना चाहिए जो सांस लेने में कठिनाई बढ़ाएं या शरीर में सूजन करें। सबसे पहले, तले-भुने और तेलीय फूड्स कम खाएं क्योंकि ये गैस बनाते हैं और पेट फूलने से सांस लेने में दिक्कत होती है। अत्यधिक नमक से बचें, क्योंकि यह पानी रोकता है और सूजन बढ़ा सकता है। ज्यादा दूध के प्रोडक्ट्स कुछ लोगों में बलगम बढ़ा सकते हैं। सीओपीडी मरीजों को हल्का, पौष्टिक और फाइबर युक्त भोजन लेना चाहिए जिससे सांस और पाचन दोनों बेहतर रहें।
  • क्या सीओपीडी पूरी तरह से ठीक हो सकता है?

    सीओपीडी पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता, लेकिन इसे कंट्रोल किया जा सकता है। नियमित डॉक्टर की सलाह, फेफड़ों के लिए थेरेपी और इंफेक्शन से बचाव बहुत जरूरी है। इस तरह सीओपीडी को पूरी तरह मिटाया नहीं जा सकता, लेकिन इसका प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Nov 11, 2025 15:03 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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