
What is Pulmonary Rehabilitation: आजकल बढ़ते प्रदूषण, धूम्रपान, और खराब जीवनशैली के कारण फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), अस्थमा, लंग डिजीज और फेफड़ों के कैंसर जैसी समस्याओं से पीड़ित मरीजों के लिए सांस लेना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। ऐसे में, पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन (Pulmonary Rehabilitation) एक ऐसा इलाज है जो इन रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह ट्रीटमेंट एक्सरसाइज, श्वसन तकनीक, आहार और मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस करता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मरीजों की सांस लेने की क्षमता को बढ़ाना और एनर्जी के लेवल में सुधार करना है। खासकर उन लोगों के लिए यह जीवन रक्षक हो सकता है, जिन्हें सांस से जुड़ी समस्याओं के कारण बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। इस लेख में जानेंगे इस ट्रीटमेंट की जरूरत किन्हें पड़ती है और इसके क्या फायदे हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन क्या है?- What is Pulmonary Rehabilitation

पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन एक प्रोग्राम है जिसमें मरीजों की शारीरिक क्षमता बढ़ाने पर गौर किया जाता है। एक्सरसाइज प्राेग्राम में उनकी शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाने पर फोकस किया जाता है। श्वसन तकनीक में मरीजों की सांस लेने की क्षमता में सुधार किया जाता है, जिससे ऑक्सीजन का इस्तेमाल ज्यादा असरदार तरीके से हो पाता है। इस प्रोग्राम में मानसिक समस्याओं और तनाव के लक्षण से निपटने और हेल्दी डाइट लेने पर भी गौर किया जाता है।
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पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन के फायदे- Pulmonary Rehabilitation Health Benefits
पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन के कई फायदे हैं-
- सांस लेने में सुधार होता है।
- शारीरिक सहनशक्ति बढ़ती है।
- मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- रोजमर्रा के कामों को आसानी से करने की क्षमता बढ़ती है।
- मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है, जो फेफड़ों की समस्याओं से निपटने में मदद करती है।
- यह फेफड़ों से ज्यादा ऑक्सीजन लेने की क्षमता को बढ़ाता है।
- यह उपचार फेफड़ों के काम को सुधारने और उनकी क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
किन्हें होती है पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन की जरूरत?- Who Needs Pulmonary Rehabilitation
पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो इन समस्याओं से जूझ रहे हैं-
- क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), फेफड़ों की एक समस्या है, जिसमें सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में इस इलाज की जरूरत होती है।
- फेफड़ों का फाइब्रोसिस होने पर भी इसकी जरूरत होती है।
- गंभीर अस्थमा के मरीजों को सांस की तकनीक में सुधार की जरूरत होती है।
- फेफड़ों की सर्जरी या ट्रांसप्लांट के बाद रिकवरी के लिए पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन की जरूरत होती है।
- लंबे समय तक प्रदूषण में रहने से फेफड़ों की क्षमता कम हो जाती है। तब इस ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया जाता है।
पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन ट्रीटमेंट एक असरदार इलाज है, जो फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को नई जिंदगी देने का काम करता है। सही समय पर इस ट्रीटमेंट को अपनाकर न केवल मरीजों का शारीरिक स्वास्थ्य सुधर सकता है, बल्कि उनका आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ सकती है।
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