फेफड़ों का कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो फेफड़ों में कैंसर के सैल्स फैलने से होता है, ऐसा तब होता है जब शरीर की कोशिकाएं, कंट्रोल से बाहर चली जाती हैं। कई लोगों को फेफड़ों के कैंसर के होने का खतरा ज्यादा होता है जिसके कारण वो इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। इस लेख में हम ऐसे लोगों को जानेंगे जिन्हें हार्ट रिस्क का खतरा ज्यादा रहता है और उसके लिए उन्हें कौनसे टेस्ट करवाने चाहिए। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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अगर आपको सिगरेट पीने की लत है तो आपको फेफड़ों में कैंसर (lung cancer in hindi) होने का सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है। अगर समय रहते आप चेकअप करवा लें और इलाज शुरू कर दें तो आप गंभीर स्थिति से बच सकते हैं। कैंसर का पता लगाने के लिए कई टेस्ट किए जाते हैं जो कैंसर का पता लगाने के लिए जरूरी है पर कुछ खास कैटेगरी के लोगों को ही लंग्स में कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है जिसके मुताबिक डॉक्टर से इलाज करवा सकते हैं। अगर आपको चेस्ट में पेन, सांस लेने में तकलीफ, लंबी खांसी जैसे लक्षण नजर आते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
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किन लोगों को फेफड़ों के कैंसर होने का रिस्क ज्यादा होता है? (People who are at risk of lung cancer)
1. अगर आप धूम्रपान का सेवन करते हैं तो आपको फेफड़ों का कैंसर होने की आशंका सबसे ज्यादा होगी, इसलिए आज ही इसका सेवन बंद करें।
2. अगर आपकी उम्र 50 से 80 के बीच है तो आपको फेफड़ों में कैंसर होने की संभावना ज्यादा हो सकती है।
3. जिन लोगों के घर पर किसी को पहले फेफड़े का कैंसर हो चुका है उनमें लंग कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है।
4. अगर आपको क्रॉनिक पल्मोनरी डिसीज है या फाइब्रोसिस है तो भी आपको फेफड़ों में कैंसर होने का ज्यादा खतरा होगा।
5. अगर कैंसर के कारण आपकी रेडिएशन थैरेपी चल रही है तो आपको फेफड़ों में कैंसर होने का खतरा हो सकता है।
6. अगर आपके सिर या गर्दन में कैंसर है तो भी आपको फेफड़ों में कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
7. अगर आप कैमिकल्स के संपर्क में ज्यादा रहते हैं तो आपको लंग्स कैंसर हो सकता है।
टॉप स्टोरीज़
फेफड़े के कैंसर की जांच कैसे की जाती है? (Diagnosis of lung cancer)
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- फेफड़े में कैंसर का पता लगाने के लिए चेस्ट स्कैन किया जाता है जिसे आप सीटी-स्कैन या एक्स-रे के नाम से भी जानते हैं।
- कैंसर का पता लगाने वाले इस टेस्ट के लिए आपको पहले से फास्टिंग करवाने की भी जरूरत नहीं होती।
- जिस समय स्कैनिंग की प्रक्रिया शुरू होगी तब टैक्नीशियन आपको कुछ सैकेंड के लिए सांस होल्ड करने के लिए कह सकता है।
- पूरी प्रक्रिया में केवल 5 से 10 मिनट ही लगते हैं, ऐसा जरूरी नहीं है कि केवल स्कैनिंंग टेस्ट के जरिए कैंसर की पुष्टि हो जाए, डॉक्टर इसके लिए दूसरे टेस्ट भी करवा सकते हैं।
- फेफड़े में कैंसर का पता लगाने के लिए डॉक्टर बायोप्सी या पीईटी टेस्ट भी करते हैं।
फेफड़े के कैंसर से कैसे बचें? (How to prevent lung cancer)
- फेफड़े के कैंसर से बचने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करना जरूरी है।
- आपको हर दिन ताजी हवा में ब्रीदिंंग एक्सरसाइज करनी चाहिए, इससे आपके लंग्स हेल्दी रहेंगे।
- वजन को कंट्रोल में रखें और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले फूड्स या ज्यादा ऑयली खाने का सेवन न करें।
- अपने खाने में फाइबर रिच फूड्स और लो-ग्लाइसेमिक फूड्स को शामिल करें।
- बीपी, थायराइड, ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखकर आप फेफड़ों को भी स्वस्थ्य रख सकते हैं।
अगर आपको भी फेफड़े में कैंसर के लक्षण नजर आ रहे हैं तो जल्द से जल्द इलाज शुरू करें और हो सके तो इस बीमारी से बचें।
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