Diabetes Diet: खाना पकाने के तरीके से भी प्रभावित होता है लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स, इन फूड से कंट्रोल होगा लेवल

लो-ग्लाइसेमिक डाइट का पालन करने वाले लोगों को न सिर्फ शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है बल्कि उनका वजन भी कम होता है। 

 

Jitendra Gupta
Written by: Jitendra GuptaUpdated at: May 12, 2020 10:41 IST
Diabetes Diet:  खाना पकाने के तरीके से भी प्रभावित होता है लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स, इन फूड से कंट्रोल होगा लेवल

3rd Edition of HealthCare Heroes Awards 2023

डायबिटीज, विशेष रूप से टाइप 2 डायबिटीज भारत समेत दुनिया भर में आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। अगर इस पर जल्द ध्यान नहीं दिया जाए, तो यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक व नसों, मस्तिष्क, आंखों और किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है। जीवनशैली में कुछ बदलावों की मदद से कोई भी व्यक्ति ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है और डायबिटीज जैसी स्थिति को कंट्रोल कर सकता है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जो डायबिटीज रोगियों की शुगर कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। कई अध्ययनों के अनुसार, जब डायबिटीज रोगी लो-ग्लाइसेमिक (निम्न-जीआई) डाइट का पालन करते हैं तो न सिर्फ उन्हें शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है बल्कि उनका वजन भी कम होता है और साथ ही लो ब्लड प्रेशर लेवल और हृदय रोग के जोखिम को भी कम करने में मदद मिलती है। लो जीआई डाइट कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार कर सकती है और कैंसर व हृदय रोगों की संभावना को कम करती है।

lgi

ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) एक प्रकार का स्केल है, जिसमें 1-100 से तक की गितनी होती है और आपके ब्लड शुगर के स्तर पर भोजन के प्रभाव के अनुसार इसे मांपा जाता है। इस स्केल को 1980 के दशक में कनाडा के प्रोफेसर डॉ. डेविड जेनकिन्स द्वारा बनाया गया था। हर प्रकार के भोजन का एक निश्चित जीआई स्कोर होता है। मधुमेह रोगियों को निम्न जीआई वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये मध्यम और उच्च जीआई खाद्य पदार्थों की तुलना में किसी व्यक्ति के ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाने में अधिक समय लगाते हैं। दरअसल ये बहुत धीरे-धीरे पचते और अवशोषित होते हैं और ब्लड शुगर में धीमी वृद्धि करते हैं। जबकि उच्च जीआई खाद्य पदार्थों से ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से वृद्धि और गिरावट हो सकती है। 

लो जीआई खाद्य पदार्थों का स्कोर 55 से कम होगा, मध्यम जीआई खाद्य पदार्थों का स्कोर लगभग 56-69 होगा जबकि उच्च जीआई खाद्य पदार्थों का स्कोर 70 और उससे ज्यादा होगा। हालांकि, इनके अलावा सभी को खाद्य पदार्थों के प्रसंस्करण के स्तर, खाना पकाने, पकने और स्टार्च के प्रकार जैसे कुछ कारकों पर ध्यान देना चाहिए, जो सूचकांक को प्रभावित कर सकते हैं।

इसे भी पढ़ेंः ब्लड शुगर कब टेस्ट करने से मिलते हैं सही रिजल्ट, जाने नाश्ते से पहले और खाने के बाद कितना होना चाहिए ब्लड शुगर

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि विभिन्न जीआई वाले खाद्य पदार्थों को एक साथ मिलाने से भोजन के जीआई को कम करने में मदद मिलती है। हमारे भोजन के अधिकांश हिस्से में मौजूद खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट होता है और हमारी डाइट का एक बहुत बड़ा हिस्सा होने के नाते हमें सही गुणवत्ता वाले कार्बोहाइड्रेट को चुनना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। दाल का सेवन करने से चावल के जीआई को कम करने में मदद मिलती है और मधुमेह रोगियों के लिए चावल को सुरक्षित बनाती है। इसके अलावा, उच्च जीआई भोजन में फैट की मात्रा अधिक लेने से ब्लड शुगर रिलीज होने को धीमा करने का एक और तरीका है।

sugar

इस लेख में हम आपको लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें मधुमेह रोगियों के लिए सबसे अच्छा माना जाता हैः

  • साबुत अनाज, मल्टीग्रेन, राई से बनी ब्रेड।
  • ब्राउन राइस। 
  • रोल या स्टील-कट ओट्स।
  • सेब, स्ट्रॉबेरी, खुबानी, आड़ू, प्लम, नाशपाती और कीवी जैसे फल।
  • स्टार्च वाली सब्जियां जैसे गाजर, ब्रोकोली, फूलगोभी, अजवाइन, टमाटर और तोरी न खाएं।
  • जौ
  • दूध
  • मसूर की दाल
  • चने
  • बटर बीन्स
  • राजमा
  • क्विनोआ
  • बकवीट
  • सूजी 

इसे भी पढ़ेंः Blood Sugar: ब्लड शुगर बढ़ने या घटने पर दिखाई देते हैं ये 5 संकेत, नजरअंदाज करने पर जा सकती है जान

  • अन्य खाद्य पदार्थ जिन्हें लो जीआई डाइट में शामिल किया जा सकता है:
  • मांस
  • अंडे
  • मछली और समुद्री भोजन
  • जैतून का तेल
  • मक्खन
  • औषधि और मसाले
  • नट्स

निष्कर्ष

कम जीआई खाद्य पदार्थों के अलावा, आप मध्यम और उच्च जीआई खाद्य पदार्थ का सेवन भी कर सकते हैं, लेकिन उनका सीमित मात्रा बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। दिन के अंत तक आप ये सुनिश्चित करें कि आप साबुत, प्राकृतिक और असंसाधित खाद्य पदार्थ का सेवन कर रहे हैं। प्रोसेस्ड और जंक फूड से बचें, भले ही उनका जीआई कम ही क्यो न हो।

नोट: अपनी डाइट में कोई भी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

Read More Articles On Diabetes In Hindi

Disclaimer