
सर्दी का मौसम आते ही सबसे बड़ी चिंता बन जाती है निमोनिया (Pneumonia)। यह एक ऐसी बीमारी है जो दिखने में साधारण सर्दी-जुकाम जैसी लग सकती है, लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह फेफड़ों को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है और कई बार जानलेवा भी साबित होती है। अक्सर लोग सोचते हैं कि निमोनिया की वैक्सीन लगवाने के बाद अब उन्हें इस बीमारी का खतरा नहीं रहेगा। यशोदा हॉस्पिटल्स, हैदराबाद के कंसल्टेंट इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. प्रणय साई चंद्रगिरी (Dr. Pranay Sai Chandragiri, Consultant Interventional Pulmonologist, Yashoda Hospitals, Hyderabad) बताते हैं कि वैक्सीन शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को तो मजबूत करती है, लेकिन यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया या वायरस से बचाव नहीं कर पाती। इस लेख में पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. प्रणय साई चंद्रगिरी से जानिए, क्या वैक्सीन लगवाने के बाद भी निमोनिया हो सकता है?
इस पेज पर:-
क्या वैक्सीन के बाद भी हो निमोनिया सकता है? - Can You Get Pneumonia Despite Being Vaccinated
पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. प्रणय साई चंद्रगिरी बताते हैं कि वैक्सीन का मुख्य उद्देश्य इंफेक्शन की गंभीरता को कम करना है, न कि बीमारी को पूरी तरह खत्म करना। वैक्सीन लगवाने से शरीर की इम्यूनिटी इतनी मजबूत हो जाती है कि अगर इंफेक्शन होता भी है, तो वह हल्का होता है और जल्दी कंट्रोल किया जा सकता है। Pneumococcal Vaccine फेफड़ों के उन खास बैक्टीरिया से बचाव करती है जो सबसे गंभीर प्रकार के निमोनिया का कारण बनते हैं। यह टीका गंभीर इंफेक्शन, अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति और जटिलताओं जैसे लंग डैमेज (lung damage) या सेप्सिस (sepsis) के खतरे को काफी हद तक कम करता है।
इसे भी पढ़ें: Adult Pneumonia: इस बीमारी के बाद लंबे समय तक शरीर में रहती है थकान, जल्दी रिकवरी के लिए डॉक्टर से जानें टिप्स
किन लोगों में निमोनिया का खतरा अधिक रहता है?
वैक्सीन लेने के बाद भी कुछ लोगों में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा बना रहता है। डॉ. प्रणय साई चंद्रगिरी के अनुसार, कमजोर इम्यून सिस्टम या क्रॉनिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों को विशेष सतर्कता रखनी चाहिए। इनमें शामिल हैं-
- बुजुर्गों में निमोनिया होना का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि उम्र के साथ इम्यूनिटी कम हो जाती है
- डायबिटीज के मरीज
- सीओपीडी (COPD) या अस्थमा वाले मरीज
- दिल के मरीज (Heart disease patients)
- कैंसर या अन्य इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेने वाले लोग
इसे भी पढ़ें: World Pneumonia Day 2025: निमोनिया से किडनी को कैसे होता है नुकसान? जानें डॉक्टर से

कई बार निमोनिया वायरस या अन्य बैक्टीरिया के कारण भी होता है, जो वैक्सीन की कवरेज में नहीं आते। उदाहरण के लिए, इन्फ्लुएंजा वायरस या कोरोनावायरस (COVID-19) भी फेफड़ों में गंभीर इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं। इसीलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि Pneumococcal Vaccine के साथ-साथ फ्लू वैक्सीन (Influenza Vaccine) भी हर साल लगवानी चाहिए। फ्लू इंफेक्शन कई बार निमोनिया को ट्रिगर कर देता है, खासकर उन लोगों में जो पहले से फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे हों।
निमोनिया से खुद को कैसे बचाएं? - How can we prevent getting pneumonia
डॉ. प्रणय के अनुसार, सिर्फ वैक्सीन ही नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल में सुधार और सुरक्षा उपाय भी जरूरी हैं ताकि इंफेक्शन से बचाव हो सके।
- धूम्रपान से दूर रहें, स्मोकिंग फेफड़ों की सुरक्षा को कमजोर करती है और इंफेक्शन का खतरा बढ़ाती है।
- बैलेंस डाइट लें, ताजे फल, सब्जियां और प्रोटीन से भरपूर डाइट इम्यूनिटी मजबूत करती है।
- शारीरिक रूप से एक्टिव रहें, रोजाना थोड़ी एक्सरसाइज या वॉकिंग फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाती है।
- हाथ धोने की आदत डालें, बैक्टीरिया और वायरस से बचाव का यह सबसे आसान तरीका है।
- सर्दी या बुखार के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से सलाह लें, खासकर बुजुर्ग और सीओपीडी मरीज।
निष्कर्ष
डॉ. प्रणय साई चंद्रगिरी कहते हैं, ''वैक्सीन आपको पूरी तरह रोग-प्रतिरोधक नहीं बनाती, लेकिन यह गंभीर इंफेक्शन, अस्पताल में भर्ती होने और जानलेवा जटिलताओं के खतरे को काफी हद तक कम कर देती है। खासकर बुजुर्गों और हाई-रिस्क मरीजों के लिए यह एक जीवनरक्षक कदम है।'' इसलिए अगर आप या आपके परिवार में कोई बुजुर्ग, डायबिटीज, अस्थमा या दिल के रोगी हैं, तो निमोनिया और फ्लू वैक्सीन जरूर लगवाएं। यह आपकी सुरक्षा के लिए एक छोटा कदम है, जो बड़ी बीमारी से बचा सकता है।
All Images Credit- Freepik
यह विडियो भी देखें
FAQ
क्या निमोनिया सिर्फ सर्दी के मौसम में होता है?
निमोनिया किसी भी मौसम में हो सकता है, लेकिन सर्दियों में इसका खतरा अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि इस समय इम्यूनिटी कमजोर होती है और वायरल इंफेक्शन तेजी से फैलते हैं।बुजुर्गों को निमोनिया का खतरा ज्यादा क्यों रहता है?
उम्र बढ़ने के साथ शरीर की इम्यूनिटी घटती है। इसके अलावा, डायबिटीज, दिल की बीमारी, अस्थमा या सीओपीडी जैसी क्रॉनिक बीमारियां फेफड़ों को कमजोर करती हैं, जिससे बुजुर्गों को संक्रमण जल्दी हो जाता है।क्या निमोनिया एक दूसरे से फैलता है?
कुछ प्रकार के निमोनिया (खासकर वायरल या बैक्टीरियल) दूसरों में फैल सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकले ड्रॉपलेट्स से संक्रमण फैल सकता है। इसलिए बीमार व्यक्ति से दूरी रखना और मास्क पहनना जरूरी है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Nov 13, 2025 11:35 IST
Modified By : Akanksha TiwariNov 13, 2025 11:35 IST
Modified By : Akanksha TiwariNov 13, 2025 11:35 IST
Published By : Akanksha Tiwari