
यह कल्पना कीजिए कि आपको हाल ही में निमोनिया हुआ था। हाई डोज एंटीबायोटिक्स, कई दिन बिस्तर पर आराम, सांसों में भारीपन और खांसी से जूझते-जूझते आखिरकार आप ठीक हो गए। डॉक्टर ने कहा कि अब सब सामान्य है। आप धीरे-धीरे अपनी दिनचर्या में लौटने लगे, जैसे कि जिंदगी वापस पटरी पर आ गई हो लेकिन ठीक होने के कुछ ही हफ्तों बाद फिर वही हल्की-हल्की खांसी, सीने में जकड़न और थकान, मन में अचानक एक सवाल उठता है कि क्या सच में निमोनिया फिर से लौट सकता है? यही सवाल आजकल बहुत से लोग पूछ रहे हैं, खासकर वे जिन्होंने एक बार इस इंफेक्शन का सामना किया है। इस लेख में यशोदा हॉस्पिटल्स, हैदराबाद के क्लिनिकल और इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट सलाहकार डॉ. वाई. सोमा साई किरण (Dr. Y. Soma Sai Kiran is a Consultant Clinical and Interventional Pulmonologist) से जानिए, क्या इलाज के बाद भी दोबारा निमोनिया हो सकता है?
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क्या इलाज के बाद भी दोबारा निमोनिया हो सकता है? - Can Pneumonia Recur Even After Treatment
डॉ. वाई. सोमा साई किरण बताते हैं कि निमोनिया एक बार सही होने के बाद भी दोबारा हो सकता है। यह अक्सर तब होता है जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी कमजोर होती है और फेफड़ों में अभी भी सूजन या कमजोरी मौजूद रहती है। कफ सही तरह से नहीं निकल पाता, फेफड़े अपना पूरा कार्यभार तुरंत नहीं संभाल पाते या रोगजनक फिर से फेफड़ों में पहुंच जाते हैं। कई बार मरीज दवाइयों को बीच में ही छोड़ देते हैं, जिससे इंफेक्शन पूरी तरह खत्म नहीं हो पाता और दोबारा लौट आता है।
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निमोनिया की वापसी कई कारणों से हो सकती है। सबसे पहला कारण कमजोर इम्यूनिटी है। जिन लोगों की इम्यूनिटी मजबूत नहीं होती, वे किसी भी इंफेक्शन का जल्दी शिकार बनते हैं। दूसरा कारण है फेफड़ों में पहले से मौजूद कोई क्रॉनिक समस्या, जैसे ब्रोंकाइटिस, अस्थमा या सीओपीडी। तीसरी वजह है अधूरा इलाज। कई बार मरीज एंटीबायोटिक या दवा कुछ दिनों तक लेकर अच्छा महसूस करने लगते हैं और बीच में ही दवाएं छोड़ देते हैं, जिससे संक्रमण पूरी तरह खत्म नहीं होता और दोबारा उभर आता है। इसके अलावा, बार-बार सर्दी-जुकाम या वायरल इंफेक्शन से गुजरने वाले लोगों में भी निमोनिया दोबारा होने की संभावना ज्यादा रहती है।
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निमोनिया दोबारा होने के संकेत
अगर निमोनिया दोबारा हो रहा है, तो कुछ लक्षण तुरंत दिख सकते हैं। जैसे-
- तेज बुखार या कंपकंपी
- लगातार खांसी, खासकर बलगम वाली
- छाती में दर्द
- तेज सांस या सांस लेने में कठिनाई
- थकान, कमजोरी, भूख कम लगना
- नींद का टूटना या चक्कर आना
अगर ये लक्षण इलाज के बाद भी वापस आने लगें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
इलाज हो जाने के बाद कैसे करें खुद को सुरक्षित?
निमोनिया से रिकवरी के बाद शरीर को पूरी तरह मजबूत होने में समय लगता है। इसलिए इलाज के बाद 2-3 महीने तक एक्स्ट्रा केयर जरूरी होती है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि मरीज को दवाएं पूरी अवधि तक लेनी चाहिए, चाहे लक्षण ठीक क्यों न हो जाएं। फेफड़ों की मजबूती के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज, प्राणायाम, हल्की फिजिकल एक्टिविटी और पौष्टिक भोजन लेना चाहिए।
निष्कर्ष
इलाज के बाद भी निमोनिया दुबारा हो सकता है, लेकिन अच्छी देखभाल, दवाइयों का पूरा कोर्स, वैक्सीन और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इसे काफी हद तक रोका जा सकता है। अगर आप या आपके घर में किसी को पिछले दिनों निमोनिया हुआ है, तो उसकी रिकवरी पर खास ध्यान दें और किसी भी नए लक्षण को हल्के में न लें।
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Nov 15, 2025 15:28 IST
Published By : Akanksha Tiwari