
Viral vs Bacterial Pneumonia: निमोनिया, एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ों की अलग-अलग नलियों में सूजन की समस्या हो जाती है। ये बीमारी असल में इंफेक्शन की वजह से ट्रिगर करती है जिसमें फेफड़ों में मवाद भर जाता है लेकिन बहुत कम लोगों को ही मालूम होता है कि ये इंफेक्शन असल में दो अलग-अलग कारणों की वजह से होता है। दरअसल, निमोनिया वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से होता है और लोगों को इन दोनों के अंतर के बारे में पता नहीं होता। इस वजह से भी कई बार रिकवरी में देरी हो जाती है। आइए, समझते हैं इन दोनों का अंतर Dr. Sunil Kumar K, Lead Consultant - Interventional Pulmonology, Aster CMI Hospital, Bangalore से।
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बैक्टीरियल और वायरल निमोनिया में क्या अंतर होता है-Difference between viral and bacterial pneumonia
Dr. Sunil Kumar K बताते हैं कि वायरल और बैक्टीरियल निमोनिया दोनों ही फेफड़ों के संक्रमण हैं, लेकिन इनके कारण, लक्षण और उपचार अलग-अलग होते हैं। जैसे पहले बात कर लेते हैं वायरल निमोनिया की तो
वायरल निमोनिया-Viral Pneumonia
वायरल निमोनिया इन्फ्लूएंजा (influenza), रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (respiratory syncytial virus-RSV) या कोरोनावायरस जैसे वायरस के कारण होता है, जबकि बैक्टीरियल निमोनिया बैक्टीरिया, आमतौर पर स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया के कारण होता है। वायरल निमोनिया अक्सर धीरे-धीरे विकसित होता है और सामान्य सर्दी-ज़ुकाम जैसे लक्षणों से शुरू होता है, जैसे खांसी, गले में खराश, बुखार और थकान।
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बैक्टीरियल निमोनिया-Bacterial Pneumonia
वायरल निमोनिया के विपरीत, बैक्टीरियल निमोनिया आमतौर पर अचानक शुरू होता है, जिसमें तेज बुखार, ठंड लगना, सीने में दर्द और गाढ़ा पीला या हरा बलगम निकलता है। बैक्टीरियल निमोनिया में खांसी ज्यादा तेज और गंभीर होती है। कई बार ये खांसी वयक्ति को लंबे समय तक परेशान करती है।

इन अंतरों को समझना है जरूरी
- -वायरल निमोनिया (Viral Pneumonia) आमतौर पर दोनों फेफड़ों को समान रूप से प्रभावित करता है, जबकि बैक्टीरियल निमोनिया (bacterial pneumonia) एक फेफड़े या किसी विशिष्ट क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है।
- - इसका इलाज भी अलग-अलग होता है क्योंकि एंटीबायोटिक्स बैक्टीरियल निमोनिया के खिलाफ तो प्रभावी होते हैं, लेकिन वायरल संक्रमण के लिए कारगर नहीं होते। वायरल निमोनिया का इलाज (Viral Pneumonia treatment) आमतौर पर आराम, तरल पदार्थ और बुखार और दर्द कम करने वाली दवाओं से किया जाता है।
- -बैक्टीरियल निमोनिया (bacterial Pneumonia treatment) में अक्सर एंटीबायोटिक्स और गंभीर मामलों में अस्पताल में देखभाल की जरूरत होती है।
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दोनों के रिकवरी के समय में हैं अंतर
वायरल निमोनिया (Viral Pneumonia takes less recovery time) में रिकवरी का समय आमतौर पर कम होता है, जब तक कि जटिलताएं न हों, जबकि बैक्टीरियल निमोनिया (bacterial Pneumonia takes more recovery time) का ठीक से इलाज न होने पर ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।
दोनों प्रकार के निमोनिया बुजुर्गों, छोटे बच्चों या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में गंभीर हो सकते हैं। डॉक्टर निमोनिया का निदान लक्षणों, छाती के एक्स-रे और प्रयोगशाला परीक्षणों के आधार पर कारण का पता लगाने के लिए करते हैं। अंतर को समझने से समय पर और सही उपचार सुनिश्चित करने में मदद मिलती है, क्योंकि वायरल निमोनिया के लिए अनावश्यक रूप से एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करने से दवा प्रतिरोध और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। तो इस तरह से आप इन दोनों के बीच का अंतर समझें और खुद को इस बीमारी से बचाने की कोशिश करें।
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FAQ
क्या निमोनिया के साथ शहद ले सकते हैं?
निमोनिया के मरीज लंबे समय तक खांसी और खराब गले से परेशान रहते हैं ऐसे में शहद का सेवन गले को आराम दिलाने के साथ ह्यूमेक्टेंट की तरह काम करता है जो कि खांसी से राहत दिलाने में मददगार है। इसके अलावा ये एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर है जो कि निमोनिया के लक्षणों को कम करने में मददगार है।निमोनिया से पीड़ित होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?
निमोनिया से पीड़ित होने पर सबसे पहले तो आपको उन चीजों के सेवन से बचना चाहिए जो कि निमोनिया को ट्रिगर कर सकता है। इसके अलावा आपको दूध वाली चीजों से दूर रखना चाहिए, ज्यादा तेल-मसाले वाली चीजों को सेवन से बचना चाहिए और मीठी चीजों के सेवन से बचें।कफ जम जाए तो क्या खाना चाहिए?
कफ जम जाए तो आपको गर्म पानी पीना चाहिए और गर्म पानी का भाप लें। इसके अलावा आप तुलसी, पुदीना और लौंग का काढ़ा ले सकते हैं जो कि कफ साफ करने के साथ फेफड़ों को मजबूती प्रदान करने में मददगार है।
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Nov 12, 2025 13:14 IST
Published By : Pallavi Kumari