
World Pneumonia Day 2025: निमोनिया (pneumonia), एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ों में सूजन की समस्या होती है और लोगों को लंबे समय तक खांसी और सांस लेने में दिक्कत बनी रहती है। होता ये है कि निमोनिया में फेफड़े बैक्टीरियल, वायरस या फंगल इंफेक्शन के शिकार हो जाते और फेफड़ों के छोटे-छोटे वायुकोषों (alveoli)में मवाद भर जाता है। ऐसी स्थिति में लोगों को खाने पानी से जुड़े कई परेहज करने पड़ते हैं ताकि कफ व कंजेशन की समस्या न बढ़े। ऐसी स्थिति में आपको जानना चाहिए कि क्या दूध की चाय पीना फेफड़ों में सूजन की समस्या को बढ़ा सकता है और इस दौरान किस हर्बल टी का सेवन करें। इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार जानने के लिए हमने डॉ. प्रीतपाल कौर, सीनियर कंसल्टेंट - पल्मनोलॉजी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल दिल्ली से बात की।
निमोनिया में चाय पी सकते हैं-Pneumonia me chai pi sakte hai
निमोनिया में चाय खासकर कि दूध की चाय (tea for pneumonia) पीने से बचें। दरअसल, निमोनिया के मरीजों के लिए दूध से बनी चाय कफ बढ़ाने के साथ कंजेशन बढ़ाने वाला हो सकता है। इसके अलावा दूध वाली चाय में चीनी और कैफिन की मात्रा ज्यादा होती है जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम प्रभावित रहता है और ये डिहाइड्रेशन की वजह बनता है जिससे निमोनिया के लक्षण बढ़ते हैं।

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निमोनिया में कौन सी चाय पिएं?
डॉ. प्रीतपाल कौर बताती हैं कि निमोनिया के दौरान चाय पीना न केवल सुरक्षित है, बल्कि कुछ हर्बल चाय शरीर को राहत भी दे सकती हैं। ऐसे में आप पुदीना, नीलगिरी और मेथी से बनी इस हर्बल टी (herbal tea) पी सकते हैं जो कि निमोनिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इस चाय को पीने के कई फायदे (Peppermint eucalyptus fenugreek tea benefits) हैं। जैसे कि
- - पुदीना, नीलगिरी और मेथी की चाय में ऐसे प्राकृतिक तत्व होते हैं जो सांस लेने में आसानी, गले की सूजन में कमी और म्यूकस को ढीला करने में मदद करते हैं।
- -पेपरमिंट में मौजूद मेंथोल कफ को पतला करता है और खांसी से राहत देता है।
- -यूकेलिप्टस सांस की नली को खोलती है, जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है।
- -मेथी एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्यूनिटी बूस्टिंग गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं।
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हालांकि, चाय बहुत गर्म नहीं होनी चाहिए क्योंकि अधिक गर्म ड्रिंक गले को और ज्यादा इरिटेट कर सकता है। इसे पीने से सेहत से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इतना ही नहीं, दूध वाली चाय गैस और बदहजमी की वजह बन सकती है जिससे निमोनिया के लक्षण खराब हो सकते हैं।
साथ ही, जिन मरीजों को गंभीर सांस की तकलीफ या बुखार है, उन्हें सिर्फ घरेलू उपायों पर निर्भर न रहकर डॉक्टर की सलाह से ही उपचार जारी रखना चाहिए। इसके अलावा आपको डॉक्टर को दिखाकर सही ट्रीटमेंट लेना चाहिए। इसके अलावा डाइट का खास ख्याल रखें ताकि आपकी रिकवरी जल्दी-जल्दी हो।
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Nov 11, 2025 14:08 IST
Published By : Pallavi Kumari