
Lung Disease Symptoms: आजकल दिल्ली और एनसीआर में हवा की क्वालिटी खराब होने की खबरे लगातार आ रही है। लोगों को खांसी, सांस फूलने जैसी बीमारियां आम हो रही है और लोग आमतौर पर इसे मौसम से जुड़ी समस्याएं मान लेते हैं, लेकिन सच तो यह है कि यह लक्षण फेफड़ों से जुडी बीमारियां भी हो सकती है। अगर इन लक्षणों को लंबे समय तक अनदेखा किया जाए, तो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। वैसे भी फेफड़ों की बीमारियां धीरे-धीरे फैलती है। इसलिए फेफड़ों से जुड़े लक्षणों को पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है। इन लक्षणों के बारे में हमने पुणे के मणिपाल अस्पताल के पल्मोनोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. नागेश धाडगे (Dr.Nagesh Dhadge, Consultant Pulmonology, Manipal Hospital, Baner, Pune) से विस्तार में बात की।
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फेफड़ों से जुड़े 5 लक्षण
बार-बार या लगातार खांसी होना
डॉ. नागेश कहते हैं, “ यदि खांसी 2-3 हफ्ते से ज्यादा समय तक परेशान कर रही है या खांसी बार-बार वापस आ रही है,
तो इसे नार्मल सर्दी-खांसी या मौसमी खांसी समझकर नजरअंदाज न करें। लगातार खांसी होने का कारण अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, COPD, TB या जो लोग स्मोक करते हैं, उन्हें फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। इसलिए जो लोग स्मोक करते हैं या बहुत ज्यादा प्रदूषण, धूल या गैस वाली जगहों पर काम करते है, उन्हें खास ध्यान रखने की जरूरत है। इसके लिए चेस्ट एक्सरे, सीबीसी और Sputum Test जरूर कराएं।”

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बार-बार सांस फूलना
डॉ. नागेश कहते हैं, “कई बार लोग थोड़ा सा भी काम करते हैं या फिर चलते हैं, तो उनकी सांस फूलने लगती है। चेहरे पर थकान दिखने लगती है। ऐसे लक्षणों को लोग अक्सर हार्ट की बीमारियों से जोड़कर देखते हैं, लेकिन कई बार यह समस्या फेफड़ों से जुड़ी भी हो सकती है। अगर किसी को सीढ़ियां चढ़ते समय जल्दी थकान हो जाती है, आराम की स्थिति में भी सांस लेने में दिक्कत होती है, तो उन मरीजों को अस्थमा, ब्रोन्काइटिस, फेफड़ों में पानी भरने या लंग्स के सख्त होने की समस्या हो सकती है। इसलिए अगर किसी को सांस फूलने की समस्या लगातार बढ़ रही हो, तो यह फेफड़ों की बीमारी का लक्षण हो सकता है। इसलिए ऐसे मरीजों को डॉक्टर से मिलकर सलाह लेनी चाहिए।
थूक में खून आना
इस बारे में नागेश ने कहा, “अगर खांसते हुए थूक में कभी-कभार खून आ जाए, तो नार्मल इंफेक्शन भी हो सकता है, लेकिन अगर थूक में बार-बार खून आए, खून की मात्रा काफी ज्यादा हो या लगातार कुछ हफ्तों तक थूक में खून आए, तो फेफड़ों का कैंसर, टीबी या ब्रोन्किएक्टेसिस की बीमारी हो सकती है। मैं उन मरीजों को यह कहना चाहूंगा कि खून दिखते ही घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत डॉक्टर से मिलें और इलाज कराएं।
सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज
डॉ. नागेश कहते हैं, “अगर लोगों को सांस लेते समय छाती से सीटी या घरघराहट की आवाज आती है, तो वे इसे इग्नोर कर देते हैं कि कुछ दिन में खुद ही ठीक हो जाएगी। आमतौर पर लोग इसे मौसमी समस्या समझकर डॉक्टर से चेक भी नहीं कराते। इसलिए यह चेक रखना जरूरी है कि अगर लंबे समय तक सांस लेते आवाज आती रहे, तो इसका मतलब है कि फेफड़ों की नलियां संकरी हो गई हैं। इसका कारण अस्थमा, सीओपीडी, एलर्जी और फेफड़ों में तरल जमा होना है। इसका कारण श्वसन नलियों में सूजन होना हो सकता है।”
रात में जोर से खर्राटे लेना या दिन में नींद आना
डॉ. नागेश बताते हैं कि वैसे तो हर खर्राटा बीमारी नहीं होती, लेकिन अगर कोई बहुत तेज खर्राटे लेता है या सांस रुकने की समस्या आने लगे, रात को बार-बार नींद टूटती हो, दिन में नींद आती हो, सिरदर्द रहना, ये सभी लक्षण ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) के संकेत हो सकते हैं। लोग इसे स्लीप एपनिया से जोड़कर देखते हैं और इसका सही इलाज नहीं कराते लेकिन ये परेशानी आगे हार्ट की बीमारी, हाई बीपी और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ा सकती है। इसलिए जिन लोगों को ये समस्या होती है, उन्हें अपने वजन को कंट्रोल करना चाहिए और डॉक्टर से सही इलाज कराना चाहिए।
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फेफड़ों को सेहतमंद कैसे रखें?
डॉ. नागेश ने फेफड़ों को सेहतमंद रखने के टिप्स दिए हैं।
- स्मोकिंग छोड़ना बहुत जरूरी है।
- घर से निकलने पर मास्क पहनें।
- घर में धूल-मिट्टी से बचें।
- घर पर प्राणायाम करें, यह फेफड़ों के लिए महत्वपूर्ण है।
- फेफड़ों की जांच रेगुलर कराएं।
- अगर छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
डॉ. नागेश कहते हैं कि फेफड़ों की बीमारियों को शुरुआत में पहचानना बहुत जरूरी है और अगर किसी भी तरह के लक्षण नजर आते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें और डॉक्टर की बताई दवाइयों और सलाह को जरूर फॉलो करें।
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Nov 12, 2025 07:05 IST
Published By : Aneesh Rawat