शरीर के सभी अंगों को संचालन के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। यह ऑक्सीजन रक्त में मौजूद हिमोग्लोबिन फेफड़ों की मदद से लेकर अंगों तक पहुंचाने का काम करता है। लेकिन, निमोनिया व अन्य बीमारियों के कारण फेफड़े अपने कार्य को सही तरह से नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह से आपको कई समस्याएं हो सकती है। बैक्टीरियल संक्रमण निमोनिया होने की मुख्य वजह माना जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है। इसमें व्यक्ति के फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं, जिसकी वजह से मरीज को सांस लेने में परेशानी हो सकती हैं। साथ ही, रोगी को लगातार बुखार बना रह सकता है। डॉक्टर के द्वारा एंटीबैक्टीरियल दवाओं से निमोनिया का इलाज किया जाता है। लेकिन, कई बार फेफड़ों को पूरी तरह से रिकवर होने में समय लग सकता है। आगे एनएमसी अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉक्टर विनोद कुमार से जानते हैं कि निमोनिया के बाद फेफड़ों को रिकवर होने में कितना समय लग सकता है और यह किन स्थितियों से प्रभावित हो सकते हैं।
निमोनिया के बाद फेफड़ों को ठीक होने में कितना समय लगता है? - How Long Does It Take For Lungs To Heal After Pneumonia In Hindi
निमोनिया के बाद उपचार प्रक्रिया रोगी के संक्रमण की गंभीरता, उसके स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली जैसे विभिन्न कारकों से प्रभावित होती है। इसमें तीन चरण हो सकते हैं।
एक्यूट फेस
एक्यूट फेस के दौरान, जो आम तौर पर लगभग 1 से 3 सप्ताह तक रहता है, शरीर सक्रिय रूप से संक्रमण से लड़ता है। इस समय रोगी को खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण हो सकते हैं। डॉक्टर इस दौरान एंटीबायोटिक्स या एंटीवायरल दवाएं दे सकते हैं। इस चरण के दौरान, फेफड़े सूज जाते हैं। साथ ही फेफड़ो में तरल पदार्थ व मवाद भर जाता है, जिससे रोगी को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
रिकवरी फेस
तीन सप्ताह बाद एक्यूट फेस कम होता है, तब 4 से 6 सप्ताह के अंदर शरीर रिकवरी प्रक्रिया शुरू कर देता है। प्रतिरक्षा प्रणाली धीरे-धीरे संक्रमण को खत्म करती है, और लक्षण कम होने लगते हैं। हालांकि, फेफड़े अभी भी कमजोर हो सकते हैं, और रोगी को लगातार खांसी और थकान का अनुभव हो सकता है।
दोबारा ठीक होना
निमोनिया की शुरुआत के लगभग 6 से 12 सप्ताह बाद, फेफड़े दोबारा से ठीक होने के चरण में प्रवेश करते हैं। इस चरण में फेफड़ों के टिश्यू और कार्यों धीरे-धीरे ठीक होने लगते हैं। शरीर फेफड़ों में जमा तरल पदार्थ और गंदगी को तोड़ने का काम करता है। इस दौरान सांस से संबंधित योग करने से जल्दी रिकवर होने में फायदा होता है।
निमोनिया के इलाज के बाद फेफड़ों की रिकवरी के लिए जिम्मेदार कारक - Factors Influencing Healing Time In Hindi
- उम्र: कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण छोटे बच्चों और बुजुर्गों को ठीक होने में लंबा समय लग सकता है।
- स्वास्थ्य: पहले से फेफड़ों की समस्या होना या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को इलाज में देरी हो सकती है।
- धूम्रपान करना: धूम्रपान फेफड़ों के कार्य में बाधा डालता है और रिकवरी में लगने वाले समय को लम्बा कर सकता है।
- अन्य समस्याएं: फेफड़े के फोड़े जैसी समस्याएं उपचार के समय को बढ़ा सकती हैं।
निमोनिया के बाद फेफड़ों की जल्द रिकवरी के लिए क्या करें? - Tips for Enhancing Lung Healing In Hindi
- हाइड्रेट रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से बलगम पतला हो सकता है, जो फेफड़ों से आसानी से बाहर निकल सकता है।
- गहरी सांस लेने के व्यायाम: निमोनिया के बाद फेफड़ों को ठीक करने के लिए आप सांस से जुड़े योग व एक्सरसाइज कर सकते हैं।
- धूम्रपान से बचें: धूम्रपान फेफड़ों के इलाज में देरी करता है और रेस्पिरेटरी संबंधी लक्षणों को बढ़ा देता है। धूम्रपान छोड़ने से फेफड़ों की रिकवरी का समय कम हो जाता है।
- हेल्दी डाइट: फलों, सब्जियों और प्रोटीन से भरपूर पौष्टिक आहार लेने से टिश्यू तेजी से रिपेयर होते हैं।
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निमोनिया के बाद ठीक होने आपको थोड़ा समय लग सकता है। लेकिन, इस दौरान आपको लाइफस्टाइल और डाइट दोनों पर ध्यान देना होता है। इस समय डॉक्टर की बताई दवाओं को समय पर लेने से निमोनिया के इलाज का समय कम हो जाता है।