Holi Celebration 2025: होली का त्यौहार रंग, उत्सव और स्वादिष्ट पकवानों का मेल माना जाता है। होली के त्यौहार पर दोस्त, परिवार के रिश्तेदार और आसपास के पड़ोसी सिर्फ एक-दूसरे को रंग-गुलाल नहीं लगाते हैं, बल्कि ढेर सारे पकवानों का भी आनंद लेते हैं। मेवे वाली गुजिया, तरह-तरह के पकोड़े आलू पूरी, दही वड़ा, समोसा चाट और ठंडाई का स्वाद चखे बिना होली अधूरी मानी जाती है। स्वाद में तो ये पकवान बहुत स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन ये हमारे शरीर के वात-पित्त संतुलन को बिगाड़ सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, अगर वात, पित्त और कफ का संतुलन बिगड़ता है तो स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। होली पर रंग खेलने के बाद सेहत बेरंग न हो जाए, इसलिए वात, पित्त और कफ को संतुलित करना जरूरी है। इस आर्टिकल में हम इसी बारे में चर्चा करेंगे।
वात-पित्त का असंतुलन कैसे होता है?- How does Vata-Pitta imbalance occur
माधवबाग के संस्थापक, सीईओ और आयुर्वेदिक डॉ. रोहित साने (Dr Rohit Sane, Founder & CEO, Madhavbaug ) के अनुसार, जैसे-जैसे होली के रंग फीके होते जाते हैं, वैसे-वैसे त्योहारी व्यंजनों का असर दिखना शुरू हो जाता है। होली में अत्यधिक ठंडे और सूखे पदार्थों का सेवन करने से वात दोष बढ़ सकता है। वहीं मसालेदार और फ्राइड खाना खाने से पित्त दोष बढ़ता है। इन दोषों के असंतुलित होने के कारण पेट में दर्द, कब्ज, एसिडिटी और शारीरिक सुस्ती की समस्या होना आम माना जाता है। इसलिए इन दोषों को संतुलित करना बहुत जरूरी है, ताकि बीमारियों से बचा जा सके।
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होली के बाद बीमारियों से कैसे बचाव करें- How to prevent diseases after Holi
होली पर या होली के बाद विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव करना चाहते हैं और वात-पित्त को संतुलित करना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए उपायों को फॉलो करें।
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1. वात को कैसे मैनेज करें- How to Manage Vata After Holi
डॉ. रोहित साने का कहना है कि होली पर पसंदीदा पकवान ज्यादा खाना आसान है, लेकिन अपने हिस्से को नियंत्रित रखने से पाचन संबंधी समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है। ज्यादा खाना, खास कर गरिष्ठ और तला हुआ खाना खाने से वात का संतुलन बिगड़ सकता है, जिसकी वजह से पेट फूलने और सुस्ती की समस्या हो सकती है। अपने पसंदीदा व्यंजनों का आनंद लें, लेकिन प्लेट छोटी चुनें। अगर आपका मन 5 गुजिया खाने का है, तो इसे 1 या 2 पर ही सीमित करें। कई बार छोटे-छोटे मील्स खाएं, ताकि वात दोष से बचा जा सके।
2. कफ को कैसे संतुलित करें- Holi Celebration How to Balance Kapha
तले हुए खाद्य पदार्थ पेट पर भारी पड़ सकते हैं। होली (Holi Celebration 2025)पर खाए जाने वाले तले हुए पकवानों को खाने से कफ बढ़ जाता है। जिसकी वजह से पाचन संबंधी समस्याओं के साथ-साथ त्वचा से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं। इसलिए तले हुए खाद्य पदार्थों को समझदारी से खाएं। तला हुआ खाना खाने के बाद पर्याप्त मात्रा में पानी, हर्बल ड्रिंक और फ्रूट जूस का सेवन करें। ऐसा करने से कफ को संतुलित करने में मदद मिलेगी।
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3. पित्त को संतुलित कैसे करें- How to balance pitta After Holi Celebration
होली पर मसालेदार भोजन पित्त को परेशान करके एसिडिटी और सिरदर्द को ट्रिगर कर सकती है। ऐसे में ज्यादा मसाले वाला खाना खाने से बचें। अगर किसी कारण से आपको मसाले वाला भोजन करना पड़ रहा है, तो हल्के स्वाद वाले खाद्य पदार्थ जैसे दही, ठंडाई और लस्सी का सेवन करें। ऐसा करने से पित्त का संतुलन बनाने में मदद मिलती है और पाचन संबंधी परेशानियां नहीं होती है। इसके अलावा, मीठे और कार्बोनेटेड पेय सूजन को बढ़ा सकते हैं, इसलिए हाइड्रेटेड रहने के लिए हर्बल चाय या सादा पानी पिएं।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट का कहना है कि ये छोटे-छोटे बदलाव करके आप बिना किसी पछतावे के होली का आनंद ले सकते हैं।
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निष्कर्ष
होली का आनंद लेने के साथ-साथ अपनी सेहत का भी ध्यान रखना जरूरी है। यदि आप वात-पित्त का संतुलन बनाए रखना चाहते हैं तो उचित आहार, पानी और हर्बल ड्रिंक्स का सेवन जरूर करें।