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पित्त संतुलित रखने के लिए नाश्ते में क्या खाएं? आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानें

Pitta Dosha Breakfast: पित्त दोष की समस्या गर्मियों में ज्यादा परेशान कर सकती है। इसके लक्षण इन दिनों और खराब हो सकते हैं। ऐसे में आयुर्वेदाचार्य से जानते हैं पित्त दोष कम करने के लिए नाश्ते में क्या खाएं।
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पित्त संतुलित रखने के लिए नाश्ते में क्या खाएं? आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानें

Pitta Dosha Breakfast: शरीर के त्रिदोषों को संतुलित रखना बेहद जरूरी है। दरअसल, हमारे शरीर में तीन दोष होते हैं और यह शरीर के तमाम अंगों से जुड़े होते हैं। वात, पित्त और कफ तीनों के शरीर में अलग-अलग फंक्शन है और इनका संतुलन बिगड़ने पर आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि बात सिर्फ पित्त दोष की करें तो पित्त दोष का असंतुलित होना आपके शरीर की गर्मी बढ़ाने के साथ पेट की जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसकी वजह से आपको कई प्रकार के लक्षण महसूस हो सकते हैं जैसे कि पैरों में जलन, मुंह में छाले निकलना और शरीर पर दानों का होना। ऐसी स्थिति में अगर आप अपने खानपान के तरीके को सही कर लें और अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल कर लें तो पित्त की समस्या से बच सकते हैं। इसी कड़ी में बात करते हैं पित्त को संतुलित रखने के लिए नाश्ते में किन चीजों को शामिल करें औरप किन बातों का ध्यान रखें। आइए, जानते हैं इस बारे में ⁠Dr. Partap Chauhan Founder and Director of Jiva Ayurveda, world-renowned Ayurvedacharya, and Author से।

पित्त संतुलित रखने के लिए नाश्ते में क्या खाएं-What is the best breakfast for Pitta in Hindi

Dr. Partap Chauhan बताते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार, पित्त अग्नि और गर्मी का प्रतीक है। पित्त-वर्धक आहार—जैसे मसालेदार, तला हुआ खाना, चाय, कॉफी, और पराठा सुबह के समय पित्ता का असंतुलन बढ़ा सकते हैं। ऐसे में सुबह का नाश्ता ठंडक देने वाला, हल्का और पोषण से भरपूर होना चाहिए। इस बातों का ध्यान रखते हुए आपको अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल करना चाहिए, जैसे कि

मौसमी फलों को नाश्ते में शामिल करें

पित्त संतुलित रखने के लिए अपने नाश्ते में मौसमी फलों को शामिल करें। जैसे कि आप तरबूज, शहतूत और खरबूज खा सकते हैं जो कि पानी से भरपूर होने के साथ शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा इन फलों में कई प्रकार के विटामिन, मिनरल्स और अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इन सभी चीजों का सेवन आपके पेट को भरने के साथ पित्त को संतुलित कर सकता है। इतना ही नहीं इन मौसमी फलों के सेवन से आपके बॉडी का पीएच बैलेंस रहता है जिससे शरीर में ठंडक बनी रहती है।

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सफेद पेठे का ताजा जूस पिएं

पित्त संतुलित रखने और इनसे जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए आप सफेद पेठे का ताजा जूस पी सकते हैं। इसे नाश्ते में शामिल करना पेट के पीएच को बैलेंस करने में मदद कर सकता है। इससे आप पेट से जुड़ी कई समस्याओं से बच सकते हैं। तो नाश्ते में सफेद पेठे का ताजा जूस शामिल करें और पित्त बढ़ने से रोकें।

बिना मसाले वाला छाछ पिएं

पित्त संतुलित रखने के लिए बिना मसाले के छाछ पीना फायदेमंद हो सकता है। ये पित्त की समस्या को कम करने और बाइल जूस को बढ़ाना देने में मददगार है। साथ ही छाछ की खास बात यह है कि यह बॉडी पीएच को बैलेंस करने और पेट के अस्तर को ठंडा रखने में मददगार है। तो नाश्ते में छाछ को शामिल करें।

जौ या चना से बना सत्तू

नाश्ते में जौ या चना से बना सत्तू पीना, पित्त संतुलित करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा जौ या चना मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने में मददगार है जिससे पाचन क्रिया में तेजी आती है और फिर पेट से जुड़ी समस्याएं कम होने लगती हैं। इतना ही नहीं यह शरीर को डिटॉक्स करने के साथ आपके शरीर की गर्मी कम करने वाला है और मुंह के छालों को कम करने में मददगार है।

नारियल पानी और धनिया-सौंफ का हर्बल ड्रिंक

नारियल पानी और धनिया सौंफ का हर्बल ड्रिंक लेना आपके पित्त की समस्या को बैलेंस रखने में मदद कर सकता है। ये तमाम चीजें शरीर को डिटॉक्स करने में मददगार है जिससे पेट की गर्मी कम हो जाती है और पित्त की समस्या में कमी आती है। इससे आपका पेट ठंडा रहता है जिससे पैरों में जलन नहीं होती और फिर मुंह के छाले आदि की समस्या नहीं होती।

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मल्टीग्रेन ब्रेड और सफेद ब्रेड से परहेज करें

पित्त संतुलित रखने के लिए मल्टीग्रेन ब्रेड और सफेद ब्रेड का सेवन करने से बचें। दरअसल, नाश्ते में ज्यादातर लोग मल्टीग्रेन ब्रेड और सफेद ब्रेड खाते हैं जिससे सेहत को नुकसान हो सकता है। इससे पाचन क्रिया प्रभावित रहता है और पित्त की समस्या बढ़ सकती है। इतना नहीं लगातार नाश्ते में ब्रेड खाना कब्ज की समस्या भी पैदा कर सकता है। हालांकि, आप एवोकाडो, खीरा, टमाटर और चीज के साथ बना सैंडविच खा सकते हैं। लेकिन, डाइट को ड्यादा से ज्यादा सात्विक रखें।

ऐसा नाश्ता पित्त को शांत करता है, डाइजेशन को सपोर्ट करता है और शरीर को जरूरी ऊर्जा प्रदान करता है। डॉ. प्रताप कहते हैं कि ध्यान रखें—‘मो़डरेशन’ यानी संतुलन ज़रूरी है। पित्त को संतुलित रखने के लिए भोजन चयन के साथ-साथ समय पर भोजन करना, पर्याप्त नींद लेना और मानसिक तनाव से बचना भी जरूरी है।

FAQ

  • क्या गर्म पानी पित्त दोष के लिए अच्छा है?

    गर्म पानी पीना पित्त दोष की समस्या में फायदेमंद नहीं है हालांकि, यह पेट साफ करने और भोजन पचाने में मदद कर सकता है। लेकिन, यह पेट को गर्म करता है और पित्त दोष के लक्षणों को बढ़ा सकता है। साथ ही ज्यादा गर्म पानी पीने से मल खूख सकता है और इससे पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए पित्त दोष में गर्म पानी पीने से बचें।
  • क्या चाय से पित्त बढ़ता है?

    चाय पीना पित्त की दिक्कत को बढ़ा सकता है। दरअसल, चायपत्ती में कैफीन होता है और खासकर दूध वाली चाय ज्यादा पीने से पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है। इससे पित्त की समस्या बढ़ सकती है। हालांकि, दूध वाली चाय की जगह आप पुदीने की चाय या फिर हर्बल चाय पी सकते हैं।
  • क्या दूध पित्त दोष के लिए अच्छा है?

    पित्त दोष की समस्या में आपको ठंडा दूध पीना चाहिए, हालांकि कोशिश करें कि लो फैट वाला ठंडा दूध ही पिएं। पित्त दोष बढ़ने पर आपको गर्म दूध पीने से बचना चाहिए जो कि आपकी दिक्कत बढ़ा सकता है और पित्त को असंतुलित कर सकता है।

 

 

 

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