आयुर्वेद में कई ऐसी औषधीय हैं, जिनका इस्तेमाल तरह-तरह के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। इन्हीं में से एक है पिठवन। पिठवन की जड़ और पत्तियों में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो अलग-अलग रोगों को ठीक करने में सहायक होते हैं। पिठवन के पौधे को आयुर्वेद में औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह कई बीमारियों के इलाज में काम आता है। इसका वानस्पतिक नाम युरेरिआ पिक्टा (Urarua Picta) है। साथ ही इसे अंग्रेजी में डाब्रा (Dabra) के नाम से जाना जाता है। पिठवन के पौधे में पाए जाने वाले औषधीय गुणों का इस्तेमाल आंखों के रोगों को, खांसी-जुकाम, बवासीर और घाव को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह डायरिया और बुखार को ठीक करने में भी मददगार होता है। यह स्वाद में मीठा होता है। यह तासीर में गर्म होती है, इसलिए जिन लोगों के पेट में ज्यादा गर्मी है, उन्हें इसका सेवन करने से बचना चाहिए। आइए आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा से पिठवन के पौधे के बारे में विस्तार से जानते हैं-
पिठवन के उपयोगी भाग (Useful Parts of Pithwan)
- - जड़ (Root)
- - पत्ते (Leaves)
- - फलियां (Legumes)
पिठवन के पौधे की पहचान (How to Identify Pithwan Plant)
पिठवन गेहूं के खेत में पैदा होने वाला एक पौधा है। यह ज्यादातर बंगाल और हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक रूप से पैदा होती है। इसके पौधे 30 से 120 सेमी. ऊंचे होते हैं। इसके नीचे के पत्ते छोटे और गोलाकार होते हैं। ऊपर के पत्ते 7.5 से 15 सेमी. तक ऊंचे होते हैं। आप गेहूं के खेत में इसकी पहचान आसानी से कर सकते हैं।
पिठवन के फायदे (Benefits of Pithwan)
स्वाद में मीठा और तासीर में गर्म पिठवन कई तरह के रोगों को ठीक करने में फायदेमंद होती है। यह कफनाशक होने के साथ ही हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। पिठवन घाव ठीक करने में और आंखों के रोगों को दूर करने में फायदेमंद होता है। इसके साथ ही इसके सेवन से डायरिया जैसी समस्या से भी निजात मिलता है। आइए विस्तार से जानते हैं पिठवन के पौधे के फायदे-
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खांसी-जुकाम और बुखार में फायदेमंद (Beneficial in Cough and Fever)
बदलते हुए मौसम में ज्यादातर लोग खांसी-जुकाम और बुखार की समस्या से परेशान रहते हैं। आजकल भी लोगों में अकसर ही यह समस्या देखने को मिल रही है। ऐसे में पिठवन का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। पिठवन के सेवन से खांसी-जुकाम और बुखार की समस्या को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप पिठवन की जड़ का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। इससे कुछ ही दिनों में आपको आराम मिल जाएगा। यह कफ नाशक होने की वजह से इन सभी समस्याओं से निजात दिलाता है।
डायरिया या दस्त में खून आने की समस्या में राहत (Relief in the Problem of Diarrhea)
डायरिया या दस्त में खून आने की समस्या को ठीक करने के लिए पिठवन का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। अगर आपको लंबे समय से दस्त में खून आने की समस्या हो रही है, तो एक बार इसे ट्राई कर सकते हैं। लगातार कुछ दिनों तक इसका सेवन करने से रक्तातिसार की समस्या ठीक हो सकती है। अगर कुछ दिनों तक आपकी यह परेशानी ठीक न हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। लंबे समय तक पिठवन के सेवन से आपको बचना चाहिए।
आंखों के रोग दूर करे पिठवन (Pithavan Relieve Eye Diseases)
आंखों के रोगों को दूर करने के लिए भी पिठवन का सेवन लाभकारी हो सकता है। इससे आंखों में दर्द, आंखों में जलन की समस्या को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप पिठवन के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आंखों के सभी तरह के रोग दूर होते हैं। अगर आपको भी आंखों में दर्द और जलन की समस्या है, तो इसका सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
बवासीर और भगन्दर में फायदेमंद है पिठवन (Pithavan is Beneficial in Piles and Fistula)
आजकल की खराब जीवनशैली और खान-पान की वजह से लोगों में पेट से जुड़े रोग सामान्य हो गए हैं। लोग पेट में गैस (Gas), कब्ज (Constipation) और अपच की समस्या की शिकायत करते हैं। पेट में लंबे समय तक कब्ज की समस्या होने पर बवासीर और भगन्दर की समस्या होना बेहद आम है। ऐसे में इन समस्याओं से निजात पाने के लिए आप पिठवन का सेवन कर सकते हैं। इसका काढ़ा पीने से पेट के रोग दूर होते हैं, जिससे ये समस्याएं अपने आप ही ठीक हो जाती है। इसके सेवन से इसमें बहुत जल्दी आराम मिलता है। इसके अलावा आप पिठवन के पत्तों को पीसकर इसे प्रभावित स्थान पर लगा सकते हैं, इससे भी बहुत जल्दी आपको आराम मिल सकता है।
मजबूत हड्डियों के लिए पिठवन (Pithwan is Good for Strong Bones)
40 साल की उम्र के बाद महिलाओं की हड्डियां अकसर कमजोर हो जाती है। वे हड्डी और जोड़ों के दर्द से परेशान रहती हैं। ऐसे में हड्डियों को मजबूत बनाना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए पिठवन फायदेमंद हो सकता है। इसका चूर्ण खाने से हड्डियां मजबूत रहती हैं और जोड़ों में दर्द भी नहीं होता है। अगर आपको जोड़ों में दर्द रहता है, तो आपके लिए इसका सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। कुछ दिनों तक लगातार इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं और जोड़ों में दर्द भी नहीं होता है।
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गठिया के दर्द में दिलाए आराम (Relief in Arthritis Pain)
अगर आपको गठिया यानी अर्थराइटिस (Arthritis) हैं, तो इसके लिए पिठवन का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। इसके जड़ और पत्तियों का चूर्ण या काढ़ा पीने से गठिया के दर्द में आराम मिल सकता है। गठिया आजकल सभी उम्र के लोगों में होने वाली एक सामान्य समस्या बन गई है। ऐसे में इसे समय से ठीक करना जरूरी होता है, वरना इसे ठीक करने में लंबा समय भी लग सकता है। गठिया कई दूसरे रोगों की वजह भी बन सकती है।
घाव ठीक करे पिठवन (Wound Healing)
घाव को ठीक करने में भी पिठवन फायदेमंद हो सकता है। इससे पत्तों के पेस्ट को घाव पर लगाने से कुछ ही दिनों में इससे आराम मिल जाता है। अगर आपको भी कोई चोट लगी है या चोट का कोई घाव है, तो पिठवन से इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन लंबे समय तक इसमें आराम न मिलें, तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। घाव पर किसी तरह का कोई बैक्टीरिया जमा न होने दें।
कफ रोग दूर करे (Relief in Cough Rog)
कफ रोग होने पर पिठवन के जड़ का काढ़ा पीना फायदेमंद हो सकता है। बदलते मौसम में अकसर ही कफ रोग परेशान करता है। पिठवन कफ दोष का शमन करता है और इसे संतुलित करने में मदद करता है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं, तो इसका काढ़ा पी सकते हैं।
पिठवन के नुकसान (Side Efects of Pithwan)
पिठवन का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से शरीर पर बुरा असर भी हो सकता है। गंभीर बीमारी होने पर इसका सेवन बिना डॉक्टर के नहीं करना चाहिए। साथ ही अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान करवाती हैं तो भी इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें। अगर आपको एलर्जी की समस्या भी है, तो अपने आप से इसका सेवन करने से बचें। इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
औषधीय गुणों से भरपूर पिठवन एकदम सुरक्षित औषधि है। लेकिन इसका सेवन करने से पहले एक बार आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें। अधिक मात्रा में भी इसके सेवन से बचना चाहिए। अगर आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं तो भी इसके सेवन से बचें और डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें।
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