
करंज एक ऐसा औषधीय पेड़ है जिसका हर भाग उपयोगी है। इसके पत्ते, जड़, लकड़ी, बीज सभी का औषधीय उपयोग है। करंज की तीन जातियां पाई जाती हैं। जिनमें से दो पेड़ हैं और तीसरी लता है। करंज के पेड़ की टहनी दातून के रूप में, खुजली होने पर पत्तों का प्रयोग, मच्छर काटने पर करंज की लकड़ी का जलावन काम आता है। करंज घाव, खुजली, आंख, दांत आदि परेशानियों में काम आता है। इसका पेड़ अक्सर नदी नालों के आसपास उग जाता है। इसके पत्ते गहरे हरे रंग के 2-5 इंच लंबे होते हैं। इसके फूल मोती के समान सफेद होते हैं। करंज के बीजों का स्वाद कड़वा होता है। यह पेड़ देखने में जितना सुंदर है उतना ही उपयोगी है। आज के इस लेख में राष्ट्रीय समाज धर्मार्थ सेवा संस्थान के आयुर्वेदाचार्य डॉ. राहुल चतुर्वेदी से जानेंगे कि यह पेड़ किन बीमारियों में लाभकारी है। इसका उपयोग कैसे करना है। साथ ही जानेंगे कि इसके अधिक प्रयोग से क्या नुकसान होते हैं।
करंज के विभिन्न नाम
नक्तमाल, चिरबिल्ब, कटकरंज आदि तीन जातियां हैं जो करंज की हैं। करंज को हर भाषा में अलग नाम से जाना जाता है। हिंदी में इसे करंज, किरमाल, दिठोरी, पापर, करंजवा, अंग्रेजी में इण्डियन बीच (Indian Beech), स्मूथ लीव्ड पोंगेमिया (Smooth leaved pongamia), Pongam oil tree (पोंग्म ऑयल ट्री) और संस्कृत में नक्तमाल, उदकीर्य आदि कहा जाता है। विभिन्न नामों से ही किसी पेड़ की पहचान होती है। इसलिए किसी पेड़ के औषधीय फायदे लेने के लिए जरूरी है कि उसकी पहचान और नाम मालूम हो।
करंज के फायदे
डॉ. राहुल चतुर्वेदी ने करंज के निम्न फायदे बताए हैं।
1. खुजली में फायदेमंद
प्राचीन समय में जब मेडिकल साइंस इतनी विकसित नहीं हुई थी तब आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से ही इलाज किया जाता था। आज भी कई गांवों में इनका प्रयोग किया जाता है। हालांकि भारत में कोरोना आने के बाद आयुर्वेद की अहमियत ज्यादा बढ़ गई। खुजली होने या त्वचा संबंधी कोई भी रोग होने पर करंज का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए आपको करंज के पत्तों का स्नान करना होगा। करंज के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी से नहाने से खुजली की परेशानी खत्म हो जाती है। बहुत जगहों पर करंज का साबुन भी प्रयोग में लाया जाता है। करंज त्वचा के लिए रामबाण इलाज है।
2. मूत्रों रोगों में करंज
महिला या पुरुष मूत्र रोग किसी को भी हो सकते हैं। बार-बार पेशाब जाना, रुक-रुक कर पेशाब आना, जलन आदि परेशानियों का इलाज करंज है। अगर आपको भी यह समस्या है तो करंज के फूलों का काढ़ा बनाकर पीने से फायदा मिलेगा। बेहतर फायदे के लिए जरूरी है कि नजदीकी चिकित्सक से सलाह ली जाए।
3. गंजापन भगाए
बढते तनाव और बिगड़ते लाइफस्टाइल के कारण गंजापन की समस्या आम हो गई है। अब गंजा होने के लिए बढ़ती उम्र नहीं चाहिए। कम उम्र के लोगों को भी गंजेपन की समस्या हो रही है। इस गंजेपन की वजह से लोगों को हंसी का पात्र बनना पड़ता है। गंजेपन को भगाने में करंज बहुत लाभकारी है। करंज के तेल से सिर की मालिश करने से फायदा मिलता है। इसका प्रयोग कब और कितनी मात्रा में करना है, इसके बारे में नजदीकी चिकित्सक से पूछें।
इसे भी पढ़ें : 4 बजे के बाद खिलने वाले खास फूल ‘गुलब्बास’ (कृष्णकली) से सेहत को मिल सकते हैं ये 7 फायदे, जानें इनके बारे में
4. शुगर में करंज
करंज का बीज स्वाद में कड़वा होता है। इसमें शुगर को ठीक करने वाले गुण होते हैं। आयुर्वेदाचार्य डॉ. राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि करंज का बीज शुगर की बीमारी में बहुत लाभकारी है। इसके लिए आपको करंज के बीजों फोड़कर रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उस पानी का सेवन खाली पेट करें। इसी तरह अगले दिन के लिए भी उन बीजों को भिगो दें। दो दिन इन बीजों का प्रयोग किया जा सकता है। फिर फ्रेश बीज लें।
5. आंखों के रोगों को करे दूर
करंज का पेड़ कई बीमारियों की एक दवा है। इसके बीज और पत्ते बहुत उपयोगी हैं। आजकल बढ़ते स्क्रीन एक्सपोजर की वजह से आंखों के रोग कम उम्र में भी बढ़ने लगे हैं। ब्लर आइज, ड्राइनेस, लालपन, खुजली आदि परेशानियां आंखों से संबंधित हैं। अगर आपको भी आंखों की परेशानी है तो आप भी करंज के बीजों का पेस्ट दूध में उबालकर ठंडा करके काजल की तरह प्रयोग कर सकते हैं। इसके सही उपयोग के बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए अपने नजदीकी चिकित्सक से मिलें।
6. पेट के रोग
खराब खानपान व नियमित एक्सरसाइज की कमी के चलते पेट के रोग पनपते हैं। तो वहीं, सही पाचन न होने पर भी यह पेरेशानियां बढ़ती हैं। पेट के रोगों को ठीक करने में भी करंज का बहुत फायदा है। इसके लिए आपको करंज का पानी पीना है। करंज के बीजों को फोड़कर रात को एक गिलास पानी में भिगो दें फिर सुबह खाली पेट पी लें। ऐसा नियमित करने से रोग में फायदा मिलता है।
7. खांसी में फायदेमंद
कोरोना के समय में लोगों को खांसी हो रही है। हालांकि यह पता लगाना मुश्किल है कि यह खांसी कोरोना वाली है सामान्य मौसमी। अगर आपको भी खांसी हो गई है तो आप भी करंज का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए करंज के बीजों का चुर्ण शहद में मिलाकर खाएं। इससे खांसी ठीक हो जाएगी।
इसे भी पढ़ें : नागबला के पौधे में होते हैं कई औषधीय गुण, आयुर्वेदाचार्य से जानें इसके फायदे-नुकसान और प्रयोग का तरीका
8. घाव को करे ठीक
घाव को ठीक करने में करंज का बहुत फायदा है। इसके लिए करंज के पत्तों का रस घाव वाली जगह पर लगाना होता है। इसमें और क्या मिलाया जा सकता है, इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए आप नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से मिल सकते हैं।
9. चमकती त्वचा के लिए करंज
अगर आपको चमकती दमकती त्वचा चाहिए तो करंज के बीजों का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको करंज के बीजों को पीसकर दूध में मिलाना है। इस लेप को चेहर पर लगाने से चेहरा चमक जाता है। चेहरे पर ग्लो आता है।
करंज के नुकसान
करंज का अगर सही मात्रा में उपयोग किया जाए तो यह नुकसानदायक नहीं है। पर अधिक मात्रा में सेवन करने से इसके निम्न नुकसान हो सकते हैं-
- लता करंज के अधिक सेवन से उल्टी, पेट में दर्द की समस्या हो सकती है।
- गर्भवती महिलाएं चिकित्सक की सलाह से करंज का प्रयोग करें। इसके अधिक सेवन से गर्भपात हो सकता है।
- इसके अधिक सेवन से एलर्जी की परेशानी बढ़ सकती है।
आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज के लिए औषधीयों का प्रयोग किया गया है। उसी में से एक है करंज। करंज भारत में कहीं भी पाया जाता है। इसके सही उपयगो से शरीर के कई रोगों से निजाप पाई जा सकती है।
Read More Article on Ayurveda in Hindi