
औषधीय गुणों से भरपूर यह वृक्ष मध्य प्रदेश और उत्तर भारत के जंगलों में पाया जाता है। जिसे लोग महुआ के नाम से जानते हैं। महुआ एक विशालकाय वृक्ष है, जिसका स्थानीय लोग अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग महुआ के फूलों को सुखाकर चपाती या हलवे में भी इस्तेमाल करके खाते हैं। इसके अलावा महुअे के फूलों को जानवरों के लिए पोषक आहार माना जाता है। महुआ का वैज्ञानिक नाम मधुका लांगिफोलिया है। आयुर्वेद में महुआ के पेड़ के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, इसमें कई औषधीय गुण मौजूद हैं। इसके अलावा इसकी छाल, पत्तियां, बीज और फूल भी गुण्कारी हैं। महूआ के फूल पीले सफेद रंग के होते हैं, जो मार्च-अप्रेल के महीने में मिलते हैं। महुआ के फूलों में प्रोटीन, शुगर, कैल्शियम, फास्फोरस और वसा होती है। इसके पेड़ का कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। महुआ कई तरह से सेहत के साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद है, लेकिन कई लोग महुआ का उपयोग मादक पदार्थ जैसे शराब बनाने में भी इसका इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा महुआ का इस्तेमाल चिकित्सा, साबुन, डिटर्जेंट और त्वचा की देखभाल आदि के लिए भी किया जाता है। आइए जानते हैं महुआ के स्वास्थ्य लाभों के बारे में।
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सर्दी, खांसी व दर्द में राहत
महुआ के फूल कृमिनाशक और कफ से राहत देने वाले होते हैं। महुआ के फूल की तासीर ठंडी होती है। इसके फलों और फूलों को प्राकृतिक कूलिंग एजेंट व स्वास्थ्य वर्ध टॉनिक के रूप में उपयोग किया जाता हैं। लेकिन फिर भी इसके फूलों को सर्दी-जुखाम, खांसी ब्रोंकाइटिस और अन्य पेट व श्वसन संबंधी विकारों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी छाल से बने काढ़े को पीने से दस्त की समस्या दूर होती है। इसके अलावा इसके बीजों का इस्तेमाल दवा के तौर वर किया जाता है। इसका इस्तेमाल निमोनिया, त्वचा संबंधी समस्या के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसके पेड़ की छाल त्वचा को मुलायम बनाने में मदद करती है।
डायबिटीज के लिए
डायबिटीज की समस्या आम हो गई है। जिन लोगों को डायबिटीज यानि मधुमेह की समस्या है, उनके लिए महुआ एक औषधी के समान है। डायबिटीज के रोगियों के लिए महुआ की छाल से बना काढ़ा लाभदायक होता है। इसके औषधीय गुण शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करते हैं। इसकी छाल से बनें काढ़े के नियमित सेवन से डायबिटीज के लक्षणें को दूर किया जा सकता है।
गठिया रोग के इलाज में मदद
महुआ की छाल टॉन्सिलिटिस, डायबिटीज, अल्सर और गठिया के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके लिए आप महुआ की छाल का काढ़ा बनाकर नियमित सेवन करें, इससे आपको फायदा मिलेगा। इसके अलावा आप गठिया के दर्द और सूजन को कम करने के लिए महुआ की छाल को पीसकर, गर्म करके इसका लेप लगाएं। इसके अलावा आप महुआ के बीजों से निकाले गये तेल से भी मालिश कर सकते हैं। ऐसा करने से गठिया रोग के इलाज में मदद मिलेगी।
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दांतों के दर्द से छुटकारा
दांतों से संबंधित समस्याओं में आप महुआ का इस्तेमाल कर सकते हैं। महुआ की टहनी और छाल दांतों के दर्द में फायदेमंद है। यदि आपके दांतों में दर्द और मसूड़ो से खून निकल रहा हो, तो आप महुआ की छाल से निकलने वाले रस के साथ थोड़ा पानी मिलाएं और इस पानी से गरारे करें। इसके अलावा आप इसकी टहनी से मंजन भी कर सकते हैं। इससे मुंह के बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं और दांतों के दर्द में राहत मिलती है।
बवासीर व आंखों संबंधी बीमारी के लिए
महुआ के फूल बवासीर में भी फायदेमंद हैं। आप इसके फूलों को घी में भुनें और रोगी को इसे नियमित रूप से खिलाएं। इससे फायदा मिलेगा, यह दर्द को कम करने करके आपको आराम देता है। इसके अलावा महुआ के फूलों का शहद आंखों में लगाने से आपकी आंखों की सफाई होती है और आंखों की रौशनी तेज होती है। इसके अलावा आंखों से पानी आने व आंखों में खुजली होने पर इलाज के तौर पर भी इससे बना शहद गुणकारी होता है।
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त्वचा संबंधी रोग एक्जिमा में
महुआ का उपयोग न केवल त्वचा को मुलायम करने के लिए किया जाता है, बल्कि त्वचा संबंधी रोग एक्जिमा के इलाज के रूप में भी किया जाता है। इसके लिए आप महुआ की पत्तियों में तिल का तेल लगाएं और गर्म करें। इन गर्म पत्तियों को आप अपनी त्वचा के उस हिस्से में लगाएं जहां पर आपको चख्ते, खुजली व दाने निकले हैं। इन पत्तों से एक्जिमा प्रभावित हिस्से की सिकाई करने से फायदा मिलेगा। इसके अलावा महुआ के फूलों का सेवन करने से महिलाओं में दूध उत्पादन की क्षमता में वृद्धि होती है।
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