Poppy Roots Benefits, Side Effects And Ways To Consume in Hindi: आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, जिसका इस्तेमाल सदियों से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए किया जाता रहा है। आयुर्वेद में नेचुरल तरीके से इलाज किया जाता है, जिसमें जड़ी-बूटियों और घरेलू नुस्खों का उपयोग किया जाता है। इन जड़ी बूटियों की मदद से शरीर के तीन दोष (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने में मदद मिलती है। ऐसे ही आयुर्वेद में खसखस के बीज और इसके जड़ भी कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। खस की जड़ आपके पाचन, स्किन, और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद होता है। लेकिन इसे सही तरह से खाना भी जरूरी है। आयुर्वेद के बारे में जागरुकता फैलाने और लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से ओन्लीमायहेल्थ 'आरोग्य विद आयुर्वेद' (Arogya with Ayurveda) स्पेशल सीरीज चला रही है। इस सीरीज के तहत हम आपको आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों और जड़ी-बूटियों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। आज की इस सीरिज में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानेंगे कि खसखस की जड़ क्या है और आयुर्वेद के अनुसार इसके क्या फायदे और नुकसान हैं?
खसखस की जड़ क्या है? - What is Poppy Roots in Hindi?
खसखस की जड़, जिसे संस्कृत में उशीर (Vetiveria zizanoides) के रूप में जाना जाता है। आयुर्वेद में यह एक औषधीय पौधा है। यह पौधा दलदल वाले स्थानों पर पाया जाता है और इसकी जड़ें ठंडक देने वाली होती हैं। खसखस की जड़ का इस्तेमाल आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जाता है। यह जड़ी बूटी अपने ठंडक देने वाले गुणों के लिए जाना जाता है और इसका उपयोग पित्त, बुखार और अन्य शारीरिक समस्याओं से राहत दिलाने के लिए किया जाता है।
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खसखस की तासीर क्या होती है? - What is The Nature Of Poppy Roots in Hindi?
खसखस अपने आयुर्वेदिक गुणों के कारण जाना जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, जिससे इसका सेवन आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं इसका उपयोग पित्त को संतुलित करने और जलन से राहत दिलाता है। ताजगी देने वाले गुणों के कारण इसका उपयोग ज्यादातर ठंड के मौसम में किया जाता है।
खस की जड़ के क्या फायदे हैं? - What are the health benefits of poppy roots in Hindi?
आयुर्वेद में खसखस की जड़ के कई स्वास्थ्य (Does poppy have health benefits) फायदें हैं, जिनमें-
- पाचन में फायदेमंद: खसखस की जड़ पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करती है और पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करती है। यह पाचक गुणों से भरपूर होती है, जो खाने के बाद भोजन को पचाने में मदद करती है।
- ठंडक देने वाले गुण: खसखस की जड़ में शीतल गुण (ठंडक देने वाली) होते हैं। इसे शरीर की गर्मी को शांत करने और पित्त को संतुलित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- वमन और दस्त को रोकना: यह जड़ वमन यानी उल्टी और लूज मोशन यानी दस्त को कंट्रोल करने में मदद करती है। खसखस का फांट (उबला पानी) पिलाने से उल्टी रुक सकती है, और दस्त की समस्या में भी राहत मिल सकती है।
- स्किन और जलन को दूर करे: खसखस की जड़ का लेप स्किन से जुड़ी समस्याओं, जलन और पसीने की बदबू को कम करने में मदद करता है। यह स्किन को ठंडक देने और जलन से राहत दिलाता है।
- पसीने की बदबू दूर करना: पसीने के कारण शरीर से आने वाली बदबू को कम करने में खसखस की जड़ फायदेमंद होती है। यह शरीर को ठंडा रखती है और पसीने की गंध को खत्म करती है।
- कफ और पित्त के असंतुलित करें: खसखस की जड़ पित्तशामक (पित्त को शांत करने वाली) होती है, जो कफ के संतुलन को बनाए रखने का काम करती है। यह शरीर में एनर्जी को बनाए रखने में भी फायदेमंद होती है।
खसखस जड़ के क्या नुकसान हैं? - What are the side effects of poppy root in Hindi?
खसखस की जड़ सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं, लेकिन, इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं, जिनके बारे में पता होना जरूरी है। जैसे-
- खसखस की जड़ के ज्यादा सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती है, जिससे एसिडिटी, ब्लोटिंग और पेट में दर्द हो सकता है।
- कुछ लोगों को खसखस की जड़ से एलर्जी हो सकती है। अगर इसका सेवन करने के बाद स्किन पर चकत्ते, खुजली या सूजन दिखाई दे, तो इसका उपयोग बंद कर देना चाहिए।
- प्रेग्नेंट महिलाओं को खसखस की जड़ का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए, क्योंकि इससे उनके और भ्रूण के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।

खस की जड़ का उपयोग कैसे करें? - How To Use Poppy Roots in Hindi?
खस (खसखस) की जड़ का उपयोग आप अलग-अलग तरीकों से कर सकते हैं, जिससे आपके सेहत और समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है, जैसे-
- फांट: खसखस की जड़ का उपयोग आप फांट यानी (पानी में उबाल कर) के रूप में भी कर सकते हैं। 5 ग्राम खसखस की जड़ को 250 मिलीलीटर पानी में उबालकर उसका फांट पीना फायदेमंद होता है, जो उल्टी और दस्त जैसी समस्याओं में फायदेमंद होता है।
- लेप: खसखस की जड़ का इस्तेमाप आप अपनी स्किन पर लेप के रूप में कर सकते हैं। इसे स्किन पर लगाने से जलन, स्किन से जुड़ी समस्याओं और पसीने के कारण होने वाली गंध को कम करने में मदद मिलती है।
- धनिया के साथ खाना: खसखस की जड़ को धनिया के साथ मिलाकर भी काया जा सकता है। यह एक हेल्दी मिश्रण है, जिसका सेवन पाचन में मदद करता है और वमन को भी कंट्रोल करता है।
- इत्र के रूप में: खसखस की जड़ का उपयोग इत्र के रूप में भी किया जा सकता है, खासकर, सिरदर्द और दिमाग को शांत करने के लिए। आप खसखस के इत्र की दो बूंद का इस्तेमाल करना है।
खस की जड़ कितनी मात्रा में लेनी चाहिए? - How Much Quantity Of Poppy Root Should Be Taken in Hindi?
खसखस की जड़ सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है। लेकिन, इसके सही फायदे को पाने और किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए सही मात्रा में इसका सेवन करना जरूरी है। खसखस की जड़ के सेवन की सामान्य माक्षा 2 से 5 ग्राम है, जो किसी भी समस्या के इलाज के लिए जरूरी है।
निष्कर्ष
खसखस की जड़ एक फायदेमंद और प्रभावी औषधि है, जो कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। इसके कई फायदे हैं, लेकिन, इसके साइड इफेक्ट्स भी हैं। इसलिए, खस की जड़ का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से कंसल्ट करें।