Medical Tests to Monitor Child's Growth: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा स्वस्थ, तंदुरुस्त और अपनी उम्र के अनुसार सही विकास करे। बच्चे की हाइट, वजन, मानसिक और शारीरिक क्षमता सही दिशा में बढ़ रही है या नहीं, यह जानने के लिए केवल बाहरी लक्षणों पर भरोसा करना काफी नहीं होता। कई बार बच्चों की ग्रोथ धीमी हो रही होती है, लेकिन यह बात पेरेंट्स की नजर में देर से आती है। ऐसे में समय-समय पर जरूरी मेडिकल टेस्ट करवाना बच्चे की सेहत को लेकर किसी भी समस्या की समय रहते पहचान करने में मदद करता है। डॉक्टर्स भी यही सलाह देते हैं कि बच्चों की ग्रोथ मॉनिटर करने के लिए कुछ बेसिक हेल्थ टेस्ट जरूर करवाने चाहिए ताकि ग्रोथ हार्मोन, पोषण स्तर और अन्य जरूरी चीजों की स्थिति साफ हो सके। इस लेख में हम उन 5 जरूरी मेडिकल टेस्ट के बारे में बात करेंगे, जिनके जरिए पेरेंट्स अपने बच्चे की ग्रोथ और विकास की सही जानकारी पा सकते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन हॉस्पिटल की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान खान से बात की।
1. ग्रोथ हार्मोन लेवल टेस्ट- Growth Hormone Level Test
यह टेस्ट यह जानने के लिए किया जाता है कि बच्चे के शरीर में ग्रोथ हार्मोन पर्याप्त मात्रा में बन रहा है या नहीं। इसकी कमी से बच्चे की हाइट और ओवरऑल ग्रोथ प्रभावित हो सकती है। यह टेस्ट बच्चों में असामान्य थकान, मांसपेशियों की कमजोरी और छोटे कद के कारणों को पहचानने में भी मदद करता है, ताकि सही थेरेपी समय पर शुरू की जा सके।
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2. थायरॉइड फंक्शन टेस्ट- Thyroid Function Test
थायरॉइड हार्मोन बच्चों की शारीरिक और मानसिक ग्रोथ में अहम भूमिका निभाता है। थायरॉइड की गड़बड़ी से विकास रुक सकता है या वजन असामान्य हो सकता है। यह टेस्ट बच्चों में पढ़ाई में ध्यान की कमी, सुस्ती और वजन बढ़ने या घटने जैसी समस्याओं के पीछे की वजह जानने के लिए भी जरूरी है।
3. विटामिन डी और कैल्शियम लेवल टेस्ट- Vitamin D and Calcium Level Test
हड्डियों की मजबूती और ग्रोथ के लिए विटामिन-डी और कैल्शियम जरूरी हैं। इनकी कमी से बच्चे की हड्डियों की सेहत प्रभावित होती है और हड्डियों में कमजोरी आ सकती है। यह टेस्ट बच्चों को बार-बार होने वाले हड्डियों के दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन और देर से खड़े होने या चलने की वजह को जानने में भी मदद करता है।
4. हीमोग्लोबिन और आयरन लेवल टेस्ट- Hemoglobin and Iron Level Test
हीमोग्लोबिन और आयरन की कमी से बच्चों में थकान, कमजोरी और विकास में रुकावट आ सकती है। यह टेस्ट, बच्चों के पोषण लेवल की जांच करता है। यह टेस्ट बच्चों में एनीमिया के कारण होने वाली चिड़चिड़ाहट, एकाग्रता की कमी और बार-बार बीमार पड़ने की वजह पता लगाने में भी काम आता है।
5. ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज्म प्रोफाइल- Blood Sugar and Metabolism Profile
ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज्म की जांच से यह पता चलता है कि बच्चे का शरीर भोजन को कैसे प्रोसेस कर रहा है। इससे मोटापे या डायबिटीज जैसी संभावनाओं का अंदाजा भी लगाया जाता है। यह टेस्ट मोटापा, बार-बार प्यास लगना, कमजोरी महसूस होना और अचानक वजन घटने या बढ़ने जैसी समस्याओं का कारण जानने में मदद करता है।
बच्चों की ग्रोथ पर समय-समय पर नजर रखना हर पेरेंट की जिम्मेदारी है। ये मेडिकल टेस्ट बच्चे की सेहत का सही आंकलन करने में मदद करते हैं और किसी भी परेशानी को समय रहते पहचानने का मौका देते हैं। डॉक्टर की सलाह से ये टेस्ट कराकर बच्चों को हेल्दी और खुशहाल भविष्य दिया जा सकता है।
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FAQ
बच्चों की ग्रोथ क्यों नहीं बढ़ती है?
बच्चों की ग्रोथ पोषण की कमी, ग्रोथ हार्मोन की गड़बड़ी, थायरॉइड समस्या या बार-बार होने वाली बीमारियों के कारण रुक सकती है। नींद की कमी और शारीरिक गतिविधि न होना भी कारण हो सकता है।क्या खाने से ग्रोथ हार्मोन बढ़ता है?
दूध, दही, अंडे, नट्स, बीन्स और हरी सब्जियां खाने से ग्रोथ हार्मोन के उत्पादन में मदद मिलती है। प्रोटीन और जिंक युक्त आहार भी फायदेमंद होता है।बच्चे की ग्रोथ बढ़ाने के लिए कौन से घरेलू उपाय हैं?
बच्चे को समय पर और गहरी नींद दिलाएं क्योंकि नींद में ग्रोथ हार्मोन ज्यादा बनता है। रोजाना आउटडोर खेल और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी ग्रोथ में मदद करती है।