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थायराइड की बीमारी क्यों और कैसे होती है? डॉक्टर से समझें कारण और बचाव के उपाय

What Causes Thyroid: थायराइड क्यों और कैसे होता है, लोग अक्सर इसके बारे में काफी पूछते हैं। आइए डॉक्टर से समझते हैं इसके कारण और बचने के उपाय।  
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थायराइड की बीमारी क्यों और कैसे होती है? डॉक्टर से समझें कारण और बचाव के उपाय


What Causes Thyroid Disease: थायराइड को जीवनशैली से जुड़ा एक गंभीर रोग माना जाता है, जिससे इन दिनों काफी लोग जूझ रहे हैं। हालांकि पुरुषों की तुलनी में महिलाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है। थायराइड दरअसल कोई बीमारी नहीं, बल्कि हमारे गर्दन के ठीक नीचे स्थित तितली के जैसी एक ग्रंथि होती है। यह जब थायराइड ग्रंथि का फंक्शन प्रभावित होता है, तो इससे हाइपोथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति पैदा होती है। अगर समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो यह आपकी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है, साथ ही कई अन्य रोगों के जोखिम को भी बढ़ा सकती है। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि थायराइड आखिर होता क्यों है? या इसके क्या कारण हैं या इसके लिए कौन से कारक जिम्मेदार हो सकते हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने DY पाटिल हॉस्पिटल, पुणे के प्रोफे. डॉ. अनु गायकवाड़ (MBBS, MD MED Physician, diabetologist) से बात की।

ओनलीमायहेल्थ (OnlymyHealth) की स्पेशल सीरीज 'बीमारी को समझें' में हम डॉक्टर से बातचीत करके आपको आसान भाषा में किसी बीमारी और उसके कारण समझाते हैं। थायराइड क्यों होता है या कैसे होता है? इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

why thyroid occurs

थायराइड कैसे होता है- How Thyroid Occurs

हमारी थायराइड ग्रंथि दो महत्वपूर्ण हार्मोन्स के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होती है- टी1 और टी4 हार्मोन। जब थायराइड फंक्शन प्रभावित होता है, तो यह दोनों ही हार्मोन्स का उत्पादन पर्याप्त नहीं करती है, या किसी एक का उत्पादन अधिक करती है। ये दोनों ही हार्मोन हमारे मेटाबॉलिज्म फंक्शन के लिए बहुत जरूरी हैं, इनका असंतुलन आपके मेटाबॉलिज्म को भी प्रभावित करता है जिससे शरीर में अन्य हार्मोन्स का संतुलन भी बिगड़ता है। जब शरीर में थायराइड ग्रंथि प्रभावित होने लगती है तो इससे थायराइड की समस्या शुरु हो जाती है। जैसी कि हमने ऊपर बताया थायराइड दो प्रकार का होता है, हाइपरथायराइड (Hyperthyroid) और हाइपो थायराइड (Hypothyroid)।  जब थायरॉयड ओवर एक्टिव यानि अति सक्रिय हो जाता है तो इससे हाइपरथायराइड कि स्थिति पैदा होती है। वहीं जब ग्रंथि अंडर एक्टिव यानि कम सक्रिय हो जाती है तो यह हाइपोथायराइड का कारण बनती है।

हाइपोथायरायडिज्म कैसे होता है?- What Causes Hypothyroidism

हाइपोथायरायडिज्म तब होती है जब ग्रंथि में सूजन की समस्या हो जाती है जिसे थायराइडाइटिस कहा जाता है। यह थायरॉयड द्वारा हार्मोन्स के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा हाशिमोटो का थायरॉयडिटिस जैसी ऑटोइम्यून स्थिति भी इसका एक बड़ा कारण हैं, जिसमें जिसमें आपकी शरीर की कोशिकाएं थायरॉयड को नुकसान पहुंचाती हैं। शरीर में आयोडीन की कमी के कारण भी थायराइड फंक्शन प्रभावित होती है। महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद पोस्टपार्टम थायरॉयडिटिस स्थिति भी पैदा हो सकती है।

हाइपरथायरायडिज्म क्यों होता है- What Causes Hypothyroidism

इसका एक बड़ा कारण ग्रेव्स रोग है, जिसमें आपकी थायराइड ग्रंथि अति सक्रिय हो जाती है और हार्मोन्स का उत्पादन अधिक करने लगती है। इसके कारण गोइटर, जिसमें आपकी थायराइड ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है जैसी समस्या होती है। इसके अलावा नोड्यूल के कारण भी यह स्थिति पैदा हो सकती है। नोड्यूल की स्थिति में आपकी गर्दन पर गांठदार गण्डमाला जैसी स्थिति बन जाती है। कुछ मामलों में आयोडीन का अधिक सेवन भी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हो सकता है, वहीं, थायराइडिसिस रोग के कराण भी यह स्थिति पैदा हो सकती है।

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थायराइड के जोखिम कारक- Thyroid Risk Factor 

    • यह समस्या आनुवंशिक हो सकती है
    • कुछ दवाओं का आधिक सेवन
    • डायबिटीज, ल्यूपस, आर्थराइटिस, स्जोग्रेन सिंड्रोम और टर्नर सिंड्रोम आदि जैसी कुछ मेडिकल स्थितियां
    • बढ़ती उम्र
    • थायराइड ग्रंथि का कैंसर

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थायराइड से बचने के उपाय- How To Prevent Thyroid

डॉ. अनु के अनुसार की थायराइड की स्थिति में आपको डॉक्टर से उपचार लेना चाहिए। हालांकि स्वस्थ जीवनशैली के साथ आपको इसे रोकने और इलाज में भी मदद मिल सकती है।

  1. इसलिए नियमित व्यायाम करें, जिसमें आप योग, पैदल चलना, जिम जाकर एक्सरसाइज, साइकिलिंग, स्विमिंग आदि कर सकते हैं
  2. स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें।
  3. अनहेल्दी फूड्स से सख्त परहेज करें, जिसमें ज्यादा मसालेदार, तला भुना, नमकीन और प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड्स खाने से बचना है। 
  4. पर्याप्त नींद जरूर लें। समय पर सोएं और उठें।
  5. तनाव का प्रबंधन करें।

All Image Source: Freepik

(With Inputs: Prof Dr Anu Gaikwad, MBBS, MD MED, Physician, diabetologist, Dr DY Patil Medical College, Hospital and Research Centre, Pimpri, Pune)

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