आजकल बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान का असर सिर्फ हमारे वजन या शरीर की फिटनेस पर ही नहीं, बल्कि हमारी हड्डियों पर भी पड़ता है। पहले लोग ज्यादा फिजिकल एक्टिविटीज में शामिल होते थे, उनका खानपान संतुलित होता था और वे धूप में ज्यादा समय बिताते थे, जिससे हड्डियां मजबूत बनी रहती थीं। लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में न तो सही खानपान का ध्यान रखा जाता है और न ही फिजिकल एक्टिविटीज पर जोर दिया जाता है, जिसका सीधा असर हमारी बोन हेल्थ पर पड़ता है। कई बार लोगों को हड्डियों में दर्द, कमजोरी या जॉइंट पेन की समस्या होने लगती है, लेकिन वे इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इस लेख में फेलिक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर केशव गोयल (Dr. Keshav Goel, Felix Hospital) से जानिए, हड्डियों को कमजोर करने वाले कारक कौन से हैं।
हड्डियों को कमजोर करने वाले कारक - What Factors Can Affect Bone Health
1. डाइट और न्यूट्रिशन - Diet and Nutrition
हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए सही पोषण जरूरी है। अगर शरीर को पर्याप्त कैल्शियम, विटामिन D और अन्य जरूरी मिनरल्स नहीं मिलते हैं, तो हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। कैल्शियम और विटामिन D हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। विटामिन D हड्डियों में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देता है। इसलिए, हड्डियों की मजबूती के लिए दूध, दही, हरी सब्जियां, मछली और अंडे जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए।
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2. फिजिकल एक्टिविटी - Physical Activity
फिजिकल एक्टिविटीज जैसे एक्सरसाइज, दौड़ना, चलना और खेल कूद हड्डियों को मजबूत करने में मदद करते हैं, ऐसे में जो लोग दिनभर बैठकर काम करते हैं और फिजिकली एक्टिव नहीं रहते हैं उनकी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है और वे मजबूत बनती हैं। विशेष रूप से वजन उठाने वाली एक्सरसाइज हड्डियों की सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं। इससे हड्डियों में कैल्शियम का अवशोषण बेहतर होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
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3. हार्मोनल असंतुलन - Hormonal Imbalance
हॉर्मोन का असंतुलन भी हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। विशेष रूप से महिलाओं में मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल गिरने लगता है, जो हड्डियों की घनत्व को कम कर देता है। इससे ओस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसी तरह, पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी हड्डियों की सेहत पर प्रभाव डालता है।
4. उम्र - Age
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों का घनत्व कम होता है, जिससे हड्डियां आसानी से टूट सकती हैं। इस कारण बुजुर्गों को हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
5. धूम्रपान और शराब का सेवन - Smoking and Alcohol Consumption
धूम्रपान और ज्यादा शराब का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य को नेगेटिव तरीके से प्रभावित करता है। धूम्रपान से हड्डियों कमजोर हो सकती हैं। शराब का ज्यादा सेवन भी हड्डियों के घनत्व को कम करता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और टूटने का खतरा बढ़ सकता है।
6. अनुवांशिकता - Genetics
हमारे जीन भी हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। यदि परिवार में किसी को हड्डियों से जुड़ी समस्याएं रही हैं, तो उस व्यक्ति में भी हड्डियों के कमजोर होने का खतरा ज्यादा हो सकता है। हड्डियों का घनत्व और क्वालिटी कुछ हद तक हमारे जीन पर निर्भर करती है, इसलिए अनुवांशिक कारण भी हड्डियों की सेहत में अहम भूमिका निभाते हैं।
7. स्ट्रेस - Stress
मानसिक तनाव और चिंता भी हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। तनाव के दौरान शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो हड्डियों से कैल्शियम को हटा सकता है। इसलिए मानसिक शांति बनाए रखना हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
कुछ दवाइयां, जैसे कि स्टेरॉयड्स, हड्डियों की घनत्व को कम कर सकती हैं। लंबे समय तक इन दवाइयों का सेवन करने से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से इन दवाइयों का सेवन कर रहा है, तो उसे हड्डियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच करवानी चाहिए।
निष्कर्ष
सही डाइट, एक्सरसाइज, मानसिक शांति और हड्डियों की देखभाल के लिए उचित उपायों को अपनाकर हम अपने हड्डियों को मजबूत और हेल्दी रख सकते हैं। इसके अलावा, नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह से हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को समय रहते पहचाना जा सकता है और उनसे निपटा जा सकता है।
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