बचपन को हम अक्सर साफ-सुथरी और मुलायम त्वचा से जोड़ते हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पिग्मेंटेशन यानी त्वचा पर दाग-धब्बे या रंग में बदलाव केवल बड़ों तक सीमित नहीं है। आजकल कई पेरेंट्स डॉक्टर्स से यह सवाल पूछते नजर आते हैं कि क्या उनके बच्चों की त्वचा पर नजर आ रहे गहरे दाग या रंगत में बदलाव पिग्मेंटेशन है? लखनऊ के वरिष्ठ कंसलटेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ देवेश मिश्रा बताते हैं कि पिग्मेंटेशन की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, यहां तक कि नवजात शिशुओं में भी। हालांकि इसका कारण बड़ों की तरह गंभीर बीमारी या हार्मोनल बदलाव नहीं होता, बल्कि कई बार यह आनुवंशिक, इंफेक्शन या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से हो सकता है। कई पेरेंट्स इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि समय रहते सही कारण जानकर इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है ताकि बच्चे की त्वचा पर दाग-धब्बे पक्के न हो जाएं। इस लेख में हम जानेंगे डॉक्टरों द्वारा बताए गए पिग्मेंटेशन के 5 मुख्य कारण, जो बच्चों में इस समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि पेरेंट्स को कब सतर्क होना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
1. आनुवंशिक कारण- Genetic Causes
बच्चों में पिग्मेंटेशन का एक बड़ा कारण आनुवंशिकता हो सकता है। अगर परिवार में माता-पिता या करीबी रिश्तेदारों को त्वचा संबंधी पिग्मेंटेशन की समस्या हो रही है, तो यह बच्चों में भी देखने को मिल सकती है। कुछ बच्चों की त्वचा पर जन्म से ही हल्के या गहरे रंग के धब्बे नजर आते हैं, जो बड़े होने पर और गहरे हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- डार्क स्पॉट्स और पिग्मेंटेशन से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके, जानें इनके बारे में
2. इंफेक्शन या एलर्जी- Infection or Allergy
कई बार बच्चों को किसी प्रकार का स्किन इंफेक्शन या एलर्जी हो जाती है। फंगल इंफेक्शन या किसी क्रीम या साबुन से एलर्जी की वजह से त्वचा पर काले या भूरे रंग के पैच बन सकते हैं। यह पिग्मेंटेशन तब तक बना रह सकता है जब तक एलर्जी या इंफेक्शन का सही इलाज न हो।
3. धूप का असर- Effect of Sun Exposure
भले ही बच्चों की त्वचा नाजुक होती है, लेकिन अगर वे लंबे समय तक तेज धूप में खेलते हैं, तो उनकी त्वचा पर सनटैन या सनबर्न के कारण पिग्मेंटेशन हो सकता है। खासतौर पर गर्मियों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
4. विटामिन या मिनरल की कमी- Vitamin or Mineral Deficiency
अगर बच्चे के शरीर में विटामिन-बी12, विटामिन डी या अन्य जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो, तो इसका असर त्वचा की रंगत पर दिख सकता है। ऐसे में त्वचा पर हल्के या गहरे दाग नजर आ सकते हैं। यह समस्या सही डाइट और सप्लीमेंट्स से दूर की जा सकती है।
5. बीमारी या डिसऑर्डर- Disease or Disorder
कुछ विशेष बीमारियां जैसे एड्रिनल डिसऑर्डर या हार्मोनल गड़बड़ी भी पिग्मेंटेशन की वजह बन सकती हैं। हालांकि ये कारण बच्चों में कम ही देखने को मिलते हैं, लेकिन अगर त्वचा पर अचानक रंगत में बड़ा बदलाव आए या अन्य लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से जांच कराना चाहिए।
पेरेंट्स को कब सतर्क होना चाहिए?- When Should Parents Be Alert
अगर बच्चे की त्वचा पर दाग-धब्बे लगातार गहरे होते जा रहे हों, धब्बे खुजली वाले या दर्द देने वाले हों, या बच्चे को अन्य कोई लक्षण जैसे कमजोरी, थकान, बुखार आदि दिखें, तो देर न करते हुए विशेषज्ञ से सलाह लें।
पिग्मेंटेशन होने पर पेरेंट्स क्या करें?- What Parents Should Do For Child's Pigmentation
- पिग्मेंटेशन दिखने पर सबसे पहला कदम किसी चाइल्ड डर्मेटोलॉजिस्ट या स्किन स्पेशलिस्ट से संपर्क करना होना चाहिए। खुद से क्रीम्स या घरेलू नुस्खे आजमाना नुकसानदायक हो सकता है।
- अगर पिग्मेंटेशन का कारण धूप हो, तो बच्चे को तेज धूप से बचाएं। जब भी बाहर निकलें, बच्चों के लिए सुरक्षित सनस्क्रीन, हैट और फुल स्लीव कपड़े पहनाएं।
- बच्चे की स्किन को हमेशा साफ और सूखा रखें। अगर पिग्मेंटेशन किसी इंफेक्शन की वजह से है, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार, दवा या एंटी-फंगल क्रीम का इस्तेमाल करें।
- बच्चे के खाने में विटामिन-बी12, विटामिन-डी, आयरन और जिंक से भरपूर चीजें शामिल करें। दूध, दही, फल, हरी सब्जियां, नट्स और बीज पिग्मेंटेशन को रोकने और स्किन को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं।
- पिग्मेंटेशन के धब्बे अगर आकार में बढ़ें, गहरे हों, या उनकी संख्या बढ़ती दिखे, या उनमें दर्द या खुजली हो, तो तुरंत डॉक्टर से दोबारा संपर्क करें।
बच्चों में पिग्मेंटेशन की समस्या देखने पर पेरेंट्स को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि समझदारी से सही कदम उठाना जरूरी है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
FAQ
पिग्मेंटेशन का मतलब क्या होता है?
पिग्मेंटेशन का मतलब त्वचा पर रंगत का असमान हो जाना या दाग-धब्बे बन जाना होता है। यह स्किन में मेलेनिन की मात्रा में बदलाव से होता है।पिगमेंटेशन का इलाज क्या है?
पिग्मेंटेशन का इलाज कारण पर निर्भर करता है, जैसे दवाइयां, क्रीम, सन प्रोटेक्शन और पोषक आहार। डॉक्टर की सलाह से ट्रीटमेंट कराना जरूरी है।पिगमेंटेशन किसकी कमी से होता है?
पिग्मेंटेशन विटामिन-बी12, विटामिन-डी और आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी से हो सकता है। संतुलित आहार इसे कम करने में मदद करता है।