बारिश का मौसम अपने साथ ठंडी फुहार लेकर आता है। बारिश में पानी की फुहारों के साथ ही घमौरियां, त्वचा पर खुजली और फंगल इंफेक्शन का खतरा भी लेकर आता है। व्यस्कों के मुकाबले बच्चों को फंगल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। दरअसल, बारिश के कारण वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) का खतरा बढ़ जाता है। बारिश में बच्चों की कोमल त्वचा जल्दी इंफेक्शन की चपेट में जल्दी आ जाती है। इन दिनों जब बारिश का मौसम चल रहा है, तो जानेंगे कि मानसून में बच्चों को फंगल इंफेक्शन से कैसे बचाएं।
मानसून में फंगल इंफेक्शन क्यों बढ़ता है?
नई दिल्ली के एलांटिस हेल्थ केयर की एमडी और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. चांदनी जैन गुप्ता (Dr. Chandani Jain Gupta, MBBS, MD- Dermatologist & Aesthetic Physician , Elantis Healthcare, New Delhi) के अनुसार, फंगल इंफेक्शन एक प्रकार का संक्रमण है जो फंगस (कवक) के कारण होता है। ये फंगस गीली और नम जगहों पर जल्दी पनपते हैं। बारिश के मौसम में जब हवा में नमी ज्यादा होती है, तब पैरों की उंगलियों, अंडरआर्म्स और डायपर वाले एरिया में पसीने के कारण फंगल इंफेक्शन देखा जाता है। बारिश के मौसम में लंबे समय तक पसीने में खेलने, गीले कपड़े पहनने से फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है।
बच्चों में फंगल इंफेक्शन के सामान्य प्रकार
1. दाद (Ringworm): दाद में त्वचा पर गोल घेरा दाने नजर आते हैं। इन दानों में अत्यधिक खुजली और जलन की परेशानी होती है।
2. एथलीट फुट: पैरों की उंगलियों के बीच खुजली और जलन की परेशानी देखी जाती है। एथलीट फुट की समस्या नवजात शिशुओं में ज्यादा होती है।
3. कैंडिडा इंफेक्शन: यह डायपर एरिया, गर्दन और अंडरआर्म्स में होता है।
बच्चों में फंगल इंफेक्शन के लक्षण
त्वचा पर लाल या भूरे रंग के घेरे बनना
त्वचा का सूखना या फटना
त्वचा पर छोटे-छोटे दाने निकलना
फंगल इंफेक्शन वाली जगह पर जलन
नाखूनों का रंग बदलना या मोटा होना
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बच्चों को फंगल इंफेक्शन से बचाने के उपाय
1. स्किन को साफ रखें
बारिश में बच्चों को फंगल इंफेक्शन की समस्या न हो, इसके लिए त्वचा को साफ और सूखा रखने की कोशिश करें। बाहर खेलकर घर आने के बाद बच्चों की त्वचा जैसे गर्दन, अंडरआर्म्स, डायपर एरिया को तौलिया से सुखा लें। डॉ. चांदनी के अनुसार, त्वचा को सही तरीके से सुखाने से फंगल इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
2. कॉटन के हल्के कपड़े पहनाएं
बारिश के मौसम में शरीर से निकलने वाले पसीने को सोंखाने के लिए बच्चों को कॉटन के ढीले-ढाले कपड़े पहनाएं। इस तरह के कपड़े बच्चों की त्वचा को सांस लेने देते हैं और पसीना जल्दी सूखता है।
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3. गुनगुने पानी से नहलाए
स्किन केयर एक्सपर्ट का कहना है कि बारिश के मौसम में बच्चों को फंगल इंफेक्शन की समस्या न हो, इसके लिए उन्हें रोजाना हल्के गुनगुने पानी से नहलाए। गुनगुने पानी में एंटीसेप्टिक लिक्विड या नीम पत्तों को डालकर नहलाने से भी फंगल इंफेक्शन से राहत मिलती है।
4. नमी वाली जगह से बचाएं
बच्चों को ज्यादा देर तक गीले जूते, मोजे या डायपर में न रखें। यदि जूते गीले हो जाएं, तो उन्हें अच्छी तरह सुखाकर ही दोबारा पहनाएं। नमी वाली जगहों पर फंगल इंफेक्शन बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है।
5. नाखून छोटे और साफ रखें
फंगल इंफेक्शन नाखूनों से फैल सकता है, इसलिए बच्चों के नाखून नियमित रूप से काटें और साफ रखें। बारिश के मौसम में एक्सपर्ट सप्ताह में 1 से 2 बार नाखून काटने की सलाह देते हैं।
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फंगल इंफेक्शन से बचाव के लिए घरेलू उपाय
- नीम में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। बच्चों को फंगल इंफेक्शन में नीम के पानी से नहलाने से राहत मिलती है।
- हल्दी एंटीसेप्टिक है और नारियल तेल त्वचा को मॉइस्चराइज करता है। फंगल इंफेक्शन पर हल्दी और नारियल का तेल लगाने से खुजली और जलन कम होती है।
- एलोवेरा में ठंडक और सूजन कम करती है।
मानसून में फंगल इंफेक्शन बच्चों के लिए एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली समस्या है। इसे पूरी तरह रोका जा सकता है अगर माता-पिता थोड़ी सी सावधानी रखें। बच्चों की त्वचा को साफ और सूखा रखना, सही कपड़े पहनाना, और समय पर डॉक्टरी सलाह लेना फंगल इंफेक्शन से बचाव के सबसे जरूरी कदम हैं। ध्यान रहे कि बच्चों की त्वचा बहुत ही संवेदनशील होती है, इसलिए फंगल इंफेक्शन के किसी भी लक्षण को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।
FAQ
फंगल इंफेक्शन का इलाज कैसे होता है?
डॉक्टर द्वारा बताई गई एंटी-फंगल क्रीम, लोशन, पाउडर या गोली से इलाज होता है। गंभीर मामलों में लंबे समय तक दवा चल सकती है।फंगल इंफेक्शन से कैसे बचा जा सकता है?
त्वचा को सूखा और साफ रखें, ढीले कपड़े पहनें, पसीना आने पर कपड़े बदलें, सार्वजनिक स्थानों पर नंगे पैर न चलें और पर्सनल हाइजीन बनाए रखें।क्या फंगल इंफेक्शन बार-बार हो सकता है?
अगर पूरी तरह से इलाज न किया जाए या नमी और पसीना ज्यादा बना रहे, तो यह बार-बार हो सकता है।फंगल इंफेक्शन कब खतरनाक हो सकता है?
अगर इंफेक्शन लंबे समय तक ठीक न हो या शरीर के अंदरूनी हिस्सों में फैल जाए तो यह गंभीर हो सकता है, खासकर डायबिटीज या कमजोर इम्युनिटी वाले मरीजों में।