अगर आपके परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, तो आपको अपनी सेहत पर और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो आनुवांशिक कारणों से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जा सकती है। अगर माता-पिता, भाई-बहन या करीबी रिश्तेदार को डायबिटीज है, तो यह आपके लिए भी रिस्क फैक्टर बन सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप समय-समय पर जरूरी मेडिकल टेस्ट करवाकर अपनी सेहत पर नजर रखें ताकि बीमारी की शुरुआती अवस्था में ही इसका पता चल सके और समय पर कंट्रोल किया जा सके। ये टेस्ट आपको न केवल डायबिटीज के खतरे का आंकलन करने में मदद करेंगे, बल्कि इसके असर से बचाने में भी मदद करेंगे।इस लेख में हम ऐसे 5 जरूरी मेडिकल टेस्ट के बारे में जानेंगे, जो हर उस व्यक्ति को कराने चाहिए, जिनके परिवार में डायबिटीज का इतिहास रहा है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट- Fasting Blood Sugar Test
फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट, खाली पेट ब्लड ग्लूकोज लेवल को मापता है। यह शुरुआती डायबिटीज या प्री-डायबिटीज की पहचान करने में मदद करता है। अगर आपका शुगर लेवल 100-125 mg/dL है, तो यह प्री-डायबिटीज का संकेत हो सकता है। समय पर यह टेस्ट कराने से आप डायबिटीज को बढ़ने से रोक सकते हैं।
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2. एचबीए1सी टेस्ट- HbA1c Test
एचबीए1सी टेस्ट से पिछले 2-3 महीनों का औसत ब्लड शुगर लेवल का पता चलता है। यह डायबिटीज के कंट्रोल या जोखिम को समझने का सबसे सटीक तरीका है। 5.7 से 6.4 % के बीच का रिजल्ट प्री-डायबिटीज का संकेत देता है। यह टेस्ट साल में कम से कम 2 बार करवाना चाहिए, खासकर अगर परिवार में डायबिटीज का इतिहास हो।
3. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट- Lipid Profile Test
डायबिटीज के साथ कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल भी बिगड़ सकता है। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से हार्ट डिजीज के जोखिम का भी आंकलन होता है। यह टेस्ट हाई कोलेस्ट्रॉल और बैड फैट्स की पहचान करता है। समय पर लिपिड कंट्रोल से हार्ट और डायबिटीज दोनों से बचाव संभव है।
4. यूरिन माइक्रो एल्ब्यूमिन टेस्ट- Urine Micro Albumin Test
यह टेस्ट किडनी की सेहत जांचने के लिए किया जाता है क्योंकि डायबिटीज किडनी पर असर डाल सकती है। यूरिन में माइक्रो एल्ब्यूमिन की मौजूदगी शुरुआती किडनी डैमेज का संकेत हो सकती है। समय रहते पहचान होने पर किडनी डैमेज को रोका जा सकता है। अगर फैमिली हिस्ट्री है, तो यह टेस्ट साल में 1 बार कराना चाहिए।
5. आई एग्जामिनेशन- Eye Examination
डायबिटीज आंखों की रेटिना पर असर डाल सकती है, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा होता है। समय-समय पर आई एग्जाम कराना आंखों की सेहत के लिए जरूरी है। आंखों में धुंधलापन, ब्लर विजन या अचानक नजर कमजोर होना इस टेस्ट की जरूरत का संकेत है। डायबिटीज फैमिली हिस्ट्री वालों को हर साल रेटिना चेकअप जरूर कराना चाहिए।
अगर आपके परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, तो इन 5 मेडिकल टेस्ट को रूटीन में शामिल करना आपकी सेहत की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। यह टेस्ट न केवल बीमारी की शुरुआती अवस्था को पहचानने में मदद करते हैं बल्कि सही लाइफस्टाइल अपनाकर डायबिटीज से बचने का मौका भी देते हैं।
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FAQ
डायबिटीज के लिए कौन सा टेस्ट करवाते हैं?
डायबिटीज जांच के लिए फास्टिंग ब्लड शुगर, एचबीए1सी और ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट मुख्य टेस्ट होते हैं। ये शरीर में शुगर लेवल को मापते हैं।नॉर्मल ब्लड शुगर रेट क्या है?
खाली पेट नॉर्मल ब्लड शुगर 70-99 mg/dL होता है। खाने के 2 घंटे बाद 140 mg/dL से कम शुगर सामान्य मानी जाती है।शुगर बढ़ने के 5 लक्षण क्या हैं?
बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान महसूस होना, धुंधला दिखना और वजन अचानक घट जाना शुगर बढ़ने के लक्षण हैं।