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डायबिटिक रेटिनोपैथी के कारण आंखों में क्या समस्याएं हो सकती हैं? डॉक्टर से जानें बचाव के तरीके

Diabetic Retinopathy- डायबिटीज के मरीजों में डायबिटिक रेटिनोपैथी आंखों से जुड़ी एक बड़ी समस्या है, जो अंधेपन का कारण बन सकती है। 
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डायबिटिक रेटिनोपैथी के कारण आंखों में क्या समस्याएं हो सकती हैं? डॉक्टर से जानें बचाव के तरीके


Diabetic Retinopathy- भारत में डायबिटीज तेजी से फैलने वाली स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जो बड़े-बुजुर्गों के साथ बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है। डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, जिसे लाइफस्टाइल में बदलाव करके और हेल्दी डाइट की मदद से कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन अगर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल न किया जाए, तो ये न सिर्फ आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है, बल्कि अंधेपन का कारण भी बन सकती है। जी हां, डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल हाई होने पर डायबिटिक रेटिनोपैथी की समस्या हो सकती है, जो आंखों से जुड़ी समस्याओं (Diabetes Cause Eye Problems) का कारण बनती है। मुलुंड वेस्ट (मुंबाई) में डॉ. अग्रवाल्स आई हॉस्पिटल के हेड क्लिनिकल डॉ. हरीश बाबू राय का कहना है कि भारत में लगभग 17% डायबिटीज आबादी में ज्यादातर लोगों को किसी न किसी रूप में डायबिटिक रेटिनोपैथी की समस्या है। ऐसे में आइए जानते हैं डायबिटिक रेटिनोपैथी के कारण आंखों में क्या समस्याएं हो सकती हैं और इससे बचाव करने के क्या तरीके हैं। 

डायबिटिक रेटिनोपैथी के कारण होने वाली समस्याएं - Diabetic Retinopathy Complications in Hindi 

डॉक्टर हरीश बाबू राय के अनुसार डायबिटिक रेटिनोपैथी डायबिटीज की एक गंभीर समस्या है जो आंखों को बुरी तरह प्रभावित करती है, जिसके कारण व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो सकता है। यह समस्या तब होती है, जब शरीर में हाई ब्लड शुगर का स्तर रेटिना में ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके कारण आपकी आंखों में सूजन, पानी आना या आंखों की रोशनी भी जा सकती है। डायबिटिक रेटिनोपैथी के कारण आंखों में धुंधलापन, चीजें काली या गहरे रंग की दिखना, या फ्लोटर्स की समस्या बढ़ सकती है। ब्लड शुगर लेवल को समय पर कंट्रोल न करने और डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षणों को नजरअंदाज करने से यह समस्या ज्यादा बढ़ सकती है, जिसके कारण आंखों के अंदर ब्लीडिंग या अंधापन हो सकता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी होने का सबसे पहला जोखिम ही यही होता है कि अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो व्यक्ति के आंखों की रोशनी जा सकती है। लेकिन इसके शुरुआती लक्षण नजर नहीं आते हैं, इसलिए आंखों को गंभीर समस्या होने का खतरा ज्यादा होता है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी से कैसे बचें? - How to Prevent Diabetic Retinopathy in Hindi?

डायबिटिक रेटिनोपैथी को बढ़ने से रोकने के लिए ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। इन सभी स्वास्थ्य समस्याओं को काबू में रखने के लिए आप हेल्दी डाइट, नियमित रूप से एक्सरसाइज, योग जैसी शारीरिक गतिविधियां और डॉक्टर के बताई गई दवाइयों को समय-समय पर लेते रहें। इसके अलावा, नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं, खासकर डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से साल में 1 बार जरूरी अपनी आंखों की जांच करवानी चाहिए। इसके साथ डायबिटीज रेटिनोपैथी की समस्या होने पर आप लेजर थेरेपी या एंटी-वीईजीएफ इंजेक्शन डॉक्टर की सलाह पर लगवा सकते हैं, जो आंखों को स्वस्थ रखने और समस्या को फैलने की गति को धीमा या रोक सकते हैं। 

Eye Problem

डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचाव के लिए जरूरी है कि आप नियमित रूप में अपनी आंखों की जांच करवाएं और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करें। अगर किसी भी तरह की आंखों की समस्या हो तो नजरअंदाज करने के स्थान पर डॉक्टर से जांच करवाएं। 

Image Credit- Freepik 

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