Importance of Liver Test of Partner Before Marriage: शादी से पहले लिवर टेस्ट कराना चाहिए क्योंकि यह लिवर की सेहत का आंकलन करता है जिससे दोनों पार्टनर यह जान सकते हैं कि उन्हें लिवर की समस्या, तो नहीं है। यह टेस्ट भविष्य में लिवर संबंधित खतरों से बचने के लिए जरूरी है क्योंकि लिवर की बीमारियों में अक्सर पहले स्टेज पर लक्षणों के बारे में पता नहीं चल पाता है। इस वजह से समय पर लिवर की बीमारी का इलाज नहीं हो पाता और बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। लिवर के स्वास्थ्य को समझने से हेपेटाइटिस-बी और सी जैसी संक्रामक बीमारियों के प्रसार को रोका जा सकता है। यह शादी की योजना और भविष्य में परिवार की सेहत के लिए जरूरी हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि शादी से पहले लिवर टेस्ट क्यों जरूरी है और इसे कैसे किया जाता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।
शादी से पहले क्यों जरूरी है लिवर टेस्ट?- Liver Test Before Marriage
शादी से पहले लिवर के लिए एसजीपीटी SGPT (सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसएमिनेस) टेस्ट करवाना बेहद जरूरी है। यह टेस्ट लिवर की सेहत को दर्शाने में मदद करता है। लिवर शरीर का एक खास अंग है, जो शरीर में विषाक्त पदार्थों को निकालने, पाचन में मदद करने और ऊर्जा को इकट्ठा करने का काम करता है। अगर लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। शादी एक नई जीवनशैली का आरंभ है और इस दौरान स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना जरूरी है। अगर पार्टनर का लिवर स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो इससे भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो दांपत्य जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। इसके अलावा, कुछ लिवर संबंधी रोगों का आनुवंशिक प्रभाव भी हो सकता है, जिसे समझना जरूरी है। इसलिए, शादी से पहले पार्टनर का एसजीपीटी टेस्ट कराना न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए बल्कि एक स्वस्थ और खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए भी जरूरी है। यह कदम भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को रोकने में मदद कर सकता है।
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लिवर की जांच के लिए एसजीपीटी टेस्ट कैसे होता है?- How SGPT Test is Done
लिवर की जांच के लिए एसजीपीटी (SGPT) टेस्ट एक आसान ब्लड टेस्ट है। इस टेस्ट का मुख्य काम लिवर के स्वास्थ्य की स्थिति का आंकलन करना है। सबसे पहले, बांह की नस से एक ब्लड सैंपल लिया जाता है। एक बार जब ब्लड सैंपल ले लिया जाता है, तो परिणाम 24 से 48 घंटों में मिल जाते हैं। परीक्षण के परिणाम लिवर की सेहत का संकेत देते हैं। एसजीपीटी टेस्ट के परिणाम की बात करें, तो उसकी नॉर्मल रेंज आमतौर पर 7 से 56 यूनिट पर लीटर ऑफ ब्लड होती है। इस रेंज का नॉर्मल स्तर यह बताता है कि लिवर फंक्शन हेल्दी है। वहीं अगर परिणाम नॉर्मल रेंज में नहीं हैं, तो इसका मतलब है कि लिवर में डैमेज है। यह हेपेटाइटिस, फैटी लिवर डिजीज या एल्कोहल बेस्ड लिवर डैमेज जैसी बीमारियों की ओर संकेत करता है।
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