What is High SGPT Level: अगर आपके शरीर में एसजीपीटी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, तो यह लिवर डैमेज का संकेत हो सकता है। जो लोग स्वस्थ जीवनशैली नहीं जीते, वे लिवर से संबंधित समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। एल्कोहल का ज्यादा सेवन करने से के कारण लिवर को नुकसान होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में लिवर डैमेज का आंकलन करने के लिए लिवर टेस्ट किया जाता है। लिवर टेस्ट में एसजीपीटी के स्तर को चेक किया जाता है। आइए समझते हैं एसजीपीटी क्या होता है और इसका क्या महत्व है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
एसजीपीटी लेवल क्या है?- What is SGPT Level
एसजीपीटी एक तरह का एंजाइम है, जो लिवर में पाया जाता है। एसजीपीटी टेस्ट (SGPT test) एक ब्लड टेस्ट है जो लिवर में बने एक एंजाइम को मापने के लिए किया जाता है। इस एंजाइम को (alanine transaminase) कहते हैं। इस एंजाइम को सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसएमिनेस (serum glutamic pyruvic transaminase और SGPT) भी कहा जाता है। लिवर की क्षति के लिए यह जांच की जाती है। एसजीपीटी के लिए सामान्य रेंज 7 से 55 यूनिट प्रति लीटर खून के बीच होती है। अगर एसजीपीटी 50 है, तो वह सामान्य माना जाएगा।
उच्च एसजीपीटी स्तर का कारण- High SGPT Level Causes
शरीर में एसजीपीटी स्तर बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे-
- मोटापा
- डायबिटीज
- दिल का दौरा
- हेपेटाइटिस सी
- पित्ताशय की थैली की सूजन
- शराब का ज्यादा सेवन करना
मेडिकल उपचार लें
मेडिकल ट्रीटमेंट से एसजीपीटी को कंट्राेल करने से पहले डॉक्टर खून की जांच करेंगे। खून की जांच के परिणाम के आधार पर डॉक्टर आपका इलाज करेंगे। लिवर में हेपेटाइटिस वायरस के कारण इंफेक्शन हो सकता है। इसके कारण भी एसजीपीटी लेवल बढ़ जाता है। इसके लिए डॉक्टर दवाओं का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। मेडिकेशन के साथ आप हर्बल सप्लीमेंट्स का सेवन भी कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
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एसीजीपीटी स्तर को संतुलित कैसे रखें?- How to Keep SGPT Level Balanced
एसीजीपीटी स्तर को बनाए रखने के लिए ये टिप्स काम आएंगे-
- पौष्टिक भोजन खाएं और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट का पालन करें।
- शरीर में विटामिन-डी के स्तर को बनाए रखें।
- उच्च एंटीऑक्सीडेंट युक्त फल और सब्जियों का सेवन करें।
- कम नमक और सोडियम युक्त आहार लें।
- कम मिर्च-मसाले और तेल वाले खाने का सेवन करें।
- नियमित एक्सरसाइज करें और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें।
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