
सर्दियों की सुस्ती वाली सुबह हो, त्योहारों का भारी खानपान हो या फिर घंटों तक बैठकर काम करने की आदत, इन सबके बीच एक बीमारी चुपचाप बढ़ रही है, जिसका असर शुरू में तो साधारण लगता है, लेकिन आगे चलकर यह लिवर को इतना नुकसान पहुंचा सकती है कि शरीर पीला पड़ने लगता है। हम बात कर रहे हैं फैटी लिवर की। ज्यादातर लोग इसे सिर्फ लिवर में चर्बी जमना मानकर हल्के में ले लेते हैं, लेकिन असलियत इससे कहीं गंभीर है। इस लेख में यशोदा अस्पताल, हैदराबाद के वरिष्ठ सलाहकार फिजीशियन और डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. जी. कृष्ण मोहन रेड्डी (Dr. G. Krishna Mohan Reddy, Senior Consultant Physician and Diabetologist, Yashoda Hospitals, Hyderabad) से जानिए, क्या फैटी लिवर से पीलिया हो सकता है?
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क्या फैटी लिवर से पीलिया हो सकता है? - Does fatty liver cause jaundice
फिजीशियन और डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. जी. कृष्ण मोहन रेड्डी बताते हैं कि फैटी लिवर और पीलिया का संबंध सीधा नहीं है, लेकिन गंभीर स्टेज पर यह जुड़ सकता है। डॉ. जी. कृष्ण मोहन रेड्डी के अनुसार, ''फैटी लिवर शुरुआती अवस्था में लक्षण नहीं देता, लेकिन धीरे-धीरे यह सूजन, फाइब्रोसिस और फिर सिरोसिस तक पहुंच सकता है। जब लिवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं और बिलीरुबिन को फिल्टर करने की क्षमता घटती है, तब पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है।'' इसलिए यह समझना बेहद जरूरी है कि हर फैटी लिवर पीलिया नहीं बनाता, लेकिन समय रहते ध्यान न देने पर यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है।
सीधे शब्दों में, फैटी लिवर शुरुआती स्टेज पर पीलिया का कारण नहीं होता। लेकिन जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है, लिवर की कार्यक्षमता कम होने लगती है।
फैटी लिवर क्या है?
फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में सामान्य से ज्यादा फैट जमा होने लगता है। इसे दो प्रकारों में बांटा गया है, NAFLD (नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज) और AFLD (अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज)। डॉ. रेड्डी बताते हैं कि दोनों ही स्थितियों में लिवर पर अतिरिक्त वजन पड़ता है और समय के साथ यह सूजन और स्कारिंग यानी फाइब्रोसिस में बदल सकती है।
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फैटी लिवर के प्रमुख लक्षण
शुरुआत में फैटी लिवर अक्सर साइलेंट रहता है, लेकिन समय के साथ लक्षण उभरने लगते हैं-
- पेट में भारीपन
- थकान
- भूख कम होना
- दाईं पसली के नीचे दर्द
- वजन बढ़ना या अचानक घटना
- सूजन
डॉक्टर के पास कब जाएं?
आंखें या पेशाब पीली होना, तेज थकान, लगातार उल्टी, पेट में भारीपन या सूजन, भूख कम होना, अचानक वजन घटना, ये संकेत बताते हैं कि लिवर पर असर बढ़ चुका है। ऐसे में बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और उचित इलाज को फॉलो करना चाहिए।
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निष्कर्ष
फैटी लिवर शुरुआती स्टेज में पीलिया नहीं बनाता, लेकिन यह धीरे-धीरे गंभीर होकर लिवर की कार्यक्षमता को इतना कमजोर कर सकता है कि पीलिया की स्थिति बन जाए। इसलिए सही डाइट, नियमित एक्सरसाइज और समय-समय पर मेडिकल जांच जरूरी है। जितना जल्दी बीमारी पकड़ी जाए, उतना ही आसान इलाज और बेहतर रिजल्ट मिलते हैं।
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FAQ
फैटी लिवर में क्या नहीं खाना चाहिए?
फ्राइड फूड, शुगर, बेकरी आइटम, रेड मीट, पैकेज्ड जूस और अल्कोहल को पूरी तरह सीमित या बंद करने की सलाह दी जाती है।क्या फैटी लिवर पूरी तरह ठीक हो सकता है?
यदि समय पर पकड़ में आ जाए और व्यक्ति अपनी डाइट, लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज और वजन कंट्रोल करे, तो फैटी लिवर की समस्या ठीक हो सकती है।क्या फैटी लिवर सिर्फ मोटे लोगों में होता है?
नहीं, यह स्किनी फैट लोगों में भी हो सकता है, खासकर उन लोगों में जिनकी डाइट में ज्यादा शुगर, फ्राइड फूड और कम प्रोटीन होता है।
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Dec 03, 2025 16:01 IST
Published By : Akanksha Tiwari