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Fact Check: क्या मिल्क थीस्ल फैटी लिवर का इलाज कर सकता है? आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानें

अक्सर लोग फैटी लिवर की समस्या से परेशान रहते हैं। ऐसे में इससे राहत के लिए कई उपायों को अपनाया जा सकता है, लेकिन क्या इसके लिए मिल्क थीस्ल का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है? आइए लेख में जानें -
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Fact Check: क्या मिल्क थीस्ल फैटी लिवर का इलाज कर सकता है? आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानें

kya milk thistle fatty liver ke liye faydemand hai in hindi: आज के समय में फिजिकल एक्टिविटीज न करने और अधिक अनहेल्दी खानपान के कारण ज्यादातर लोग फैटी लिवर की समस्या से परेशान रहते हैं। इसके कारण अक्सर लोगों को थकान होने, भूख न लगने, जी मिचलाने, पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में हल्का दर्द होने, थकान रहने, कमजोरी होने त्वचा, पेट में सूजन आने, पैरों और टखनों में सूजन आने की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में फैटी लिवर की समस्या से राहत के लिए अक्सर लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करने और हेल्दी डाइट लेने की सलाह दी जाती है, तो कई बार आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करने की सलाह भी दी जाती है। ऐसे में क्या आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में से एक मिल्क थीस्ल लिवर के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और क्या ये फैटी लिवर को ठीक कर सकती है? ऐसे में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानें क्या वाकई मिल्क थीस्ल फैटी लिवर का इलाज कर सकता है?


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क्या मिल्क थीस्ल फैटी लिवर के लिए फायदेमंद है? - Is Milk Thistle Beneficial For Fatty Liver?

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, सिलीमारिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट एजेंट है। मिल्क थीस्ल यानी सिलीबम मेरियनम (Silybum marianum) ने फैटी लिवर ग्रेडिंग और लिवर एंजाइम्स में सुधार किया।

डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में से एक है, लेकिन ये मेडिटेरेनियन और साउथ अमेरिका, नॉर्थ अमेरिका, इस तरफ का असल में यह पौधा था। तो वहां से यह यूरोप आया, यूरोप से यह एशिया आया। एशिया से ये J&K और गुजरात में पंहुचा और यह हरियाणा और पंजाब में भी मिलता है। इसकी खेती हर जगह होती है।

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हेपेटोप्रोटेक्टिव गुणों से भरपूर

डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि मिल्क थीस्ल में हेपेटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) माना जाता है, साथ ही, ये पित्त विरेचन भी अच्छा करता है। बता दें, पित्त विरेचन यानी शरीर में बढ़े हुए या दूषित पित्त दोष को बाहर निकालाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, मिल्क थीस्ल लिवर से बाइल के सिक्रिशन को बढ़ाता है और गॉलब्लैडर को खाली भी करता है, इसलिए इसको एक अच्छी दवा माना गया है।

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लिवर फंक्शनिंग में सुधार करे

डॉक्टर श्रेय शर्मा कहते हैं कि औषधीय गुणों से भरपूर मिल्क थीस्ल लिवर को हिपेटोसाइड्स को बचाने में और उनकी फंक्शनिंग को बेहतर करने में महत्वपूर्ण रोल निभाता है। बता दें, लिवर के कार्यों के बेहतर होने पर फैटी लिवर की समस्या में आराम से देने में मदद मिल सकती है। इसमें साइटोकाइनिन (cytokinins) और फ्लेवोनॉयड्स (flavonoids) जैसे तत्व होते हैं।

पत्तों का होता है इस्तेमाल

डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, मिल्क थीस्ल के पत्तों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर इसका इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं।

निष्कर्ष

औषधीय गुणों से भरपूर मिल्क थीस्ल, जिसको सिलीबम मेरियनम के नाम से भी जाना जाता है। इसमें हेपेटोप्रोटेक्टिव और पित्त विरेचन के गुण होते हैं, जिससे बढ़े हुए दूषित पित्त को बाहर निकालने, गॉलब्लैडर को खाली करने, लिवर के कार्यों को बेहतर करने और फैटी लिवर की समस्या में आराम देने में मदद मिल सकती है। ध्यान रहे, मिल्क थीस्ल का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। फैटी लिवर की अधिक समस्या महसूस होने, अधिक थकान या कमजोरी होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें और हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें।

All Images Credit- Freepik

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FAQ

  • लिवर खराब होने के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

    लिवर खराब होने पर व्यक्ति को थकान होने, कमजोरी होने, पेट में दर्द होने, सूजन आने, आंखों और त्वचा के पीला पड़ने, उल्टी होने, मतली होने, त्वचा में खुजली होने, भूख न लगने, यूरिन के रंग में बदलाव होने, पैरों और टखनों में सूजन आने जैसे कई लक्षण दिखते हैं।
  • लिवर के पेशेंट को क्या नहीं खाना चाहिए?

    लिवर को हेल्दी रखने और लिवर के मरीजों को तला-भूना, अल्कोहल, रेड मीट, अधिक मीठा और नमकीन और अधिक अनहेल्दी फैट युक्त फूड्स को खाने से बचना चाहिए। इनके कारण लिवर से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
  • मिल्क थीस्ल का उपयोग कैसे करें?

    मिल्क थीस्ल का इस्तेमाल कैप्सूल, पाउडर या चाय के रूप में इसका सेवन किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे, इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के साथ सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें।

 

 

 

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  • Current Version

  • Nov 22, 2025 22:06 IST

    Published By : Priyanka Sharma

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