When Does Jaundice Become Fatal In Hindi: पीलिया (Jaundice) गंभीर बीमारियों में से एक है। इसके कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पीलिया एक तरह की मेडिकल कंडीशन है, जिसमें खून का स्तर बढ़ने बिलीरुबिन नामक पीले रंग के द्रव्य का स्तर बढ़ने के कारण लोगों को आंखों, स्किन और श्लेष्मा झिल्ली के पीला पड़ने लगती है। बता दें, बिलीरुबिन पीले रंग का द्रव्य है, खून में इसका स्तर बढ़ने पर रेड ब्लड सेल्स टूटने लगते हैं। आमतौर पर लिवर बिलीरुबिन को प्रोसेस करने और शरीर से बाहर निकालने का काम करता है। ऐसे में अगर लिवर के ठीक से काम न करने, इसमें बाधा आने या शरीर में बिलीरुबिन का अधिक उत्पादन होने के कारण लोगों को पीलिया की बीमारी हो सकती है। ऐसे में अक्सर लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि पीलिया की समस्या कब जानलेवा और गंभीर हो सकती है? ऐसे में आइए नवी मुंबई की कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल की बाल रोग एवं नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शिल्पा अरोस्कर (Dr. Shilpa Aroskar, Consultant, Paediatric and Neonatology, Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital, Navi Mumbai) से जानें कि पीलिया कब जानलेवा हो सकता है?
बता दें, बच्चों में पीलिया का सबसे आम कारण वायरल हेपेटाइटिस ए है, जो खाने या जलजनित होता है। ऐसे में बच्चे को हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी के टीके को देकर इसे रोका जा सकता है। रोकथाम इलाज से बेहतर है। वहीं, ज्यादातर मामलों में पीलिया हल्का होता है, जिसका इलाज किया जा सकता है, खासकर नवजात शिशु में, जहां इसको हल्की ट्रीटमेंट के साथ ठीक किया जा सकता है।
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पीलिया कब हो सकता है जानलेवा? - When can jaundice become fatal?
डॉ. शिल्पा अरोस्कर के अनुसार, पीलिया अपने आप में एक तरह का लक्षण है, लेकिन जब यह लिवर के गंभीर डिसऑर्डर और रुकावट का संकेत देता है, तो यह जानलेवा हो सकता है। ऐसे में किसी भी गंभीर स्थिति को रोकने और स्वस्थ रहने के लिए समय से रहते मूल कारणों का इलाज कराना बेहद जरूरी है।
लिवर का गंभीर रोग (Severe Liver Disease)
हेपेटाइटिस, सिरोसिस या लिवर कैंसर जैसी गंभीर स्थितियों में लिवर के कार्यों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। जब लिवर बिलीरुबिन को प्रोसेस नहीं कर पाता है, तो इसका स्तर शरीर में बढ़ने लगता है और शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं, जिससे हेप्टिक एन्सेफैलोपैथी (ब्रेन के कार्यों में बाधा आने), इंटर्नल ब्लीडिंग और मल्टी-ऑर्गन की समस्या हो सकती है, जो जानलेवा है।
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अवरोधक पीलिया (Obstructive jaundice)
अवरोधक पीलिया की समस्या तब होती है, जब पित्त की नलियां (पित्त पथरी, ट्यूमर या सूजन के कारण) ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे पित्त के नॉर्मल प्रवाह बाधित होता है। बता दें, अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह कोलेंजाइटिस या यहाँ तक कि सेप्सिस जैसे संक्रमणों का कारण बन सकता है। ये स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।
हीमोलिटिक पीलिया (Hemolytic jaundice)
हीमोलिटिक पीलिया में रेड ब्लड सेल्स बहुत तेजी से टूटने लगते हैं, जिससे लिवर की बिलीरुबिन को प्रोसेस करने की क्षमता कम हो जाती है। यह समस्या सिकल सेल एनीमिया (sickle cell anemia), ऑटोइम्यून डिजीज या कुछ अन्य इंफेक्शन की स्थितियों के कारण हो सकता है। इलाज न मिलने पर यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।
नवजात पीलिया (Neonatal jaundice)
यह नवजात शिशुओं में एक आम समस्या है, लेकिन अगर बच्चे के शरीर में बिलीरुबिन का स्तर अधिक बढ़ जाता है (जिसे कर्निक्टेरस कहा जाता है) और इस स्थिति में शिशु को तुरंत इलाज न मिलने के कारण शिशु के ब्रेन को नुकसान होने या मृत्यु का कारण बन सकता है।
गंभीर पीलिया के लक्षण - Symptoms of severe jaundice in hindi
- त्वचा और आंखों का गहरा पीला होने
- भ्रम होने
- थकान होने
- हल्का मल
- यूरिन का रंग गहरा होने
- पेट में सूजन आने
- उल्टी होने
- ब्लीडिंग टेंडेंसी होना
इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
पीलिया में लोगों को लिवर का गंभीर रोग, अवरोधक पीलिया, हीमोलिटिक पीलिया और नवजात पीलिया की स्थिति होने पर ये जानलेवा हो सकती हैं। ऐसे में इसके गंभीर पीलिया के त्वचा और आंखों का गहरा पीला होने, थकान होने, पेशाब के रंग के गहरा होने, पेट में सूजन आने और उल्टी होने जैसे संकेतों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इलाज न मिलने की स्थिति में यह बीमारी जानलेवा हो सकती है।
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FAQ
पीलिया के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
पीलिया (Jaundice) की शुरुआत में लोगों को स्किन और आंखों के पीला पड़ने, यूरिन का रंग गहरा होने, अधिक थकान होने, भूख न लगने, मल के रंग में बदलाव होने, पेट में दर्द होने, बुखार होने, उल्टी होने और त्वचा में खुजली होने की समस्या हो सकती है।पीलिया होने का मुख्य कारण क्या है?
जब ब्लड में बिलीरुबिन नामक पीले रंग का द्रव्य बढ़ने लगता है, तो रेड ब्लड सेल्स टूटने लगते हैं, जिसके कारण लोगों को पीलिया होने की समस्या होती है। इसके कारण लोगों की त्वचा और आंखें पीली पड़ने लगती हैं।पीलिया में क्या खाना चाहिए?
पीलिया की समस्या होने पर लोगों को डाइट में पपीता, अंगूर, एवोकाडो और ब्लूबेरीज, कद्दू, आलू, टमाटर, ब्रोकली, साबुत अनाज, प्रोटीन युक्त मछली, फलियां जैसे फूड्स, हाइड्रेटिंग फूड्स को डाइट में शामिल करें। इनको खाने से स्वास्थ्य को भी कई लाभ मिलते हैं।
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