Jaundice in Hindi: पीलिया एक गंभीर रोग है। इसे Jaundice भी कहा जाता है। इसमें त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला पड़ जाता है। आपको बता दें कि पीलिया रोग, बिलीरुबिन नामक पीले रंग के पदार्थ से जुड़ा हुआ है। जब रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है, तो यह पीलिया का कारण (Jaundice Causes in Hindi) बनता है। हेपेटाइटिस, सिरोसिस या फैटी लिवर जैसी बीमारियां भी बिलीरुबिन की अधिकता का कारण बन सकती हैं। ऐसे में पीलिया रोग के लक्षणों (Pilia ke Lakshan) का अनुभव हो सकता है। पीलिया जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए पीलिया के लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। यह रोग नवजात शिशुओं में बेहद आम है। हालांकि, पीलिया वयस्कों को भी हो सकता है। पीलिया के कई प्रकार होते हैं। आइए, जानते हैं सबसे खतरनाक पीलिया कौन-सा होता है (Kaun sa Piliya Khatarnak Hota Hai)-
पीलिया के प्रकार- Jaundice Types in Hindi
पीलिया 3 प्रकार का होता है। इसमें शामिल हैं-
1. हेमोलिटिक पीलिया
यह पीलिया तब होता है, जब रेड ब्लड सेल्स यानी लाल रक्त कोशिकाएं तेजी से टूटती हैं। इससे बिलीरुबिन का निर्माण अधिक मात्रा में होने लगता है। इस स्थिति में, लिवर भी सही तरह से काम नहीं कर पाता है। आपको बता दें कि बिलीरुबिन लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर बनता है। यह लिवर से फिल्टर होकर, पित्त के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है।
2. हेपेटोसिल्यूलर पीलिया
इस प्रकार का पीलिया तब होता है, जब लिवर की कोशिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंच जाता है। इस स्थिति में लिवर में संक्रमण भी फैल सकता है। यह पीलिया, लिवर की बीमारियों (हेपेटाइटिस या सिरोसिस) के कारण होता है। अधिक शराब इसका जोखिम कारक हो सकता है।
3. ऑब्स्ट्रक्टिव पीलिया
यह पीलिया तब होता है, जब पित्ताशय में किसी तरह की बाधा आ जाती है। यह लिवर, पित्ताशय और अग्न्याशय को प्रभावित कर सकता है। इस प्रकार के पीलिया का इलाज करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। इसे सर्जिकल पीलिया के रूप में भी जाना जाता है।
इसे भी पढ़ें- पीलिया (जॉन्डिस) ठीक होने में कितना समय लगता है? जानें डॉक्टर से
सबसे खतरनाक पीलिया कौन सा होता है?- Most Dangerous Type of Jaundice in Hindi
पडवल अस्पताल, मेघनगर के जनरल फिजिशियन डॉ. हार्दिक नाइक बताते हैं, "ऑब्स्ट्रक्टिव पीलिया, सबसे खतरनाक हो सकता है। दरअसल, इस पीलिया में पित्ताशय प्रभावित हो जाता है। इस स्थिति में पित्त की नली में रुकावट आ जाती है। इससे रक्त में बिलीरुबिन का स्तर तेजी से बढ़ जाता है। इसकी वजह से पीलिया के लक्षण तेजी से नजर आने लगते हैं। साथ ही, स्थिति गंभीर रूप लेने लगती है। अगर इस प्रकार के पीलिया का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह लिवर फेलियर या पित्ताशय के कैंसर का कारण भी बन सकता है।"
ऑब्स्ट्रक्टिव पीलिया के लक्षण
- उल्टी और पेट में तेज दर्द
- तेज बुखार
- गहरे रंग का पेशान
- त्वचा और आंखों का पीला पड़ना
- भूख न लगना
- थकान और कमजोरी का अनुभव होना
- वजन लगातार कम होना
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो बिलकुल नजरअंदाज न करें। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।
इसे भी पढ़ें- क्या पीलिया में हल्दी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर
पीलिया से कैसे करें बचाव?- Prevention Tips for Jaundice in Hindi
- पीलिया से बचने के लिए हमेशा स्वच्छ पानी पिएं।
- बाहर का खाना खाने से परहेज करें।
- हाइजीन खा खास ख्याल रखें। अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं।
- खाना खाने से पहले और शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद हाथ जरूर धोएं।
- स्वस्थ भोजन का सेवन करें। आहार में फल, सब्जियां और दाल शामिल करें।
- रोजाना योग और व्यायाम जरूर करें। इससे आपका लिवर स्वस्थ रहेगा।
- शराब का सेवन बिलकुल न करें। शराब लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
- हेपेटाइटिस का टीका जरूर लगवाएं। इससे पीलिया का जोखिम कम हो सकता है।
पीलिया एक गंभीर बीमारी है। इसलिए इस रोग को नजरअंदान नहीं किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि पीलिया के कई प्रकार हैं। इसमें ऑब्स्ट्रक्टिव प्रकार का पीलिया सबसे खतरनाक है। इसमें पित्ताशय को नुकसान पहुंचता है। इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए अपनी डाइट और लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाए रखें। अगर पीलिया का कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।