आज के समय में बदलती लाइफस्टाइल और बिगड़ते खानपान ने लोगों की सेहत पर गंभीर असर डाला है। जंक फूड, कम फिजिकल एक्टिविटी, ज्यादा प्रोसेस्ड फूड का सेवन और तनावपूर्ण दिनचर्या ने कई बीमारियों को जन्म दिया है, जिनमें फैटी लिवर डिजीज सबसे तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन गई है। फैटी लिवर की समस्या अब केवल उम्रदराज या शराब पीने वालों तक सीमित नहीं रही, बल्कि युवा, महिलाएं और यहां तक कि किशोर भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में जिन लोगों को फैटी लिवर की शिकायत होती है, वे अक्सर अपने डाइट प्लान और खाने-पीने की चीजों को लेकर कंफ्यूजन में रहते हैं। जिन लोगों को सोयाबीन खाना पसंद होता है उनका अक्सर सवाल होता है कि क्या फैटी लिवर में सोयाबीन खा सकते हैं?
इस लेख में हम जयपुर में स्थित Angelcare-A Nutrition and Wellness Center की निदेशक, डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन (Archana Jain, Dietitian and Nutritionist, Director, Angelcare-A Nutrition and Wellness Center, Jaipur) से जानेंगे कि सोयाबीन का सेवन फैटी लिवर के मरीजों के लिए कितना फायदेमंद है, इसे किस रूप में लेना चाहिए, और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
क्या फैटी लिवर में सोयाबीन खा सकते हैं? - can we eat soybean in fatty liver
फैटी लिवर तब होता है जब लिवर की कोशिकाओं में ज्यादा मात्रा में वसा (फैट) जमा हो जाती है। यह स्थिति दो प्रकार की होती है, नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज और अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज। फैटी लिवर आमतौर पर शुरुआती चरण में कोई लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन समय के साथ यह लिवर फाइब्रोसिस, सिरोसिस और लिवर फेल्योर जैसे गंभीर डिजीज का कारण बन सकता है। इसलिए खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव इसके इलाज में बहुत जरूरी हैं।
फैटी लिवर की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए सही डाइट सबसे अहम भूमिका निभाती है। जिन फूड्स में ट्रांस फैट, ज्यादा कार्बोहाइड्रेट, प्रोसेस्ड शुगर और हाई कैलोरी होती है, वे लिवर की सेहत को और बिगाड़ सकते हैं। इसके विपरीत, प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर डाइट फैटी लिवर को सुधारने में मददगार साबित होती है। सोयाबीन एक हाई प्रोटीन फूड है, जिसमें फाइबर, आयरन, कैल्शियम, विटामिन और कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स (Is soyabean good for fatty liver disease) भी पाए जाते हैं। फैटी लिवर की समस्या में भी इसका सेवन कम तेल और मसाले के साथ सीमित मात्रा में किया जा सकता है।
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फैटी लिवर में सोयाबीन के फायदे - Benefits of soybean in fatty liver
- फैटी लिवर के मरीजों के लिए हाई क्वालिटी वाला प्रोटीन जरूरी होता है, जो सोयाबीन से मिलता है।
- सोया में फाइटोस्टेरोल्स होते हैं जो खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करते हैं।
- इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लिवर की सूजन घटाते हैं।
- इसका सेवन पाचन बेहतर बनाता है और मेटाबॉलिज्म को सुधारता है।
- हाई प्रोटीन और फाइबर युक्त होने के कारण सोयाबीन खाने के बाद भूख कम लगती है और वजन कंट्रोल रहता है, जो फैटी लिवर में जरूरी है।
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सोयाबीन कैसे लें?
सोयाबीन को सीधे उबालकर या भिगोकर सब्जी में, दाल में या सलाद के रूप में खाया जा सकता है। इसके अलावा, टोफू, सोया दूध भी अच्छे विकल्प हैं। ध्यान रहे कि सोया चंक्स प्रोसेस्ड होते हैं, इसलिए सप्ताह में 2-3 बार ही सेवन करें। घर पर भिगोई गई और उबली हुई सोयाबीन सबसे बेहतर विकल्प होती है।
निष्कर्ष
फैटी लिवर में सोयाबीन का सेवन संतुलित मात्रा में और सही तरीके से किया जाए, तो यह लिवर की सेहत के लिए लाभकारी हो सकता है। यह न केवल प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स है, बल्कि लिवर की सूजन और फैट को कम करने में भी मदद करता है। हालांकि, किसी भी बदलाव से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लेना जरूरी है, ताकि आपकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सही डाइट प्लान बनाया जा सके।
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