आज के समय में भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान, देर तक बैठकर काम करने की आदत, तनाव और फिजिकल एक्टिविटी की कमी जैसी आदतें हमारी सेहत पर गहरा असर डाल रही हैं। इन सबका नतीजा है, फैटी लिवर जैसी गंभीर लेकिन साइलेंट बीमारी, जो धीरे-धीरे शरीर को अंदर से कमजोर कर देती है। फैटी लिवर की समस्या पहले केवल अधेड़ उम्र के लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब यह युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। फैटी लिवर तब होता है जब लिवर की कोशिकाओं में ज्यादा फैट जमा होने लगता है, जिससे लिवर के कार्य प्रभावित होने लगते हैं। ज्यादातर मामलों में व्यक्ति को लंबे समय तक पता ही नहीं चलता कि उसके लिवर की सेहत बिगड़ रही है। कई बार यह तब सामने आता है जब व्यक्ति किसी दूसरी बीमारी के लिए जांच करवा रहा होता है और लिवर फंक्शन टेस्ट या अल्ट्रासाउंड में यह समस्या पकड़ में आती है। इस लेख में महाजन इमेजिंग एंड लैब्स के संस्थापक और चेयरमैन, डॉ. हर्ष महाजन से जानिए, फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण कौन से हैं?
फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण कौन से हैं? - What are the early warning signs of fatty liver
डॉ. हर्ष महाजन के अनुसार, 'फैटी लिवर अक्सर चुपचाप विकसित होता है और शुरुआती चरण में व्यक्ति को कोई खास संकेत नहीं मिलते। लेकिन अगर समय रहते इसके कुछ सूक्ष्म लक्षणों को पहचाना जाए, तो बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है।'
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1. शरीर में थकावट बनी रहना
फैटी लिवर से पीड़ित कई लोगों में सबसे आम और शुरुआती लक्षण होता है, लगातार थकान महसूस करना। यह थकावट किसी काम के बाद होने वाली आम थकावट नहीं होती, बल्कि शरीर के एनर्जी लेवल में गिरावट के कारण होती है। लिवर का मुख्य कार्य शरीर से विषैले तत्वों यानी टॉक्सिन को निकालना और पाचन में सहायता करना होता है। जब लिवर में फैट जमा हो जाता है, तो यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे शरीर में एनर्जी कम बनती है और व्यक्ति को हर वक्त थकान महसूस होती है।
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2. बिना वजह वजन बढ़ना
अगर आपकी दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है, फिर भी आपका वजन बढ़ रहा है, तो यह फैटी लिवर का संकेत हो सकता है। फैटी लिवर का सीधा संबंध मेटाबॉलिज्म से होता है, और जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, तो शरीर में फैट की प्रोसेसिंग प्रभावित होती है। इससे वजन तेजी से बढ़ सकता है, खासकर पेट और कमर के आसपास चर्बी जमने लगती है, जो एक खतरनाक संकेत है।
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3. पेट में भारीपन या हल्का दर्द
फैटी लिवर के मरीजों को पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में हल्का सा भारीपन या दबाव महसूस हो सकता है। यह दर्द बहुत तेज नहीं होता, इसीलिए अधिकतर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं या गैस, अपच जैसी मामूली समस्याओं से जोड़कर देखते हैं। लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो रही हो, तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
4. ब्लड टेस्ट में लिवर एंजाइम्स का बढ़ना
अक्सर फैटी लिवर का पता तब चलता है जब किसी और वजह से कराए गए रूटीन ब्लड टेस्ट में लिवर एंजाइम्स का स्तर बढ़ा हुआ पाया जाता है। लिवर एंजाइम्स अगर सामान्य से अधिक हों, तो यह लिवर में सूजन या फैटी लिवर की ओर इशारा करते हैं। इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेकर लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) और एब्डॉमिनल अल्ट्रासाउंड कराना बहुत जरूरी हो जाता है।
फैटी लिवर की समस्या गंभीर हो सकती है, लेकिन समय रहते अगर इसके साइलेंट संकेतों को पहचाना जाए, तो इसे पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है। हेल्दी खानपान, नियमित एक्सरसाइज, वजन कंट्रोल और अल्कोहल से दूरी जैसे आसान बदलाव लिवर को हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही नियमित जांच के जरिए बीमारी की शुरुआत में ही पहचान कर उसका इलाज करना संभव होता है।
निष्कर्ष
फैटी लिवर एक ‘साइलेंट किलर’ की तरह है, जो धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन इसकी गंभीरता को समझते हुए अगर हम इसके आरंभिक लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय रहते सही जांच करवाएं, तो यह स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल की जा सकती है।
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