Rice vs Millets for Fatty Liver: आज के लाइफस्टाइल के चलते फैटी लिवर आम समस्या बन चुका है। इस स्थिति में रोगी के लिवर में फैट बहुत अधिक जमा हो जाता है। अगर इसका समय पर इलाज न हो तो सिरोसिस या लिवर कैंसर में बदल जाता है। अगर किसी को भूख न लगे, पेट में दर्द, सूजन पीलिया और थकान (symptoms of fatty liver) जैसे लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इस बीमारी में डाइट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अगर रोगी सही तरीके से डाइट ले, तो बीमारी को रोकने और मैनेज करने में काफी मदद मिलती है। फैटी लिवर रोगियों का अक्सर यह सवाल होता है कि क्या वह अपनी डाइट में चावल खा सकते हैं या फिर मिलेट्स लेना ज्यादा फायदेमंद है। मिलेट्स यानीकि मोटा अनाज, जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी आदि आता है। इस बारे में हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल के सीनियर डाइटीशियन रीतिका शर्मा (Ms. Rhitika Sharma, Senior Dietitian Sarvodaya Hospital, Sector-8, Faridabad) से बात की। उन्होंने चावल और मोटे अनाज के बारे में विस्तार से बताया।
लिवर क्या काम करता है?
लिवर शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है, मेटाबॉल्जिम बैलेंस करता है, खून साफ करता है, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों को स्टोर करता है। अगर लिवर में फैट जमा हो जाए, तो लिवर के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है। फैट जमा होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें बहुत ज्यादा शराब पीना, मोटापा और हाई कोलेस्ट्रोल होना सबसे आम है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए मरीज को डाइट पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। इसलिए डाइटीशियन रितिका ने मोटे अनाज में से भी क्या खाना चाहिए, इसके बारे में बताया। पहले जानते हैं फैटी लिवर रोगियों के लिए चावल खाना कितना फायदेमंद है।
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क्या फैटी लिवर में चावल खाना सही है?
रितिका शर्मा कहती हैं,”हां, अधिक मात्रा में चावल खाने से फैटी लिवर बढ़ सकता है। सफेद चावल में ग्लायसेमिक इंडेक्स (GI) बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। इससे खून में शुगर की मात्रा तेजी से बढ़ती है। ज्यादा चावल खाने से इंसुलिन रेसिस्टेंस होता है, जो फैटी लिवर का सबसे मुख्य कारण है। अगर चावल पॉलिश्ड होता है, तो उसमें फाइबर और पोषक तत्वों की मात्रा काफी कम होती है। इस वजह से चावल लिवर के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं होते। मैं फैटी लिवर के रोगियों को चावल की मात्रा कम करने की सलाह देती हूं। चावल को अपनी डाइट से बिल्कुल मत निकालें, बस मात्रा सीमित कर दें।”
क्या मिलेट्स (मोटा अनाज) फैटी लिवर रोगियों के लिए फायदेमंद है?
डाइटिशियन रितिका कहती हैं, “बिल्कुल मोटा अनाज फैटी लिवर रोगियों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है। मोटे अनाज में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, मैग्नीशियम और विटामिन बी जैसे कई जरूरी और महत्वपूर्ण न्यूटिशन होते हैं। ये पोषक तत्व लिवर के मेटाबॉलिज्म को बेहतर करते हैं और सूजन को कम करते हैं। अगर देखा जाए तो मिलेट्स में चावल के मुकाबले ग्लायसेमिक इंडेक्स (GI) काफी कम होता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने और इंसुलिन की सेंसिटिविटी को बढ़ाने में मदद करता है। मैं फैटी लिवर के मरीजों को डाइट में मिलेट्स लेने की सलाह देती हूं।”
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कौन से मिलेट्स फैटी लिवर के लिए अच्छे है?
अगर फैटी लिवर मरीजों के लिए मिलेट्स अच्छे हैं, तो कौन सा मोटा अनाज सबसे ज्यादा फायदेमंद है। रितिका ने इन मिलेट्स को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह दी है।
फॉक्सटेल मिलेट (कंगनी) – इसमे GI कम होता है और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है।
कोदो मिलेट – लिवर की सूजन को कम करता है और पचने में आसान होता है।
लिटिल मिलेट (कुटकी) – ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मददगार है।
बार्नयार्ड मिलेट (सामक) – आयरन से भरपूर होने के कारण मेटाबॉलिज्म को बहुत सपोर्ट करता है।
बाजरा – एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर बाजरा लिवर को डिटॉक्स करने में मददगार है।
रितिका कहती हैं कि मोटे अनाज को अपनी डाइट में बैलेंस तरीके से शामिल करना चाहिए। बहुत ज्यादा मात्रा में मिलेट्स लेना भी अच्छा नहीं है।
क्या फैटी लिवर के सभी रोगियों को मिलेट्स खाना फायदेमंद है?
डाइटिशियन रितिका ने बताया कि हर किसी के लिए मिलेट्स सही नहीं है। कुछ लोगों को मिलेट्स खाने से गैस या पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है। अगर फैटी लिवर के साथ थायरॉइड की भी समस्या है, तो ऐसे रोगियों को खासतौर पर बाजरा जैसे कुछ मोटे अनाज की मात्रा कम कर देनी चाहिए। किसी को भी डाइट हमेशा अपनी पाचन क्षमता और लाइफस्टाइल को देखकर लेनी चाहिए।
FAQ
फैटी लीवर को ठीक करने के लिए क्या खाना चाहिए?
फैटी लीवर को ठीक करने के लिए फल, सब्जियां, ओट्स, ग्रीन टी, लहसुन और नट्स जैसी चीजें शामिल करनी चाहिए। तला-भुना खाने से परहेज करना चाहिए।फैटी लिवर में क्या रोटी खानी चाहिए?
फैटी लिवर में रोटी खाई जा सकती है, लेकिन गेहूं की बजाय मल्टीग्रेन रोटी खाएं। ये फैटी लिवर के रोगियों के लिए ज्यादा बेहतर है।फैटी लिवर में चाय पी सकते हैं क्या?
बिल्कुल फैटी लिवर के रोगी ग्रीन टी या हर्बल चाय पी सकते हैं। ये मेटाबॉल्जिम को बढ़ाने में मदद करती है।