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क्या फैटी लिवर में मखाना खाना चाहिए? एक्सपर्ट से जानें इसके सेवन का सही तरीका

फैटी लिवर में मखाना:  फैटी लिवर की समस्या (fatty liver) आजकल आम होती जा रही है। इस बीमारी में डाइट से जुड़े बदलाव करना जरूरी हो जाता है। ऐसे में जानते हैं मखाना कैसे फायदेमंद है।   
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क्या फैटी लिवर में मखाना खाना चाहिए? एक्सपर्ट से जानें इसके सेवन का सही तरीका


Makhana in fatty liver: फैटी लिवर की समस्या आजकल बहुत से लोगों में देखी जा रही है। इस बीमारी में लोगों के लिवर में फैट जमा हो जाता है और यह लिवर के काम काज को प्रभावित करता है। इससे लिवर का बाइल प्रोडक्शन प्रभावित होता है और पाचन क्रिया भी प्रभावित रहता है। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप फाइबर से भरपूर फूड्स का सेवन करें जो कि फैटी लिवर की समस्या को कम करने में मदद करे। इसके अलावा उन चीजों को खाएं जो कि लिवर के काम काज को बेहतर बनाए। ऐसी ही चीज है मखाना। लेकिन, क्या फैटी लिवर में मखाना खाना फायदेमंद है (fox nuts benefits for fatty liver)? अगर हां तो, कैसे करें इसका सेवन, क्या है सही तरीका। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से Dr. Dhara Panchal, M.D., Founder & Director at Nitzana

क्या फैटी लिवर में मखाना खाना चाहिए-Can we have makhana in fatty liver?

Dr. Dhara Panchal बताती हैं कि फैटी लिवर की समस्या में आप मखाना (fox nuts for fatty liver) खा सकते हैं। मखाने में कई सारे न्यूट्रीएंट्स होते हैं जो कि फैटी लिवर की समस्या को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकते हैं। मखाने में एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर और कई ऐसे विटामिन होते हैं जो कि इस बीमारी को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं। फैटी लिवर से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए मखाना एक बेहतरीन नाश्ता हो सकता है। इसकी कम कैलोरी और उच्च पोषक तत्व, लिवर में फैट के संचय को कम करने में सहायता करता है।

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मखाना कैम्फेरोल जैसे फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होता है, जिसमें मजबूत एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जो नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) में लिवर को नुकसान पहुंचाने वाला एक प्रमुख कारक है। इसके अतिरिक्त, मखाना में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो इसे ब्लड शुगर और इंसुलिन प्रतिरोध को नियंत्रित करने के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है। इन दोनों ही चीजों को हेल्दी लिवर के लिए कंट्रोल करना जरूरी है।

लिवर डिटॉक्स में मददगार है मखाना-Makhana is good detoxifying agent

इसके अलावा, मखाना मैग्नीशियम और मेथियोनीन जैसे जरूरी अमीनो एसिड का एक अच्छा स्रोत है, जो लिवर में जमा गंदगी और लिपिड मेटाबोलिज्म में सहायता करता है। ये पोषक तत्व फैट को तोड़ने में मदद करते हैं और लिवर में अत्यधिक फैट को जमा होने से रोकते हैं। इसके सूजनरोधी गुण NAFLD को फाइब्रोसिस या सिरोसिस जैसी गंभीर स्थितियों में बढ़ने से रोकने में भी मदद करते हैं।

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मेटाबॉलिज्म तेज करने में मददगार मखाना-Improves metabolism

मेटाबॉलिज्म तेज करने में मखाना का सेवन काफी मददगार है। मखाना में फाइबर के साथ कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कि मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने में मददगार है। इससे आपका मेटाबॉलिज्म तेज होता है और लिवर में जमा फैट पचाने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं मखाने का फाइबर, लिवर में जमा फैट के कणों को अपने साथ बाहर निकालने में मदद करता है। इससे लिवर की सफाई हो जाती है और इसका काम काज बेहतर होता है और फैटी लिवर की समस्या में कमी आती है।

क्या फैटी लिवर में मखाना कैसे खाएं-How to consume makhana in fatty liver

फैटी लिवर में मखाना खाने का सबसे अच्छा तरीका वह है जब आप इसका फाइबर बढ़ाकर खाएं। यानी आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप मखाना ऐसे खाएं कि इसका फाइबर बढ़ जाए पर फैट न बढ़े। इसके लिए आपको इसे दूध में भिगोकर खाना चाहिए या फिर आप इसे बिना मसाले के सादा-हल्का भुनकर भी खा सकते हैं। पर ध्यान रखें कि आप इसे ज्यादा नमकीन और तेल मसाला मिलाकर न खाएं। इससे मखाने का फैट कंटेंट बढ़ेगा जो कि फैटी लिवर में सही नहीं है। तो इसे बिना ऑयली फूड बनाए खाने की कोशिश करें और ज्यादा से ज्यादा इसे नेचुरली खाएं।

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