मिनट-मिनट जो चेक करते हैं आप अपना फोन, दिमाग को खोखला कर देगी ये गंदी आदत: स्टडी

Phone chalane ke nuksan:अगर आप भी उन लोगों में हैं जो कि अकारण ही बस फोन चलाते रहते हैं या हर मिनट फोन चेक करते रहते हैं तो ये स्टडी आपके लिए है। इसमें बताया गया है कि कैसे फोन चलाने की आदत आपके ब्रेन का नुकसान कर सकती है।
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मिनट-मिनट जो चेक करते हैं आप अपना फोन, दिमाग को खोखला कर देगी ये गंदी आदत: स्टडी

Phone chalane ke nuksan: हम में से ज्यादातर लोगों की आदत होती है रह-रहकर फोन चेक करना। अकारण ही लगातार इस काम को करना आपके ब्रेन हेल्थ और साइकोलॉजिकल सेहत को प्रभावित कर सकती है। दरअसल, आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि इस आदत की वजह से आपकी याददाश्त जा सकती है और आपके ब्रेन की सेहत प्रभावित हो सकती है। Singapore Management University की इस स्टडी में बताया गया है कि अगर आप लगातार बिना सोचे समझे अपना फोन चेक करते हैं तो आपको मेमोरी लॉस से लेकर ब्रेन का संज्ञानात्मक विकास भी प्रभावित होती है। इसके अलावा ये आदत आपके मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकती है, कैसे आइए जानते हैं इस बारे में।


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क्या कहती है ये स्टडी?

ब्रिटेन की नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी और दक्षिण कोरिया की केइमयुंग यूनिवर्सिटी के अध्ययनों में पाया गया है कि दिन में लगभग 110 बार फोन देखना आपके ब्रेन को खोखला कर सकता है। इस निश्चित सीमा पार करने के बाद, फोन पर नजर डालने से आपके संज्ञानात्मक कौशल (cognitive brain) पर असर पड़ना शुरू हो सकता है। इसमें बताया गया है कि हर 30 मिनट में मीटिंग में बैठे 4 में से 1 लोग लगातार फोन चेक करते हैं।

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मानसिक और भावनात्मक नुकसान

दरअसल, लगातार सूचनाएं और अपने डिवाइस को बार-बार देखने की इच्छा चिंता के स्तर को बढ़ा सकती है। जब आपके पास अपने फोन तक पहुंच नहीं होती है, तो आपको "नोमोफोबिया" (कुछ छूट जाने का डर) महसूस होता है। मस्तिष्क लगातार नएपन और रुकावटों की अपेक्षा करने के लिए प्रशिक्षित हो जाता है, जिससे लंबे समय तक एक ही काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। इससे मानसिक थकान और टालमटोल की प्रवृत्ति हो सकती है। बिना सोचे-समझे स्क्रॉल करने से, खासकर सोशल मीडिया पर, सामाजिक तुलना और नकारात्मक समाचारों के संपर्क में आने से डिप्रेशन के लक्षण महसूस हो सकते हैं।

इतना ही नहीं, स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन के उत्पादन को दबा देती है, जिससे नींद आना मुश्किल हो जाता है। इतना ही नहीं इसे शरीर को भी नुकसान होता है। ये डिजिटल आई स्ट्रेन का कारण बनती है जिससे आंखों में थकान, सूखापन, धुंधली दृष्टि और सिरदर्द हो सकता है। फोन को लंबे समय तक एक निश्चित स्थिति में रखने से, आपकी गर्दन, कंधों और पीठ पर दबाव पड़ता है, जिससे मस्कुलोस्केलेटल समस्याएं हो सकती हैं। इससे एक गतिहीन जीवनशैली बनती है, जो मोटापे जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी है।

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तो फोन के इस्तेमाल को कम करें। जब जरूरी हो तभी मोबाइल का इस्तेमाल करें नहीं तो आपकी आदत खराब होने के साथ सेहत भी खराब हो सकती है और मस्तिष्क को भी इसका नुकसान हो सकता है। इस आदत को कंट्रोल करने के लिए फोन से सोशल मीडिया एप्स को हटा दें। इसके अलावा नोटिफिकेशन बंद कर दें और जब तक जरूरी कॉल न आए तब तक फोन न उठाएं।

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  • Dec 01, 2025 12:25 IST

    Published By : Pallavi Kumari

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