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दो साल से कम उम्र के बच्चे को फोन देने के हो सकते हैं ये 5 नुकसान, न करें लापरवाही

Side Effects Mobile Phone For Kids Under Two Years In Hindi: जो पैरेंट्स अपने दो साल से कम उम्र के बच्चे को मोबाइल फोन देते हैं, वे ध्यान रखें कि इसका उनकी मेंटल-फिजिकल हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है। कैसे? जानें इस लेख में-
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दो साल से कम उम्र के बच्चे को फोन देने के हो सकते हैं ये 5 नुकसान, न करें लापरवाही

Are Phones Good For 2 Year Olds In Hindi: आज की तारीख में मोबाइल फोन की लत लगभग हर दूसरे व्यक्ति को है। छोटे बच्चे से लेकर वयस्क, हर कोई मोबाइल फोन में अपना ज्यादा से ज्यादा समय बिताता है। जबकि, तमाम विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि मोबाइल फोन में अतिरिक्त समय बिताने के कारण सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। विशेषकर, मानसिक स्वास्थ्य खराब होने लगता है। पैरेंट्स को भी यही सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखें। इसके बावजूद, यह देखने में आता है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को भी पैरेंट्स मोबाइल फोन दे देते हैं, ताकि उन्हें हैंडल करना मुश्किल न हो। आपको बता दें कि दो साल से कम उम्र के बच्चे को मोबाइल देना बहुत ही ज्यादा नुकसानदायक होता है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल देना किस तरह के नुकसानदायक हो सकता है। इस बारे में हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी से बात की।

दो साल से कम उम्र के बच्चे को फोन देने के नुकसान- Effects Of Mobile Phone For Kids Under Two Years Of Age In Hindi

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सोशल-इमोशनल विकास पर असर

दो साल से कम उम्र के बच्चों में तेजी से सीखने की प्रवृत्ति विकसित होती है। इस उम्र में उनके साथ जितनी बातचीत की जाए, उनका इमोशनल और सोशल बॉन्ड उतना ही स्ट्रॉन्ग होता है। वहीं, अगर बच्चा सिर्फ स्क्रीन टाइम में अपना अधिक समय बिताता है, तो इस स्थिति में वह बातचीत नहीं करता है। वह दूसरों से मिलना-जुलना कम कर देता है। नतीजतन, उसका सोशल-इमोशनल विकास प्रभावित होने लगता है।

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बातचीत की स्किल पर असर

जैसा कि कुछ देर पहले ही हमने बताया है कि जब बच्चे अधिम समय मोबाइल फोन पर बिताते हैं, तो वे किसी से बातचीत नहीं करते हैं। ऐसे में उनकी बातची करने की स्किल धीमी हो जाती है। आपने अपने आसपास कई ऐसे उदाहरण देखे होंगे जब बच्चे को बातचीत करने में अधिक समय लग जाता है। ऐसा मोबाइल फोन पर अधिक समय बिताने के कारण होता है।

नींद का बाधित होना

मोबाइल फोन में समय बिताना बच्चों को इतना अच्छा लगने लगता है कि उनके सोने-जगने का पैटर्न भी प्रभावित होने लगता है। दो साल से कम उम्र के बच्चों के साथ ऐसा होना बिल्कुल सही नहीं है। मोबाइल में समय बिताने की वजह से उनकी फिजिकल एक्टिविटी या खेलने-कूदने का समय कम हो जाता है। ऐसे में उन्हें भूख भी कम लगती है और स्लीप साइकिल भी इफेक्ट होने लगता है। दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यह स्थिति सही नहीं है।

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टैंट्रम दिखाना

मोबाइल की लत इतनी खतरनाक होती है कि कोई भी इसे आसानी से छोड़ नहीं पाता है। ऐसा ही दो साल से कम उम्र के बच्चों के साथ भी होता है। अगर बच्चे को मोबाइल फोन देखने की आदत हो जाती है। ऐसे में वह मोबाइल के बिना समय बिताना पसंद नहीं करता है। अगर उससे जबरदस्ती मोबाइल छीन लिया जाए, तो वह न सिर्फ रोता है बल्कि मोबाइल न देने तक सबको परेशान करने लगता है। ऐसे बच्चे धीरे-धीरे जिद्दी हो जाते हैं और बाहरी दुनिया से कटने लगते हैं।

स्वास्थ्य पर असर

मोबाइल पर समय बिताने के कारण न सिर्फ बच्चे का मानसिक विकास प्रभावित होता है, बल्कि उसकी हेल्थ पर भी असर पड़ने लगता है। जैसे घंटों मोबाइल पर समय बिताने के कारण वह खेल-कूद बंद कर देता है। ऐसे में वह एक ही जगह बैठा रहता है, जिससे कम उम्र में ही उनमें ओबेसिटी की दिक्कत होने लगती है। ध्यान रखें कि मोटापा कई अन्य बीमारियों का कारण भी बन सकता है।

All Image Credit: Freepik

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