एक साल से छोटे बच्चे को दे देते हैं मोबाइल? आपकी ये गलती कर सकती है उसके दिमाग के विकास को धीमा: Study

एक स्टडी के मुताबिक एक साल से छोटे बच्चे को मोबाइल देने से उनके दिमाग के विकास गति धीमी हो सकती है। 
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एक साल से छोटे बच्चे को दे देते हैं मोबाइल? आपकी ये गलती कर सकती है उसके दिमाग के विकास को धीमा: Study

आज के समय में बड़ों के साथ-साथ छोटे बच्चों में भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने का क्रेज काफी बढ़ गया है। ऐसे में पेरेंट्स एक साल या फिर उससे छोटे बच्चों को भी हाथ में मोबाइल पकड़ा देते हैं। क्या आप जानते हैं ऐसी आदत बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर कितना असर डाल सकती है? जी हां, हाल ही में जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिसिन एसोसिएशन (JAMA) में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक एक साल से छोटे बच्चे को मोबाइल देने से उनके दिमाग के विकास गति धीमी हो सकती है। 

बच्चों के दिमाग के विकास पर पड़ा असर 

स्टडी को करने वाले शोधकर्ताओं ने एक या उससे कम उम्र के बच्चों के फोन चलाने की आदत पर करीब से नजर बनाई। जिसके बाद यह पाया गया कि स्मार्टफोन या फिर स्क्रीन के सामने ज्यादा देर तक रहने वाले बच्चों में सूज-बूझ या फिर किसी भी चीज को समझने की क्षमता कम हुई थी। उनके दिमाग के विकास की गति धीमी हो गई थी, जिस कारण वे जल्दी बोलने में भी पूरी तरह से सक्षम नहीं थे। 

क्या बच्चों को मोबाइल देना सही है? 

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बच्चों को कम से कम 12 साल की उम्र के बाद ही मोबाइल का इस्तेमाल करने देना चाहिए। इससे छोटी उम्र में लंबे समय तक मोबाइल चलाना उनके स्वास्थ्य के लिए कई तरीकों से खतरा बन सकता है। इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास दोनों ही रुक सकता है। स्टडी के अनुसार ऐसी आदत सोचने-समझने की क्षमता पर भी असर डाल सकती है। 

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बच्चों को मोबाइल देने के नुकसान 

बच्चों को मोबाइल देना उनकी सेहत पर कई हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। इससे उनमें मोबाइल की लत लगने के साथ ही कम उम्र में डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी समस्या भी हो सकती है। ऐसे में बच्चों में मोटापा बढ़ना, नींद न आने के अलावा आंखें कमजोर होने की भी समस्या हो सकती है। इस आदत से उनका पढ़ाई में ध्यान नहीं लगने के साथ ही व्यवहार में भी बदलाव हो सकता है।

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