
आज के डिजिटल दौर में हमारी सुबह का पहला साथी और रात का आखिरी सहारा, दोनों ही मोबाइल की स्क्रीन बन चुकी है। जैसे ही आंख खुलती है, सबसे पहले हम मोबाइल नोटिफिकेशन देखते हैं, फिर ऑफिस के काम के लिए घंटों लैपटॉप पर झुककर बैठते हैं और रात होते-होते ओटीटी प्लेटफॉर्म या सोशल मीडिया पर स्क्रोल करते रहते हैं। अनजाने में ही हम दिन के 10-12 घंटे तक स्क्रीन की नीली रोशनी में डूबे रहते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस आदत का सबसे शांत, लेकिन सबसे खतरनाक असर हमारे किस हिस्से पर पड़ता है? इस लेख में पारस हेल्थ, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी, डॉ आरआर दत्ता (Dr. RR Dutta, HOD, Internal Medicine, Paras Health, Gurugram) से जानिए, ज्यादा फोन चलाने और सिरदर्द के बीच क्या संबंध है।
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ज्यादा फोन चलाने और सिरदर्द के बीच क्या संबंध है - Connection between frequent headache and screen exposure
डॉ आरआर दत्ता बताते हैं कि स्क्रीन एक्सपोजर का मतलब है रोजाना कितने घंटे आपका आंखों और दिमाग का संपर्क डिजिटल स्क्रीन से होता है। जब हम स्क्रीन को लगातार देखते हैं, तो आंखें कम पलक झपकाती हैं। इससे आंखें सूखने लगती हैं और Eye Strain बढ़ता है। आंखों का यह तनाव सीधे सिर तक पहुंचता है और धीरे-धीरे यह तनाव पेन का रूप ले लेता है। इसके अलावा स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट रेटिना पर असर डालती है और दिमाग के मेलाटोनिन हार्मोन को प्रभावित करती है। इससे नींद की क्वालिटी खराब होती है और नींद की कमी आगे चलकर सिरदर्द का कारण बन सकती है।
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ब्लू लाइट और माइग्रेन का संबंध
- माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए स्क्रीन का संपर्क और भी ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है।
- ब्लू लाइट दिमाग के दर्द रिसेप्टर को ज्यादा एक्टिव कर देती है।
- इसकी वजह से लाइट सेंसिटिविटी बढ़ जाती है और माइग्रेन अटैक ट्रिगर हो जाता है।
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स्क्रीन टाइम से होने वाले सिरदर्द से कैसे बचें?
- हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें।
- ब्लू लाइट फिल्टर या चश्मा इस्तेमाल करें, मोबाइल और लैपटॉप की नीली रोशनी आंखों पर कम प्रभाव डालेगी।
- ब्राइटनेस कमरे की रोशनी के बराबर रखें, बहुत तेज या बहुत कम ब्राइटनेस दोनों सिरदर्द बढ़ाते हैं।
- काम के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लें, हर घंटे 3-5 मिनट का ब्रेक जरूरी है।
- रात में फोन का इस्तेमाल कम करें, सोने से 1 घंटा पहले स्क्रीन बंद कर दें ताकि नींद बेहतर हो।
डॉक्टर से कब मिलें?
यदि सिरदर्द हफ्ते में 2-3 बार हो रहा हो, आंखों में जलन या धुंधलापन के साथ हो, नींद को प्रभावित कर रहा हो, माइग्रेन की हिस्ट्री है, स्क्रीन से दूर रहने पर भी ठीक न हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
निष्कर्ष
आज के डिजिटल दौर में स्क्रीन एक्सपोजर से बचना मुश्किल है, लेकिन सिरदर्द को रोकना पूरी तरह संभव है। सही तरीके से स्क्रीन का उपयोग, नियमित ब्रेक, सही पोश्चर और आंखों की देखभाल, ये सब मिलकर आपके सिरदर्द को काफी हद तक कम कर सकते हैं। समय रहते आदतें बदलना ही भविष्य में होने वाली बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है।
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FAQ
बार-बार सिरदर्द का कारण क्या है?
बार-बार सिरदर्द का सबसे बड़ा कारण है तनाव, नींद की कमी, डिहाइड्रेशन, आंखों पर अधिक दबाव और लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल।क्या पानी की कमी से सिरदर्द होता है?
शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन सीधे दिमाग की ब्लड वैसेल्स को प्रभावित करता है, जिससे सिरदर्द होने लगता है। इसलिए रोज पर्याप्त पानी पीना जरूरी है।सिरदर्द से तुरंत राहत कैसे मिल सकती है?
कुछ मिनट का ब्रेक लेकर आंखें बंद करना, ठंडा पानी पीना, हल्की मसाज, स्क्रीन ब्राइटनेस कम करना और शांत जगह में बैठना तुरंत राहत देता है।
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Nov 23, 2025 08:02 IST
Published By : Akanksha Tiwari