
क्या आपकी नाक बार-बार बहती रहती है? क्या सुबह उठते ही छींकें, नाक बहना और सिर भारी महसूस होता है? अगर हां, तो इसे सिर्फ सर्दी-जुकाम समझने की गलती न करें। आयुर्वेद के अनुसार नाक से पानी आना (Runny Nose) केवल ठंड लगने या मौसम बदलने की वजह से नहीं होता, बल्कि यह शरीर के अंदर कफ दोष और रस धातु विकृति का संकेत भी हो सकता है। आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि नाक से पानी आने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे पहले यह पहचानना जरूरी है कि यह सामान्य नजला-जुकाम है या सिर से सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (CSF) का रिसाव। कई बार लोग मस्तिष्क से निकलने वाले तरल को नाक का पानी समझ लेते हैं, जो बेहद गंभीर स्थिति होती है। इसलिए अगर नाक से पारदर्शी तरल लगातार निकल रहा है, सिर में भारीपन या चक्कर की शिकायत है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है। इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, नाक से पानी आने के कारण और इसका इलाज क्या है?
नाक से पानी आने के कारण और इलाज - Runny Nose Causes And Treatment
डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, बहुत से लोग यह गलती कर बैठते हैं कि नाक से आने वाले हर तरह के पानी को जुकाम समझ लेते हैं। जबकि कुछ मामलों में यह सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड भी हो सकता है, जो मस्तिष्क से रिसकर नाक के जरिए बाहर आता है। इस स्थिति में सामान्य घरेलू उपाय या जुकाम की दवा असर नहीं करती। इसलिए अगर नाक से लगातार पारदर्शी तरल निकल रहा है और सिर में भारीपन या चक्कर जैसी शिकायत है, तो तुरंत ENT विशेषज्ञ से जांच करवानी चाहिए। अगर जांच में पुष्टि हो जाए कि यह सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड नहीं है, तब इसे सामान्य नजला या जुकाम माना जा सकता है।
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आयुर्वेद के अनुसार नजला-जुकाम का मूल कारण
आयुर्वेद में नजला या जुकाम का संबंध रस धातु और कफ दोष से माना गया है। डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि शरीर में जब रस धातु विकृत होती है, तो इसका प्रभाव सबसे पहले नाक, गला और सिर पर पड़ता है। खासकर जब व्यक्ति रात को बहुत देर से खाना खाता है या भोजन के तुरंत बाद दूध पी लेता है, तो यह विकृति और बढ़ जाती है। भोजन के देर से पाचन और गलत संयोजन से कफ दोष बढ़ता है। यह बढ़ा हुआ कफ सिर में जाकर जमा हो जाता है और सुबह या रात में नाक से पानी आने लगता है। यही स्थिति बार-बार दोहराए जाने पर क्रॉनिक राइनाइटिस या एलर्जिक कोल्ड का रूप ले सकती है।
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नाक से पानी आने पर घरेलू आयुर्वेदिक उपाय
अगर नजला-जुकाम बार-बार हो रहा है और नाक से पानी लगातार बह रहा है, तो डॉ. श्रेय शर्मा कुछ आसान लेकिन असरदार आयुर्वेदिक उपाय बताते हैं।
1. अदरक, काली मिर्च और शहद
रात में सोने से पहले एक चौथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर और अदरक का रस शहद में मिलाकर चाट लें। यह उपाय शरीर की ठंडक को कम करता है और कफ को पिघलाकर बाहर निकालता है।
2. बहेड़े का चूर्ण
इसमें प्राकृतिक रूप से कफ को संतुलित करने की क्षमता होती है। इसे अदरक और शहद के साथ मिलाकर लेने से जुकाम के साथ आने वाली गले की खराश भी ठीक होती है।
3. त्रिकटु चूर्ण (सोंठ, काली मिर्च, पिपली)
त्रिकटु का नियमित सेवन न केवल कफ को संतुलित करता है, बल्कि पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है। एक चुटकी त्रिकटु चूर्ण को शहद में मिलाकर सुबह-शाम लेने से नाक से पानी आना और बंद नाक दोनों में राहत मिल सकती है।
4. सुहागा और मग
सुहागा और मग साथ में लेने से पुराने नजले में बहुत लाभ होता है। इससे सिर में जमे कफ का शोधन होता है और नाक खुल जाती है।
निष्कर्ष
नाक से पानी आना भले ही सामान्य समस्या लगे, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यह शरीर के अंदर बढ़े हुए कफ दोष और विकृत रस धातु का संकेत है। अगर यह समस्या बार-बार हो रही है, तो लाइफस्टाइल में सुधार के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपायों को अपनाना फायदेमंद होता है। डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार नाक से पानी आना शरीर की सफाई का संकेत भी है, लेकिन अगर यह बार-बार हो रहा है, तो यह इस बात का संकेत है कि शरीर के अंदर कुछ असंतुलन है जिसे समय रहते सुधारना जरूरी है।
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Nov 05, 2025 06:04 IST
Published By : Akanksha Tiwari