Milk in bronchitis: ब्रोंकाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ों की ब्रांकाई में सूजन आ जाती है। ब्रोंकाइटिस के मरीजों को अक्सर लंबे समय बलगम वाली खांसी होती है और कई बार कंजेशन इतना ज्यादा हो जाता है कि सांस लेने में भी दिक्कत होती है। ऐसे में अक्सर ब्रोंकाइटिस के मरीज उन चीजों के सेवन से बचते हैं, जिससे बलगम बढ़ने की समस्या हो। इस स्थिति में सवाल आता है कि क्या दूध पीना बलगम और कंजेशन की समस्या बढ़ा सकता है? इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने चीफ डाइटिशियन प्रिया पालीवाल, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट दिल्ली से बात की। साथ ही जानेंगे कि अगर आप स्थिति में दूध पी रहे हैं तो आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
क्या ब्रोंकाइटिस में दूध पी सकते हैं-kya bronchitis mein dudh pi sakte hain?
चीफ डाइटिशियन प्रिया पालीवाल बताती हैं कि दूध ब्रोंकाइटिस वाले लोगों के लिए कुछ हद तक लाभकारी हो सकता है, लेकिन इसे सही तरीके से और सही समय पर पीना जरूरी होता है। दूध में पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की मजबूती बढ़ाते हैं, लेकिन कभी-कभी दूध बलगम बनाता है, जिससे कफ बढ़ सकता है इसलिए ब्रोंकाइटिस के दौरान दूध का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
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दूध कैसे बलगम बढ़ा सकता है-Does milk increase mucus production?
NIH के अनुसार दूध पीने से बलगम की समस्या बढ़ सकती है। अत्यधिक दूध के सेवन का श्वसन तंत्र में बलगम के उत्पादन में वृद्धि और अस्थमा से पुराना संबंध है। दरअसल, बड़ी आंतों में A1 दूध के टूटने से बीटा-कैसोमोर्फिन-7 का प्रोडक्शन होता है जो एक एक्सोर्फिन है और आंत की MUC5AC ग्रंथियों से बलगम के उत्पादन को उत्तेजित करता है। ऐसे में जब आप दूध पीते हैं तो कफ बनने की समस्या बढ़ जाती है और इससे ब्रोंकाइटिस में कंजेशन की दिक्कत बढ़ने लगती है।
ब्रोंकाइटिस में दूध कब और कैसे पिएं-How to have milk in bronchitis
चीफ डाइटिशियन प्रिया पालीवाल की मानें तो ब्रोंकाइटिस में दूध सुबह या शाम को गर्म करके ही पिएं। ध्यान रखें कि दूध में हल्दी या अदरक मिलाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है क्योंकि ये सूजन कम करते हैं और कफ को घटाते हैं। इसके अलावा ब्रोंकाइटिस में अदरक और हल्दी, दोनों ही इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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हल्दी अपने एक्टिव कंपाउंड, करक्यूमिन के कारण ब्रोंकाइटिस की समस्या में फाफी फायदेमंद हो सकती है। ये कंपाउंड सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है जो कि ब्रोंकाइटिस में वायुमार्ग की सूजन को कम करके और बैक्टीरिया से लड़कर ब्रोंकाइटिस की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।
बात अदरक की करें, तो अदरक कफ को तोड़ने वाला है और इसका एंटीइंफ्लेमेटरी गुण फेफड़ों की सूजन में कमी ला सकता है। साथ ही जब आप इसे दूध में मिलाकर पीते हैं तो कफ की समस्या नहीं होती और फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
ध्यान देने वाली बात
अगर आप ब्रोंकाइटिस के मरीज हैं तो ठंडा या ज्यादा ठोस दूध पीने से बचें क्योंकि यह कफ को और बढ़ा सकता है। दूध पीने के बाद तुरंत सोने से बचें और शरीर को आराम दें। ब्रोंकाइटिस में जलयोजन और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार दवाइयां लेना भी जरूरी है। अगर दूध पीने से कफ बहुत बढ़ता है या असुविधा होती है तो इसका सेवन बंद कर देना चाहिए।
FAQ
ब्रोंकाइटिस में क्या परहेज करना चाहिए?
ब्रोंकाइटिस में आपको रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, ज्यादा तली भूनी चीजें, कॉफी और शराब के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि से कंजेशन के साथ फेफड़ों में सूजन की समस्या को बढ़ा सकते हैं जिससे आपकी दिक्कत बढ़ सकती है। साथ ही इस दौरान आपको ज्यादा शुगर के सेवन से भी बचना चाहिए।ब्रोंकाइटिस कितने दिन में ठीक होता है?
ब्रोंकाइटिस को ठीक होने में 10 से 20 दिन का समय लग सकता है। कई बार मौसमी बदलाव की वजह से व्यक्ति को ये लक्षण महीनों तक महसूस हो सकते हैं खासकर कि खांसी जल्दी ठीक नहीं होती और लंबे समय तक बनी रहती है। ऐसे में आपको दवाओं के साथ कुछ परहेज करने की जरुरत है।ब्रोंकाइटिस के 3 लक्षण क्या हैं?
ब्रोंकाइटिस के 3 मुख्य लक्षणों की बात करें तो सबसे पहले ब्रोंकाइटिस के मरीज को फेफड़ों में सूजन के साथ सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है। दूसरा, छाती में खुजली के साथ कंजेशन हो सकता है जिससे बार-बार खांसी आ सकती है। तीसरा, ब्रोंकाइटिस गंभीर रूप लेने पर आपको बलगम में खून नजर आ सकता है।