
बरसात का मौसम अपने साथ हरियाली और ताजगी तो लाता है, लेकिन इसी के साथ कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है। बदलते मौसम में डाइजेशन की समस्या, लिवर से जुड़ी दिक्कतें, वायरल इंफेक्शन, स्किन संबंधी रोग और कमजोरी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे समय में लोग अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नेचुरल उपायों की ओर रुख करने लगे हैं। आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां बताई गई हैं जो बरसात के मौसम में न सिर्फ आसानी से मिल जाती हैं बल्कि सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं होतीं। इन्हीं में से एक है भूमि आंवला।
भूमि आंवला को Phyllanthus Niruri का पौधा छोटा और कोमल होता है, जो बरसात के दिनों में खेतों, बगीचों और खुले स्थानों पर अपने आप उग आता है। दिखने में यह भले ही साधारण लगे, लेकिन आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे लिवर संबंधी रोगों के लिए बेहद प्रभावी माना गया है। खासतौर पर यह जड़ी-बूटी लिवर की सफाई करने, पीलिया में राहत देने और पाचन को दुरुस्त करने में उपयोगी बताई जाती है। एलोपैथिक दवाओं से अस्थायी आराम तो मिलता है, लेकिन लंबे समय तक साइड इफेक्ट्स का खतरा भी रहता है। ऐसे में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां एक नेचुरल विकल्प साबित होती हैं। भूमि आंवला का सेवन सही तरीके से किया जाए तो यह शरीर को भीतर से डिटॉक्स करता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है और कई मौसमी बीमारियों से बचाव करता है। आरोग्य विद आयुर्वेद सीरीज में आज हम रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से विस्तार से जानेंगे भूमि आंवला के फायदे, नुकसान और इसे इस्तेमाल करने के सही तरीके, ताकि आप इस बरसात के मौसम में अपनी सेहत को बेहतर और सुरक्षित रख सकें।
भूमि आंवला क्या है? - What is Bhumi Amla
भूमि आंवला एक छोटा हरा पौधा है जो जमीन पर बरसात के मौसम में आसानी से कहीं भी उगता है। इसके पत्ते छोटे-छोटे होते हैं और इनके नीचे छोटे हरे फल लगे रहते हैं जो आंवले जैसे दिखते हैं, इसी वजह से इसे भूमि आंवला कहा जाता है। आयुर्वेद में भूमि आंवला का स्वाद कड़वा-तिक्त बताया गया है और इसकी तासीर ठंडी मानी जाती है।
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भूमि आंवला की तासीर क्या होती है? - bhumi amla ki taseer kya hai
आयुर्वेद के अनुसार भूमि आंवला की तासीर ठंडी होती है। यही कारण है कि यह शरीर की गर्मी और पित्त को शांत करता है। पित्तजन्य रोग जैसे लिवर की समस्या, एसिडिटी और पेट की जलन में इसका सेवन लाभकारी होता है।
भूमि आंवला के पत्ते किस बीमारी में काम आते हैं? - bhumi amla ke patte kis kaam aate hai
भूमि आंवला के पत्ते हल्के कड़वे होते हैं और इनमें औषधीय गुण भरपूर पाए जाते हैं। इनके पत्तों का रस या काढ़ा खासतौर पर लिवर की बीमारी, पीलिया और पाचन संबंधी समस्याओं में उपयोगी होता है।
भूमि आंवला और आंवला में अंतर - amla aur bhumi amla mein antar
अक्सर लोग आंवला और भूमि आंवला को एक जैसा समझ लेते हैं। लेकिन आयुर्वेद में दोनों अलग-अलग औषधियां मानी जाती हैं। आंवला एक बड़ा पेड़ है जबकि भूमि आंवला छोटा पौधा है जो बारिश में आसानी से उग जाता है। आंवला पंचरस युक्त (मीठा, खट्टा, कसैला, कड़वा, तीखा) होता है, जबकि भूमि आंवला पंचरस युक्त नहीं होता। आंवला को रसायन यानी पुनर्यौवन और दीर्घायु देने वाली औषधि माना गया है, जबकि भूमि आंवला मुख्यतौर पर लिवर टॉनिक के रूप में जाना जाता है।
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भूमि आंवला के फायदे - Benefits of Bhumi Amla
1. लिवर का सबसे बड़ा टॉनिक
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि भूमि आंवला लिवर के लिए संजीवनी बूटी की तरह काम करता है। यह लिवर की कोशिकाओं को मजबूत करता है और हेपेटाइटिस, फैटी लिवर और सिरोसिस जैसी गंभीर समस्याओं में बेहद लाभकारी है। नियमित सेवन से लिवर फंक्शन सही रहता है।
2. हेपेटाइटिस में कारगर
हेपेटाइटिस ए, बी या सी जैसी स्थितियों में भूमि आंवला खासतौर पर असरदार माना जाता है। यह खून को शुद्ध करने और लिवर को इंफेक्शन से बचाने का काम करता है।
3. पाचन शक्ति में सुधार
भूमि आंवला की तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह पाचन तंत्र को शांत करता है। एसिडिटी, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं में इसका सेवन लाभकारी माना जाता है।
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4. यूरिन संबंधी रोगों में लाभकारी
भूमि आंवला मूत्र मार्ग की समस्याओं जैसे जलन, बार-बार पेशाब आना में उपयोगी हो सकता है।
5. इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार
यह पौधा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी मजबूत होती है और मौसमी बीमारियों से बचाव होता है।
भूमि आंवला का सेवन कैसे करें? - how to consume bhumi amla
- भूमि आंवला का सूखा चूर्ण बाजार में आसानी से उपलब्ध है। इसे खाने से पहले 1–2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी से लिया जा सकता है।
- 10 ग्राम भूमि आंवला चूर्ण को 200 ml पानी में उबालकर काढ़ा बनाया जा सकता है। इसे सुबह-शाम पीने से लिवर की समस्याएं और पाचन संबंधी रोगों में राहत मिलती है।
- इसके पत्तों को पीसकर रस निकालकर पीने से पीलिया और लिवर संबंधी बीमारियों में बहुत फायदा होता है।
भूमि आंवला के नुकसान - Side Effects of Bhumi Amla
डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार भूमि आंवला के कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होते। यह पूरी तरह सुरक्षित औषधि मानी जाती है। हालांकि, जिन लोगों को बहुत जल्दी दस्त या लूज मोशन की समस्या हो जाती है, उन्हें इसका अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
सावधानियां
- प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।
- बच्चों को बहुत कम मात्रा में ही दिया जाना चाहिए।
- ज्यादा सेवन से दस्त की समस्या हो सकती है।
निष्कर्ष
भूमि आंवला का छोटा सा पौधा लिवर के लिए संजीवनी बूटी माना जाता है और अनेक रोगों में कारगर है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसके कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हैं और इसे आसानी से घर पर काढ़े या चूर्ण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप लिवर को हेल्दी रखना चाहते हैं और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाना चाहते हैं, तो भूमि आंवला का सेवन बेहद फायदेमंद हो सकता है।
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