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What Is Jatyadi Oil: आयुर्वेद में लंबे समय से जात्यादि तेल का उपयोग किया जा रहा है। इसे बहुत ही फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसका उपयोग कई तरह से किया जा सकता है, जख्मों पर लगाया जा सकता है। यह एक तरह का एंटीसेप्टिक है, जिससे रिकवरी भी तेजी से होती है। जात्यादि तेल मुख्य रूप से चमेली के फूल से बनता है। इसे बनाने के लिए अलग-अलग तरह के हर्ब्स और नारियल तेल का यूज किया जाता है। इसमें नीम, हल्दी आदि भी मिक्स होते हैं। इस तरह, जात्यादि तेल काफी उपयोगी बन जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व हैं और अन्य प्रॉपर्टी भी हैं। ऐसे में आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि जात्यादि तेल हमारी स्किन के लिए किस तरह फायदेमंद है? इस बारे में जानने के लिए हमने सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की। आप भी इस लेख को जरूर पढ़ें।
जात्यादि तेल लगाने के फायदे- What Is The Benefits Of Jatyadi Oil
घाव के लिए फायदेमंद
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) में बताया गया है, "अगर किसी को चोट लगती है, तो इस स्थिति में घाव भरने के लिए आप जात्यादि तेल लगा सकते हैं। इसे कटे हुए हिस्से में, जलन होने पर या कट लगने पर लगानो से घाव तेजी से भरने लगता है। दरअसल, यह जख्म पर एक तरह का प्रोटेक्टिव लेयर बना देता है, जिससे इंफेक्शन का रिस्क कम होता है। यहां तक कि अल्सर पर भी जात्यादि तेल काफी कारगर तरीके से काम करताहै।"
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एनोरेक्टल कंडीशन में लाभकारी
डॉ. श्रेय शर्मा कहते हैं, "एनोरेक्टल कंडीशन यानी पाइल्स, एनल फिशर आदि के मरीजों के लिए भी इस तेल का उपयोग किया जाता है। असल में पाइल्स होने की वजह से मरीजों के लिए मल त्याग प्रक्रिया काफी कठिन हो जाती है। मल त्याग करते समय उन्हें दर्द होता है और कभी-कभी खून भी आ सकता है। इससे बचने के लिए जात्यादि तेल लगाया जा सकता है। इससे प्रभावित हिस्से का दर्द कम होता है, खुजली में कमी आती है और ब्लीडिंग की समस्या भी दूर होती है।"
स्किन से जुड़ी समस्या में उपयोगी
डॉ. श्रेय शर्मा की मानें, "जात्यादि तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-फंगल तत्व पाए जाते हैं। इसीलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आप इसका इस्तेमाल तरह-तरह की स्किन कंडीशन, जैसे एक्जिमा, सोरायसिस, डर्माटाइटिस आदि में कर सकते हैं। हालांकि, इस बात का पूरा ध्यान रखें कि अगर आपको किसी भी तरह की स्किन कंडीशन है, तो जात्यादि तेल को यूज करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।"
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कीड़े के काटने पर प्रभावशाली
जात्यादि तेल न सिर्फ स्किन से जुड़ी पेरशानियों के लिए फायदेमंद है, बल्कि अगर आपको किसी कीड़े ने काट दिया है, कहीं जल गया है, फोड़े हो गए हैं, तो इस स्थिति में भी जात्यादि तेल प्रभावशाली तरीके से काम करता है। यहां तक फट एड़ी पर भी इसे लगाया जा सकता है।
पोस्ट सर्जिकल केयर में लाभकारी
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि आयुर्वेद में लंबे समय से उपयोग होने पर जात्यादि तेल का इस्तेमाल पोस्ट सर्जिकल केयर में भी किया जा सकता है। असल में पोस्ट सर्जरी के बाद स्टिचेस में इंफेक्शन होने या घाव के समय पर न भरने का रिस्क रहता है। इस रिस्क को कम करने के लिए जात्यादि तेल लगाया जा सकता है। इसे प्रभावित स्किन पर लगाने से टिश्यज रिजनरेट होते हैं और इंफेक्शन से बचाव भी हो जाता है।
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निष्कर्ष
कुल मिलाकर, आप कह सकते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार जात्यादि तेल हमारी त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसे स्किन से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या पर लगाया जा सकता है। फिर चाहे, स्किन ड्राई हो गई है या स्किन में कट तथा छिल गया है। इसका उपयोग करने से स्किन स्मूद हो जाती है और घाव भरने में मदद भी करती है।
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FAQ
जात्यादि तेल के क्या उपयोग हैं?
जात्यादि तेल त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इसका उपयोग त्वचा से संबंधित तरह-तरह की समस्याओं पर किया जा सकता है, जैसे घावों, चोटों, बवासीर, खुजली, जलन।जात्यादि तेल कब लगाना चाहिए?
जात्यादि तेल का इस्तेमल आप अपनी जरूरत के अनुसार कभी भी कर सकते हैं। जैसे आप चाहें, तो नहाने से पहले या नहाने के बाद इसे अप्लाई कर लें, कहीं जल गया है, तो तुरंत इसे प्रभावित हिस्से में लगाएं। वहीं, अगर किसी को मल त्याग प्रक्रिया में कठिनाई आती है, तो तब भी उपयोग कर कर सकते हैं।रात को सोते समय कौन सा तेल लगाना चाहिए?
रात को सोते समय आपक सिर पर सरसों के तेल या नारियल तेल से मालिश करें। इससे रात को नींद अच्छी आती है।
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Oct 16, 2025 13:22 IST
Modified By : Meera TagoreOct 16, 2025 13:22 IST
Published By : Meera Tagore