Doctor Verified

पेट की गैस और बेचैनी में कैसे फायदेमंद है बेल पत्र? आयुर्वेदाचार्य से जानें उपयोग और फायदे

बेल का पेड़ और इसके पत्ते आयुर्वेद में बहुत ही महत्व रखते हैं। यहां जानिए, पेट की गैस और बेचैनी में बेल पत्र के फायदे और उपयोग के तरीके।
  • SHARE
  • FOLLOW
पेट की गैस और बेचैनी में कैसे फायदेमंद है बेल पत्र? आयुर्वेदाचार्य से जानें उपयोग और फायदे


आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान और तनावपूर्ण लाइफस्टाइल के चलते लोगों में पाचन से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। सुबह का नाश्ता स्किप करना, दिनभर जंक फूड खाना और फिजिकल एक्टिविटी की कमी, ये सभी आदतें शरीर के पाचन तंत्र पर बुरा असर डालती हैं। इसके नतीजे में पेट फूलना (ब्लोटिंग), गैस बनना, अपच और बेचैनी जैसी परेशानियां आम हो जाती हैं। खासकर शाम होते-होते लोगों को पेट में भारीपन, गुड़गुड़ाहट और गैस की तकलीफ महसूस होती है, जिससे नींद और मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ता है। ऐसे में कई लोग एंटी-एसिड या गैस की दवाएं तुरंत लेते हैं, लेकिन ये समाधान सिर्फ अस्थायी होते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, इन समस्याओं की जड़ शरीर में पाचन अग्नि की कमजोरी और आंतों में विषैले तत्वों (आमा) के जमा होने से जुड़ी होती है। आयुर्वेद में कुछ ऐसे प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं जो शरीर को बिना किसी साइड इफेक्ट के संतुलन में लाते हैं और पेट की समस्याओं से राहत देते हैं। ऐसा ही एक औषधीय पत्ता है बेल पत्र, यानी बेल के पत्ते। बेल का पौधा भारत में धार्मिक दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही इसके औषधीय गुण भी बेहद लाभकारी माने गए हैं। इस लेख में मेवाड़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एवं प्राकृतिक चिकित्सालय बापू नगर, जयपुर की वरिष्ठ चिकित्सक योग, प्राकृतिक चिकित्सा पोषण और आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता (Dr. Kiran Gupta, Yoga, Naturopathy, Nutrition and Ayurveda Specialist, Professor at Mewar University and Senior Physician at Naturopathy Hospital, Bapunagar, Jaipur) से जानिए, पेट की गैस और बेचैनी में बेल पत्र के फायदे और उपयोग के तरीके क्या हैं?

पेट की गैस और बेचैनी में बेल पत्र के फायदे - Benefits of Bel Patra in stomach gas and uneasiness

बेल का पेड़ भारत में पवित्र माना जाता है और इसके पत्ते विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा में भी उपयोग होते हैं। आयुर्वेद में इसे वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने वाला माना गया है। बेल पत्र में ऐसे तत्व होते हैं जो पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं और गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत देते हैं। यह प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर है, जो पेट की सूजन कम करने में मदद करते हैं। पेट फूलना यानी ब्लोटिंग एक ऐसी समस्या है जिसमें पेट में गैस जमा हो जाती है, जिससे पेट फूला हुआ और भारी महसूस होता है। इसके साथ ही पेट में दर्द, ऐंठन और बेचैनी भी हो सकती है। यह समस्या ज्यादातर खराब पाचन, अनियमित खानपान, तनाव या पाचन तंत्र की कमजोरी के कारण होती है। डॉ. किरण गुप्ता बताती हैं कि इसका इस्तेमाल सर्दियों के मौसम में ज्यादा लाभकारी होता है।

इसे भी पढ़ें: शरीर में सूजन की वजह से बढ़ रहा मोटापा? पिएं हल्दी और मेथी दाने से बनी ये एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रिंक

1. पाचन शक्ति बढ़ाए

बेल पत्र पाचन अग्नि को बढ़ाता है, जिससे भोजन सही तरह से पचता है और गैस बनने की संभावना कम हो जाती है। यह अपच, बदहजमी और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देता है।

2. गैस और सूजन कम करे

बेल के पत्तों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पेट में जमा गैस को निकालने में मदद करते हैं और सूजन को कम करते हैं। इससे पेट हल्का महसूस होता है।

इसे भी पढ़ें: शरीर की सूजन कम करने के लिए रोज करें ये 4 योगासन, दर्द से भी मिलेगी राहत 

3. तनाव और बेचैनी दूर करे

पेट की समस्या अक्सर तनाव और मानसिक बेचैनी से जुड़ी होती है। बेल पत्र का सेवन मानसिक शांति प्रदान करता है और पेट से जुड़ी बेचैनी को कम करता है।

4. नेचुरल एंटीबैक्टीरियल गुण

बेल पत्र में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो पेट के इंफेक्शन को रोकते हैं और आंतों की सेहत बनाए रखते हैं।

Bael-Patra-For-Bloating-in-hindi

बेल पत्र का सेवन कैसे करें? - How to consume Bel Patra

1. बेल पत्र की चाय

एक कप गर्म पानी में 5-6 बेल के पत्ते डालकर 5-7 मिनट तक उबालें। इसे छानकर दिन में 2-3 बार पीने से पेट की सूजन और गैस में आराम मिलता है।

2. बेल पत्र का रस

ताजा बेल पत्र का रस निकालकर इसे थोड़े से शहद के साथ सेवन करें। यह भी पेट की समस्याओं में बहुत लाभकारी होता है।

3. बेल पत्र के पाउडर का उपयोग

बेल पत्र सुखाकर पाउडर बना लें और इसका आधा चम्मच पाउडर रोजाना गर्म पानी के साथ लें। इससे पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट हल्का रहता है।

निष्कर्ष

बेल पत्र आयुर्वेद की एक प्राचीन और प्रभावशाली जड़ी-बूटी है, जो पेट फूलने, गैस, अपच और बेचैनी जैसी समस्याओं में प्राकृतिक राहत देती है। इसके नियमित और सही सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर में हल्कापन महसूस होता है। हालांकि, बेल पत्र का सेवन करते समय सावधानी और सही मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है। यदि पेट की समस्या लगातार बनी रहे, तो डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • पेट में ब्लोटिंग हो तो क्या करें?

    अगर पेट में ब्लोटिंग हो रही हो, तो सबसे पहले हल्का और सुपाच्य भोजन लें जैसे खिचड़ी, सूप या उबली सब्जियां। दिनभर में थोड़ा-थोड़ा करके खाना खाएं और अधिक पानी पिएं। अदरक की चाय, सौंफ, अजवाइन या बेल पत्र की चाय भी ब्लोटिंग कम करने में मदद करती है। ज्यादा नमक, तली-भुनी चीजें और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से परहेज करें। खाने के तुरंत बाद लेटना न करें और हल्की वॉक करें। लगातार समस्या हो तो डॉक्टर से मिलें।
  • पेट में भारीपन और बेचैनी के क्या कारण हैं?

    पेट में भारीपन और बेचैनी के कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम कारण है गलत खानपान जैसे तली-भुनी, मसालेदार या अधिक मात्रा में खाना। तेजी से खाना खाना या अधपचा भोजन भी पाचन को बिगाड़ता है। तनाव, नींद की कमी और पानी कम पीना भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। कुछ लोगों में लैक्टोज इनटॉलरेंस या ग्लूटन सेंसिटिविटी के कारण भी पेट में भारीपन महसूस होता है। आयुर्वेद के अनुसार, जब पाचन अग्नि (जठराग्नि) कमजोर हो जाती है, तो शरीर में विषैले तत्व बनने लगते हैं, जिससे पेट में असहजता होती है।
  • बेल के पत्ते पीने के क्या फायदे हैं?

    बेल के पत्तों का सेवन आयुर्वेद में अत्यंत लाभकारी माना गया है। इसे पीने से पाचन शक्ति बढ़ती है, जिससे गैस, अपच और पेट फूलने जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। बेल पत्र में एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो आंतों को साफ रखते हैं और इंफेक्शन से बचाते हैं।

 

 

 

Read Next

क्या डायबिटीज में बालम खीरा खा सकते हैं? एक्सपर्ट से जानें जवाब

Disclaimer