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फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस बचने के लिए महिलाएं फॉलो करें ये 5 आयुर्वेदिक टिप्स

Ayurvedic Tips To Prevent Fibroid And Endometriosis: महिलाएं इन सरल आयुर्वेदिक टिप्स को फॉलो करके फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस से बच सकती हैं।
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फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस बचने के लिए महिलाएं फॉलो करें ये 5 आयुर्वेदिक टिप्स


Ayurvedic Tips To Prevent Fibroid And Endometriosis: फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस, दोनों ही महिलाओं के गर्भाशय में होने वाली गंभीर स्थितियां हैं। फाइब्रॉएड स्मूथ मांसपेशियों के ट्यूमर होते हैं, आमतौर पर गैर-कैंसरयुक्त होते हैं। इस स्थिति में महिलाओं के गर्भाशय की मांसपेशियों की परतें गर्भाशय में बढ़ने लगती हैं। वहीं, एंडोमेट्रियोसिस की बात करें, तो यह स्थिति तब पैदा होती है, जब गर्भाशय के चारों ओर मौजूद टिशू का असामान्य रूप से विकास या वृद्धि होने लगती है। इसकी वजह से अंडाशय पर सिस्ट बन सकते हैं। साथ ही, इसकी वजह से आसपास के टिशू भी प्रभावित हो सकते हैं। यह स्थिति आपके प्रजनन अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए इन दोनों ही स्थितियों से बचने के लिए अधिक सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। इन दोनों ही स्थितियों से बचा जाना बहुत जरूरी है, क्योंकि लंबे समय में इनकी वजह से महिलाओं में बांझपन की समस्या भी देखने को मिल सकती है।

अब सवाल यह उठता है कि भविष्य में फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस से बचने के साथ ही इसके खतरे को कम करने के महिलाएं क्या कर सकती हैं? आयुर्वेदिक चिकित्सक और थायराइड एक्सपर्ट, डॉ. अल्का विजयन ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में इन दोनों ही स्थितियों से बचने के लिए कुछ आयुर्वेदिक टिप्स शेयर की हैं। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

Ayurvedic Tips To Prevent Fibroid And Endometriosis in hindi

फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस से बचने के आयुर्वेदिक उपाय- Ayurvedic Tips To Prevent Fibroid And Endometriosis In Hindi

1. नाभि पूरन

इससे आपकी मांसपेशियों मजबूत बनती है। साथ ही, महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ऐंठन से भी राहत मिलता है।

2. गर्भाशय को स्वस्थ रखने के लिए किये जाने वाले योगासन का अभ्यास करें

आप भद्रासन और मस्त्यासन का अभ्यास कर सकते हैं, दोनों ही बहुत लाभकारी होते हैं।

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3. गर्भाशय के लिए टॉनिक का काम करने वाली हर्ब्स का सेवन करें

  • तिल खाने से ब्लीडिंग स्वस्थ रूप से होती है।
  • एलोवेरा का सेवन करने से ब्लीडिंग कंट्रोल में रहती है।
  • शतावरी का सेवन करने से गर्भाशय की मांसपेशियों मजबूत होती हैं।
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4. पीरियड्स के दौरान सावधानी बरतें

5. यौन गतिविधियों के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखें

  • यौन संबंध बनाने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा है।
  • डिनर या किसी भी समय भोजन के बाद यौन संबंध न बनाएं।
  • अधिक या बार-बार यौन संबंध बनाने से बचें।

ये आयुर्वेदिक उपाय महिलाओं के लिए कैसे लाभकारी हैं?

1. गर्भाशय में त्रिदोषों (वात, पित्त और कफ) के होमियोस्टैसिस को बनाए रखता है, विशेष रूप से वात दोष के।

2. महिला हार्मोन के उत्पादन रेगुलेट करने में मदद मिलती है

3. आनुवंशिक प्रवृत्ति को कंट्रोल में रखता है

All Image Source: freepik

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