इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को दूर करने में मददगार हो सकते हैं ये 5 योगासन

इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी की स्तंभन दोष की समस्या में कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है, जानें इनके बारे में।
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इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को दूर करने में मददगार हो सकते हैं ये 5 योगासन


इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी की स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction) एक गंभीर समस्या है जिसकी वजह से पुरुषों को सम्भोग के समय दिक्कत होती है। पुरुषों को शारीरिक संबंध बनाते समय इरेक्शन प्राप्त करने में इस समस्या का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर लोगों में यह समस्या 40 साल की उम्र के बाद होती है लेकिन कम उम्र में भी इस समस्या का शिकार हो सकते हैं। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें ज्यादातर मामलों तमाम प्रकार के उपायों को अपनाने के बाद भी कोई खास फायदा नहीं मिलता है। अगर आप भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से जूझ रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में योग का बहुत फायदा (Yoga Poses For Erectile Dysfunction) मिलता है। नियमित रूप से कुछ योगासनों का अभ्यास करने से न सिर्फ इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में फायदा मिलता है बल्कि इसकी वजह से होने वाली अन्य परेशानियां भी दूर होती हैं। आइये जानते हैं इन योगासनों के बारे में। 

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या में करें ये 5 योगासन (Yoga Asanas To Cure Erectile Dysfunction)

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इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से न सिर्फ आपके यौन स्वास्थ्य पर असर होता है बल्कि यह समस्या आपको मानसिक परेशानियों का शिकार बना सकती हैं। कई बार इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने के लिए लोग दवाओं का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उसकी वजह से कई अन्य साइड इफेक्ट्स भी झेलने पड़ते हैं। ऐसे में योगाभ्यास ही इस समस्या का सबसे बड़ा और कारगर उपाय माना जाता है। आइये जानते हैं इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में फायदेमंद 5 योगासनों के बारे में।

1. धनुरासन (Dhanurasana Or Bow Pose)

धनुरासन हठ योग की श्रेणी का योगासन है जिसके अभ्यास से पीठ को बहुत फायदा मिलता है। रीढ़ की हड्डी और डिस्क से जुड़ी समस्याओं में इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए। स्तम्भन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में धनुरासन का अभ्यास करने के कई फायदे मिलते हैं। इस योगासन का अभ्यास शुरुआत में बड़ी सावधानी के साथ एक्सपर्ट की देखरेख में किया जाना चाहिए।

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धनुरासन का अभ्यास कैसे करें?

धनुरासन का अभ्यास करने के लिए आप इन स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं।

  • धनुरासन करने के लिए सबसे पहले एस साफ स्थान पर योगा मैट बिछाएं। 
  • अब इस मैट पर पेट के बल लेट जाएं। अपने हिप्स के नीचें थोड़ा गैप रखें और हाथों को सीधा रखें।
  • अब अपने घुटनों को मोड़ते हुए सांस छोड़ें।
  • अपनी एड़ी को अपने नितंबों के पास लाएं।
  • अब धनुसाकार होते हुए, अपने पैरों की उंगलियों को हाथों से पकड़ें। 
  • अब गहरी सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं। 
  • इस दौरान अपने पैरों की एड़ियों को थोड़ा अधिक खींचने की कोशिश करेँ. 
  • पैरों को खींचते हुए अपने पेट के वजन को संतुलित बनाए रखें और अपने सिर को बिल्कुल सीधा रखें। 
  • शरीर के लचीलेपन के आधार पर अपने शरीर को खींचने की कोशिश करेँ। 
  • इस स्थिति में 30 सेकंड के लिए रुकें और पुन: अपनी मुद्रा में वापस लौट आएं।
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2.  पश्चिमोत्‍तासन (Paschimottanasana)

पश्चिमोत्‍तासन योग को Seated Forward Bend pose कहते हैं। यह एक बेहतरीन योग मुद्रा है जो तंत्रिका तंत्र (Nervous system) पर एक गहरा प्रभाव डालता है। इस आसन का अभ्यास करने से न सिर्फ शारीरिक समस्याओं में फायदा मिलता है बल्कि इसके अभ्यास से मन को भी शांति मिलती है। इसका नियमित अभ्यास करने से खून भी साफ होता है। पेट, शरीर की समस्या और मानसिक शांति के लिए इस योगासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समयसा में इसका अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है।

पश्चिमोत्‍तासन का अभ्यास कैसे करें?

  • सबसे पहले आप सुखासन में बैठ जाएं और गहरी सांसें लें और छोड़ें। इससे मन शांत होता है। 
  • अब अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीध में खोलकर बैठ जाएं। दोनों एड़ी और पंजे मिले रहेंगे। 
  • अब सांस छोड़ते हुए और आगे की ओर झुकते हुए दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे पकड़ लें। 
  • माथे को घुटनों से लगाएं और दोनों कोहनियां जमीन पर लगी रहेंगी। जैसा कि आप तस्‍वीरों में देख सकते हैं।
  • इस पोजिशन में आप खुद को 30 से 60 सेकेंड तक रखें। धीमी सांसें लेते रहें। 
  • अब अपने पूर्व की मुद्रा में वापस आ जाएं और आराम करें।
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3. कुंभकासन (Kumbhakasana Or Plank Pose)

कुंभकासन का नियमित अभ्यास हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसका नियमित अभ्यास करने से आपके कंधे की हड्डियां भी मजबूत होती हैं। सर्दियों में शरीर का तापमान बढ़ाने के लिए फायदेमंद योगासन में से एक योग कुंभकासन भी है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी की स्तंभन दोष  की समस्या में भी इसका अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है।

कुंभकासन का अभ्यास कैसे करें?

  • कुंभकासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले आप पालथी मारकर योगा मैट पर बैठ जाएं।
  • अपने शरीर को प्लैंक करने के लिए तैयार करें।
  • इसमें सबसे पहले दोनों हाथों से मुट्ठी बनाकर, 10 बार क्लॉक वाइज और 10 बार एंटी-क्लॉक वाइज घुमाएं।
  • अपने दोनों हाथों को अपने सामने मैट पर रख दें। दोनों हाथों के बीच में कंधे के बराबर गैप होगा। 
  • धीरे-धीरे अपने घुटनों को पीछे से उठाते हुए पंजे के बल आते हुए कुंभक आसन में आएं। 
  • इस आसन में सारा दबाव हमारे हाथ, पेट, हिप्स और जांघ पर होगा।
  • 15-20 सेकेंड होल्ड करें और वापस आ जाएं और विश्राम करें। 
  • धीरे-धीरे काउंट को बढ़ाते हुए 1 मिनट तक ले जाएं।  
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4. बद्ध कोणासन (Baddha Konasana)

बद्ध कोणासन का अभ्यास पैरों और घुटने की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इस आसन का अभ्यास बहुत आसान होता है और किसी भी उम्र में इसका अभ्यास किया जा सकता है। यह आसन पैरों, घुटनों और हिप्स के लिए फायदेमंद होता है। इसका नियमित अभ्यास करने से शरीर में खून का संचार भी सुचारू तरीके से होता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में भी इसका अभ्यास बहुत उपयोगी होता है।

बद्ध कोणासन का अभ्यास कैसे करें?

  • बद्ध कोणासन का अभ्यास करने के लिए योगा मैट पर बैठ जाएं।
  • इसके बाद सांस को बाहर की तरफ छोड़ते हुए पैरों को घुटनों से मोड़ें।
  • दोनों पैरों की एड़ियों को पेट के नीचे की तरफ लेकर जाएं।
  • अब दनों घुटनों को नीचे की तरफ खींचे।
  • बाएं पर के अंगूठे और उंगली से दाहिने पैर के अंगूठे को पकड़ें।
  • इस आसन का अभ्यास करते समय रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें।
  • दोनों जांघों पर थोड़ा सा दबाव देते हुए स्ट्रेच करें।
  • इस स्थिति में लगभग 5 मिनट तक रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।

5. उत्तानासन (Uttanasana)

उत्तानासन या स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड पैर की उंगलियों को पकड़ कर किया जाता है। यह आसन शरीर को अच्छा स्ट्रेच देने और मन, दिमाग शांत रखने के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसका नियमित अभ्यास आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में भी इस आसन का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है।

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उत्तानासन का अभ्यास कैसे करें?

  • योगा मैट पर एकदम सीधे खड़े हो जाएं।
  • अब अपने पैरों में एक फीट की दूरी बना लें।
  • इसके बाद गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर सिर की तरफ ले जाएं।
  • सांस को छोड़ते हुए हाथ नीचे की ओर लाएं।
  • अब अपने हाथों के पैर के अंगूठों को छूने की कोशिश करें।
  • कुछ देर इस पोजीशन में रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।

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ऊपर बताये गए सभी योगासनों का अभ्यास करने से इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में फायदा मिलता है। इसके आलावा इस समस्या में किसी एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह लेना फायदेमंद माना जाता है। अच्छी जीवनशैली और स्वस्थ व संतुलित खानपान अपनाकर भी आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं।

(all image source - freepik.com)

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