आठ देशों के 52,000 पुरुषों पर किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि स्तंभन दोष (Erectile dysfunction) पुरुषों के समस्याओं से सामना करने में मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। शोध के मुताबिक, यह समस्या काम को लेकर कम उत्सुकता और जीवन की स्वास्थ्य गुणवत्ता में कमी से जुड़ा हुआ है।
स्तंभन दोष को कम से कम लगातार तीन महीने की अवधि से ज्यादा यौन संबंध के दौरान स्तंभन को बनाए रखने या फिर हासिल करने में मुश्किल होने के रूप में परिभाषित किया गया है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ क्लीनिकल प्रेक्टिस में प्रकाशित और फिजर द्वारा वित्तपोषित इस अध्ययन में फ्रांस, इटली, ब्राजील, चीन, जर्मनी, स्पेन, ब्रिटेन और अमेरिका के 40 से 70 साल की आयु के 52,000 से ज्यादा पुरुषों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वे से प्राप्त आंकड़ों का प्रयोग किया गया।
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शोधकर्ताओं ने छह महीने की अवधि के लिए स्तंभन को बनाए रखने या हासिल करने में प्रतिभागियों की मुश्किलात पर अपने अनुभव और सेल्फ रिपोर्टेड डेटा पर विश्वास किया। विश्वभर में स्तंभन दोष की दर 49.7 फीसदी रही जबकि इस सूची में इटली 54.7 फीसदी की दर के साथ शीर्ष पर रहा।
इस प्रकार की समस्या से नहीं जूझ रहे पुरुषों की तुलना में, वे लोग जो स्तंभन दोष से पीड़ित हैं उनमें काम में मन न लगने का स्तर (3.2 फीसदी के मुकाबले 7.1 फीसदी ) अधिक पाया गया। इसके अलावा इनमें वर्क प्रोडक्टीविटी 11.2 फीसदी के मुकाबले 24.8 फीसदी कम पाई गई। इतना ही नहीं ये लोग कार्यस्थल पर 14.5 फीसदी के मुकाबले 28.6 फीसदी कम सक्रिय पाए गए।
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अध्ययन के लेखकों के मुताबिक, '' स्तंभन दोष काम उत्पादकता और स्वास्थ्य से संबंधित जीवन की गुणवत्ता के संबंध के रूप में बड़ा बोझ डाल रहा है। इतना ही नहीं इसके परिणाम गंभीरता के साथ जुड़े हैं। बेहतर प्रबंधन और शुरुआती उपचार इस बोझ को कम करने में मदद कर सकता है, विशेषकर उन देशों में जहां स्तंभन दोष और खराब आर्थिक हालात व स्वास्थ्य परिणाम के बीच एक मजबूत संबंध दर्ज किया गया है।''
यह अध्ययन इसलिए भी सीमित है क्योंकि यह मुख्य रूप से प्रतिभागियों की सेल्फ रिपोर्टिंग पर आधारित है।
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